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प्रधानमंत्री मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट: बुलेट ट्रेन का सपना होगा साकार, साबरमती मल्टी मॉडल ट्रांसिट हब पूरी तरह से बनकर तैयार

Dream Project Bullet Train: स्टेशन की बिल्डिंग पर गांधीजी की दांडी यात्रा को स्टील से बने बड़े वॉल पीस से सजाया गया है। जो मंजिला साबरमती मल्टी मॉडल ट्रांसिट हब की इमारत में रेलवे ऑफिसेज के साथ बैंक होटल फूड कोर्ट शॉपिंग जैसी तमाम सुविधाएं होंगी।

Edited By : Swati Pandey | Updated: Dec 12, 2023 18:48
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भूपेंद्र सिंह ठाकुर (अहमदाबाद)

Dream Project Bullet Train: प्रधानमंत्री का सबसे बड़ा ड्रीम प्रोजेक्ट बुलेट ट्रेन अब सच होता हुआ दिखाई दे रहा है जिसकी वजह है साबरमती मल्टी मॉडल ट्रांसिट हब जो पूरी तरह से बनकर तैयार है। साबरमती मल्टी मॉडल ट्रांसिट हब का मतलब है मेट्रो बीआरटीएस इंडियन रेल और बुलेट ट्रेन तक पहुंचने वाला एक कॉमन पॉइंट, नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (NHSRCL) ने साबरमती में निर्माणाधीन पहले बुलेट ट्रेन के स्ट्रेशन कम टर्मिनल का निर्माण पूरा कर लिया है। यह स्टेशन में मल्टी मॉडल ट्रांजिट हब के तौर काम करेगी।

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1300 वाहनों को पार्किंग का होगा पार्किंग एरिया

मुंबई तक चलने वाली बुलेट ट्रेन ट्रांसपोर्ट के सभी माध्यमों को कनेक्ट रहेगी। एनएचएसआरसीएल की रिपोर्ट के अनुसार साबरमती मल्टी मॉडल ट्रांजिट हब का निर्माण हाई टेक इंजीनियरिंग के तहत दो टावर्स को जोड़कर किया गया है। 3.6 हेक्टेयर प्लॉट एरिया में में इसे बनाया गया है। इसमें 5,79,980 वर्ग फुट का एक सुपर बिल्टअप एरिया है। इस स्टेशन पर 1300 वाहनों को पार्किंग हो सकेगी। 4,36,638 वर्गफुट में फैली यह पार्किंग ऑटोमैटिक होगी। इस मल्टीमॉडल हब में 13 लिफ्ट, 8 एस्केलेटर, है।

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2017 से शुरू हुआ था ड्रीम प्रोजेक्ट

स्टेशन की बिल्डिंग पर गांधीजी की दांडी यात्रा को स्टील से बने बड़े वॉल पीस से सजाया गया है। जो मंजिला साबरमती मल्टी मॉडल ट्रांसिट हब की इमारत में रेलवे ऑफिसेज के साथ बैंक होटल फूड कोर्ट शॉपिंग जैसी तमाम सुविधाएं उपलब्ध रहेंगे। प्रधानमंत्री ने अपने इस ड्रीम प्रोजेक्ट की शुरुआत 2017 से की थी और माना जा रहा है कि 2026 अगस्त तक इस महत्वाकांक्षी परियोजना का पहले ट्रायल संपन्न होगा। मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन कॉरिडोर परियोजना अभी निर्माणाधीन है। हालांकि, परियोजना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा पूरा किया जा चुका है। निगम के अनुसार बन रहे पुलों में गुजरात से बहने वाली छह नदियों पर बने पुल शामिल हैं।

2.07 घंटे में होगी दूरी खत्म

बुलेट ट्रेन की राह में आने वाली कई नदियों पर से बुलेट ट्रेन का रास्ता बनाना भी सबसे ज्यादा चुनौती पूर्ण था ,नदियों में वलसाड में पार और औरंगा, नवसारी जिले में पूर्णा, मिंधोला, अंबिका और वेंगानिया नदियां शामिल हैं। परियोजना के पूरा होने के साथ, मुंबई और अहमदाबाद 508 किमी डबल-लाइन ट्रैक से जुड़ जाएंगे, जिससे दोनों शहर की दूरी मात्र 2.07 घंटों में अब पूरी होगी।

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Written By

Swati Pandey

First published on: Dec 12, 2023 06:13 PM

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