ठाकुर भूपेंद्र सिंह, सूरत: सूरत क्राइम ब्रांच की अल कायदा के लिए फंडिंग के मुद्दे पर बड़ी कार्रवाई सामने आई है, जिसमें वांछित आरोपी से जुड़े एक बांग्लादेशी को सूरत से गिरफ्तार किया गया है। बांग्लादेशी नागरिक, जिसकी पहचान अबू बकर के रूप में हुई है। अबू बकर एनआईए के वांटेड आरोपी हुमायूं खान के संपर्क में था। पुलिस को गुमराह करने के लिए वह सूरत के पीओएस इलाके में नौकरी की तलाश में था।
2015 में आया था भारत
अबू बकर 2015 में बेनापोल प्वाइंट सीमा पार कर भारत में दाखिल हुआ था और उसने अहमदाबाद में फर्जी आधार कार्ड बनाया था। अबू बकर ने अहमदाबाद के गौतम नाम के व्यक्ति के पास फर्जी आधार कार्ड बनवाया था। अल कायदा के फंडिंग को लेकर एनआईए की चल रही जांच से जुड़ी अबू बकर की गिरफ्तारी से कई महत्वपूर्ण खुलासे होने की संभावना है। यह पता चला है कि व्यक्ति संभवतः कानून प्रवर्तन से बचने के प्रयास के रूप में सूरत के पीओएस क्षेत्र में रोजगार की तलाश भी कर रहा था।
जांच में हो सकते हैं कई खुलासे
इस मामले को लेकर अपराध शाखा द्वारा की गई कार्रवाई आतंकवाद और सुरक्षा से संबंधित मुद्दों से निपटने के लिए उनकी प्रतिबद्धता का प्रमाण है। इसमें जैसे-जैसे जांच जारी रहेगी और भी विवरण सामने आ सकते हैं, जो इस नेटवर्क की सीमा और राष्ट्रीय सुरक्षा पर इसके प्रभाव पर प्रकाश डालेंगे। इस गिरफ्तारी ने देश की सुरक्षा को बनाए रखने में सतर्कता और परिश्रम की आवश्यकता पर बल देते हुए, अंतरराष्ट्रीय खतरों से निपटने में कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच सहयोग के महत्व को भी रेखांकित किया है।
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अबू बकर वैश्विक आतंकी नेटवर्क की भारतीय उपमहाद्वीप इकाई AQIS का सदस्य है, जो भारतीय नागरिक बन गया पहले वह अहमदाबाद में रहा और फिर सूरत में स्थानांतरित हो गया। जांच में पता चला कि वह एक अन्य बांग्लादेशी और हवाला कारोबारी के संपर्क में था।