Mumbai-Ahmedabad Bullet Train: दिल्ली-अहमदाबाद के बीच शुरू होने वाली देश की पहली बुलेट ट्रेन का लोगों को बेसब्री से इंतजार है। भारत की पहली बुलेट ट्रेन के लिए रेलवे ट्रैक बिछाने का काम बड़ी तेजी से चल रहा है। नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (NHSRCL) ने मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के लिए गुजरात में 100-100 मीटर लंबे स्टील स्पैन उतार दिए हैं। गुजरात के नाडियाड में 200 मीटर लंबे मेक इन इंडिया स्टील ब्रिज का पहला हिस्सा इस महीने लॉन्च होने वाला है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली, मुंबई और चेन्नई जैसे प्रमुख शहरों को जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग-48 पर इस ब्रिज को स्थापित किया जाएगा। बताया जा रहा है कि अगस्त 2025 तक यह ब्रिज बनकर तैयार हो जाएगा।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लिया जायजा
बता दें कि रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव शनिवार को बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट का जायजा लेने के लिए नाडियाड पहुंचे। रेल मंत्री वैष्णव ने इससे संबंधित एक वीडियो एक्स पर पोस्ट किया है। उन्होंने कहा कि इस ब्रिज की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसके सभी स्पेशलाइज्ड कंपोनेंट का निर्माण और डिजाइन भारत में किया गया है।
💯% ‘Made in India’ steel bridge for Bullet train project!
✅ Spanning across 100m, weighing 1,100 ton.📍Nadiad, Gujarat pic.twitter.com/poR6sZONYe
---विज्ञापन---— Ashwini Vaishnaw (@AshwiniVaishnaw) March 1, 2025
UP के हापुड़ से क्या है कनेक्शन?
बता दें कि मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन का उत्तर प्रदेश के हापुड़ से सीधा कनेक्शन है। दरअसल, मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के लिए गुजरात के नाडियाड में 200 मीटर लंबे ‘मेक इन इंडिया’ स्टील ब्रिज को लॉन्च किया जा रहा है। इस स्टील ब्रिज को उत्तर प्रदेश के हापुड़ के पास सालासर वर्कशॉप में तैयार किया गया है। हापुड़ से ब्रिज की साइट लगभग 1200 किमी दूर है। इसलिए स्टील स्ट्रक्चर कंपोनेंट्स को बड़े ट्रकों से वहां पहुंचाया गया है। ब्रिज में 100-100 मीटर के दो स्पैन हैं और यह 14.3 मीटर चौड़ा और 14.6 मीटर ऊंचा है। इस स्टील ब्रिज का वजह लगभग 1500 मीट्रिक टन है।
क्या है ब्रिज की खासियत?
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, स्टील के हिस्सों को जोड़ने के लिए टोर शियर टाइप हाई स्ट्रेंथ बोल्ट (TTHSB) का इस्तेमाल किया गया है। इसे 100 साल के लिए डिजाइन किया गया है। ब्रिज के हिस्सों को C-5 सिस्टम पेंटिंग से पेंट किया गया है, जो भारत में पहली बार किया जा रहा है।
इंफ्रास्ट्रक्चर में स्टील ब्रिज की क्या है भूमिका?
स्टील ब्रिज आमतौर पर 40 से 45 मीटर तक फैले होते हैं और राजमार्ग, एक्सप्रेसवे और रेलवे क्रॉसिंग के लिए अत्यधिक उपयुक्त होते हैं। मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना के हिस्से के रूप में कुल 28 स्टील ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। जिनमें से 11 महाराष्ट्र में और 17 गुजरात में बनाए जाएंगे। भारत के पास भारी मालवाहक और सेमी हाई स्पीड वाली रेलगाड़ियों के लिए स्टील ब्रिज बनाने की विशेषज्ञता है, जो 100 से 160 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चलती हैं। अब, स्टील गर्डरों के निर्माण में यही विशेषज्ञता MAHSR कॉरिडोर पर भी लागू की जाएगी, जिसकी स्पीड 320 किलोमीटर प्रति घंटे होगी।
केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हाल ही में अहमदाबाद रेलवे स्टेशन पुनर्विकास परियोजना की समीक्षा की और बुलेट ट्रेन कॉरिडोर पर अपडेट जानकारी दी। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में इस प्रोजेक्ट के तहत 360 किलोमीटर तक का काम पूरा हो चुका है। वहीं, लगभग 2 किमी समुद्र के अंदर टनल का निर्माण पहले ही किया जा चुका है।
आर्थिक विकास को मिलेगा बढ़ावा
गौरतलब है कि यह बुलेट ट्रेन जापान की मदद से बन रही है। मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी परियोजना है। इस परियोजना से दोनों शहरों के बीच यात्रा का समय काफी कम हो जाएगा और क्षेत्रीय संपर्क और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही गुजरात और महाराष्ट्र में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। यह कॉरिडोर मुंबई, सूरत, वडोदरा और अहमदाबाद सहित प्रमुख व्यापारिक केंद्रों को जोड़ेगा, जिससे इन क्षेत्रों में विकास को बढ़ावा मिलेगा। प्रोजेक्ट के लिए कुल बजट 1,08,000 करोड़ रुपये मंजूर की गई है। बता दें कि नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन मुंबई और अहमदाबाद के बीच 508 किमी लंबी भारत की पहली हाई स्पीड रेल लाइन का निर्माण कर रहा है, जिसका 352 किमी गुजरात जबकि 156 किलोमीटर महाराष्ट्र में पड़ता है।