मध्यप्रदेश में जहरीले कफ सिरप से बच्चों की मौत के मामले ने अब पूरे देश को हिला कर रख दिया है. और अब इस कांड का बड़ा सिरा गुजरात से जुड़ता दिख रहा है. जांच में अहमदाबाद और सुरेंद्रनगर की दो फार्मा कंपनियों के सिरप में खतरनाक रासायनिक पदार्थ डायएथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) की अत्यधिक मात्रा पाई गई है.
मध्यप्रदेश में बच्चों की मौत का कारण बने कफ सिरप कांड में गुजरात की भूमिका और भी गंभीर होती जा रही है. अब तक की जांच में सामने आया है कि गुजरात की दो कंपनियों ‘रेडनेक्स फार्मास्युटिकल (Rednex Pharmaceuticals) और शेप फार्मा प्राइवेट लिमिटेड (Shape Pharma Pvt. Ltd.)’ द्वारा बनाए गए सिरप में जहरीले रासायनिक तत्व की मात्रा खतरनाक स्तर तक पहुंच चुकी थी.
- शेप फार्मा के Relife Syrup में डायएथिलीन ग्लाइकॉल की मात्रा 0.616% पाई गई.
- रेडनेक्स फार्मास्युटिकल के Respifresh TR Syrup में यह मात्रा 1.342% तक पहुंच गई.
यह मात्रा स्वास्थ्य मानकों से कहीं अधिक है और बच्चों के लिए घातक साबित हो सकती है. यही वजह है कि मध्यप्रदेश सरकार ने दोनों सिरप की बिक्री और वितरण पर तत्काल प्रतिबंध लगा दिया है. जांच में सामने आया कि ये दोनों कंपनियां मध्यप्रदेश में सप्लाई होने वाले कफ सिरप में इस्तेमाल होने वाला रॉ मटीरियल तैयार करती थीं. सुरेंद्रनगर की कंपनी ने तो सीधे तौर पर एक मध्यप्रदेश स्थित दवा कंपनी को कच्चा माल भेजा था.
अब गांधीनगर औषधि विभाग की टीम अहमदाबाद और सुरेंद्रनगर में स्थित दोनों कंपनियों की सघन जांच कर रही है. 14 नमूने मध्यप्रदेश को भेजे गए हैं और 13 अन्य नमूने गुजरात में ही परीक्षण के लिए लिए गए हैं. दोनों कंपनियों में उत्पादन फिलहाल बंद करा दिया गया है. बाजार में पहले से बेचे गए सभी बैचों को वापस बुलाने के निर्देश जारी किए गए हैं. साथ-साथ केंद्र की एजेंसियों ने भी जांच शुरू कर दी है.
हालांकि, राज्य के खाद्य एवं औषधि आयुक्तालय ने अभी तक इस मामले में कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है और रहस्यमय चुप्पी साधे हुए है. जानकारी के मुताबिक, मध्यप्रदेश सरकार द्वारा दिए गए 10 मानक-विरोधी सिरप नमूनों में से दो गुजरात की कंपनियों के हैं. इससे स्पष्ट है कि बच्चों की मौत के इस मामले का तार सीधे तौर पर गुजरात से जुड़ता है.
बच्चों की जान लेने वाले जहरीले कफ सिरप का धागा अब गुजरात तक जा पहुंचा है. सवाल ये उठता है कि आखिर दवा निर्माण जैसी संवेदनशील प्रक्रिया में इतनी बड़ी लापरवाही कैसे हो सकती है? क्या मुनाफे के लालच में फार्मा कंपनियां लोगों की जान से खिलवाड़ कर रही हैं? फिलहाल जांच जारी है, और उम्मीद है कि इस मामले में जल्द ही बड़ी कार्रवाई देखने को मिल सकती है.