now what is ‘Mephedrone drug’ defamous with the code ‘meow-meow’: भूपेंद्र सिंह ठाकुर (अहमदाबाद)। गुजरात में सिर्फ नाम के लिए शराबबंदी पहले ही चिंता का विषय थी। मगर अब ड्रग्स के मायजल में फसते जा रहे गुजरात के महानगर और भी बड़ी चिंता पैदा कर रहे हैं। ड्रग्स बनाने से लेकर सप्लाई तक इस मायाजाल का एक सिरा विदेशी है तो दूसरा भारत के अन्य राज्यों से जुड़ा है। सिर्फ अहमदाबाद की बात करें तो एक महीने में दो करोड़ की ड्रग्स पकड़ी गई है और जो नहीं पकड़ी गई और नशा बनकर लोगो के लहू में मिल गई वो इससे भी कही ज्यादा है। यही हाल अमूमन तमाम बड़े शहरो का है। ऐसे में पुलिस ने भी सख्ती बरतनी शुरू कर दी है। सरहदी इलाको में जहा कोस्ट गार्ड और बीएसएफ के जवान नशे की तस्करी रोकने के लिए चप्पे चप्पे पर नजर गड़ाए हुए हैं वहीं, शहरी इलाको में पुलिस ने भी दबिश देनी शुरू कर दी है, जिसका नतीजा ये है कि एक ही दिन में अहमदाबाद और सूरत जैसे दो बड़े महानगरों से ड्रग्स की बड़ी खेप जब्त हुई है। इसके साथ-साथ नशे के इस काले कारोबार को करने वाले कई तस्करो को गिरफ्तार किया गया है।
जानिए क्या होता है ‘मेफेड्रोन ड्रग’
अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने दो अलग-अलग छापेमारी में एक करोड़ 12 लाख का मेफेड्रोन ड्रग जब्त किया और तीन को गिरफ्ताकर लिया है। आपको बता दें कि ये मेफेड्रोन ड्रग हेरोइन और कोकीन से भी ज्यादा नशीला होता है। इसे म्याऊं-म्याऊं कोड नेम से भी जाना जाता है। मेफेड्रोन कोई दवा नहीं होती है बल्कि पौधों के लिए बनी सिथेंटिक खाद है और कोकीन और हेरोइन दोनों की तुलना में बहुत ही सस्ता होता है।
521 ग्राम मेफेड्रोन ड्रग्स जब्त
अहमदाबाद के छारोड़ी और नारोल इलाके में छापेमारी के दौरान गिरफ्त में आये आरोपियों से अहमदाबाद में नशे के कारोबार की कई चौकाने वाली जानकारी सामने आयी। सूचना के आधार पर क्राइम ब्रांच ने ऑटो में जा रहे जाकिर हुसैन को रोक कर तलाशी ली तो उसके पास से करीबन 60 लाख का 594 ग्राम मेफेड्रोन ड्रग्स बरामद हुआ। वहीं, क्राइम ब्रांच की एक और टीम ने होटल शिमला के पास तौफीक नाक के शक्श को गिरफ्तार कर उसके पास से 521 ग्राम मेफेड्रोन ड्रग्स जब्त किया, जिसकी कीमत 52 लाख बताई जा रही है। तौफीक की निशानदेही पर अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने सुहैल असरफ मंसूरी को धर दबोचा जो उदयपुर के आरिफ के पास से अक्सर ड्रग्स लाया करता था।
सामान और खाली शराब की बोतले जब्त की
इसके अलावा एक और घटना में सूरत में जेल में बैठे-बैठे ड्रग्स बनाने के रैकेट का पर्दाफाश हुआ है। गुप्त सूचना के आधार पर सूरत पुलिस ने एनडीपीस एक्ट में सूरत की लाजपोर जेल में बंद सुनील कौशिक पर जब दबिश दी तो राजस्थान के पाली में छुपाया 10 करोड़ की ड्रग्स का रॉ मटीरियल बरामद हुआ। सुनील कौशिक ने वीरमणि उर्फ़ अन्ना और घनश्याम मुलानी के साथ मिल एमडी ड्रग्स बनाने की योजना बनाई थी। सूरत में एक और छापेमारी में सूरत स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप ने 8 किलो अफगानी चरस के साथ तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया। इस चरस की कीमत चार करोड़ रूपये बताई जा रही है। सूरत की एक और घटना में शराब बनाने की फैक्ट्री भी पकड़ी गई है , सूरत लोकल क्राइम ब्रांच ने ओलपाड के एकरमाला गांव से अल्कोहल और केमिकल मिक्स कर नकली अंग्रेजी शराब बनाने की फैक्ट्री पर छापा मार शराब बनाने का सामान और खाली शराब की बोतले जब्त की।