Tapi-Karjan Lift Project: गुजरात के जल संसाधन राज्य मंत्री मुकेश पटेल ने विधानसभा में पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि तत्कालीन मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तकनीक का अधिकतम उपयोग कर विभिन्न सिंचाई योजनाओं पर अमल किया है। ताकि पानी की एक भी बूंद बर्बाद न हो और किसानों को अधिक से अधिक सिंचाई सुविधाएं मिल सकें। सूरत और नर्मदा जिलों के लिए 1000 करोड़ रुपये और 651 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली तापी-कर्जन लिफ्ट परियोजना का 92 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है, जिसका जल्द ही उद्घाटन किया जाएगा। सूरत और नर्मदा जिले के 73 गांवों के 53,748 एकड़ क्षेत्र को लाभ मिलेगा।
तापी-कर्जन लिफ्ट परियोजना
तापी-कर्जन लिफ्ट परियोजना भारत की पहली ऐतिहासिक सिंचाई परियोजना है, जिसमें 212 मीटर की ऊंचाई तक पानी उठाकर किसानों के खेतों तक पहुंचाने की योजना है। इस योजना से सूरत और उमरपाड़ा के 73 गांवों को सिंचाई सुविधा का लाभ मिलेगा। इसमें सूरत जिले के उमरपाड़ा तालुका के 51 गांवों का 35,946 एकड़ क्षेत्र और नर्मदा जिले के डेडियापाड़ा तालुका के 22 गांवों का 17,802 एकड़ क्षेत्र शामिल है।
उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत 99 मौजूदा चेक डैम और 4 नए चेक डैम को पानी से भरा जाएगा, जिससे कुल 103 चेक डैम बनेंगे। इस योजना के तहत चार पंपिंग स्टेशन भी बनाए जाएंगे, जिसमें तीन पंपिंग स्टेशनों का कार्य पूर्ण हो चुका है। उन्होंने कहा कि दोनों पंपिंग स्टेशनों का 70 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है तथा जल्द ही पूरा हो जाएगा।
73 गांवों को मिलेगा लाभ
तापी कर्जन लिफ्ट सिंचाई योजना के तहत सूरत और नर्मदा के 73 गांवों को लाभ मिलेगा। इस योजना के तहत 103 चेक डैम को पानी की आपूर्ति की जाएगी, जिनमें से 99 चेक डैम बनकर तैयार हो चुके हैं। विधायक दर्शन देशमुख के सवाल पर सरकार ने सदन में यह जवाब दिया है।
इस योजना में उमरपाड़ा और दिव्यपाड़ा क्षेत्रों के 56 गांव शामिल हैं। हालांकि, सरकार नदी में बहने वाले पानी के बजाय स्थानीय स्तर पर सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराने पर विचार कर रही है। मंत्री मुकेश पटेल ने गणपति वसावा के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में यह जवाब दिया।
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