Gujaratis Paid Tax to State Govt: गुजरात विधानसभा में बजट सत्र चल रहा है। सत्र के दौरान एक के बाद एक जानकारियां सामने आ रही हैं। आज गुजरात सरकार ने वैट, राजस्व, स्टाम्प शुल्क, बिजली शुल्क और गाड़ी पर लगने वाले टैक्स सहित कई टैक्स के जरिए राजस्व में वृद्धि की है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस साल गुजराती नागरिकों ने सरकार को कितना टैक्स दिया है? इस सवाल का जवाब है कि हर एक गुजराती ने इस साल 20,400 रुपये सरकार को टैक्स दिया है। अब उन्हें अगले साल सभी को 21,890 रुपये टैक्स चुकाने के लिए तैयार रहना होगा।
कितना खर्च करेगी गुजरात सरकार
गुजरात सरकार को एक साल में राज्य करों में 24,220 करोड़ रुपये की वृद्धि मिलेगी। सरकार सामाजिक विकास के लिए प्रति व्यक्ति 18,133 रुपये खर्च करेगी और 21,980 रुपये इक्ट्ठा करेगी। इसके अलावा, राज्य के राजस्व में सबसे अधिक राजस्व स्टाम्प ड्यूटी-पंजीकरण से भी सरकार के खजाने में आ रहा है।
सरकार का अगले साल का प्लान
गुजरात सरकार अगले वर्ष 2025-26 में 11 करों के माध्यम से 1,58,482 करोड़ रुपये एकत्र करेगी। इसमें वैट, स्टाम्प ड्यूटी-पंजीकरण शुल्क, बिजली शुल्क और कर, वाहन कर, राज्य जीएसटी और भूमि राजस्व शामिल हैं। गुजरात सरकार को उम्मीद है कि वर्ष 2024-25 के दौरान राज्य को 1,47,679 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होगा। नए वित्तीय वर्ष 25-26 के लिए सरकार ने अनुमान लगाया है कि वह विभिन्न करों से 1,58,482 करोड़ रुपए का राजस्व एकत्र करेगी। जो कि चालू वित्त वर्ष की तुलना में 7.30 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।
3.7 लाख करोड़ का बजट
वित्त मंत्री द्वारा विधानसभा में प्रस्तुत 3,70,250 करोड़ रुपये के बजट में कर राजस्व का हिस्सा 2,07,883 करोड़ रुपये है। जिसमें राज्य का करों में हिस्सा 1,58,482 करोड़ रुपये यानी 76.23 प्रतिशत हो जाता है। इस गणना से पता चलता है कि राज्य सरकार ने चालू वित्त वर्ष में प्रति व्यक्ति 20,400 रुपये कर एकत्र किया है। वर्ष 23-24 में राज्य को करों से 1,34,262 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ। बजट में कहा गया है कि अगले वित्त वर्ष में 24,220 करोड़ रुपये की वृद्धि के साथ 1,58,482 करोड़ रुपये प्राप्त होंगे।
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कहां खर्च करती है सरकार?
वर्ष 2023-24 में गुजरात सरकार ने शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल, स्वच्छता, सामाजिक सुरक्षा, पोषण, शहरी सुविधाएं और श्रमिकों तथा समाज के वंचित वर्गों के कल्याण पर 1,00,955 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। अब इन्हीं क्षेत्रों के लिए व्यय को 2024-25 में बढ़ाकर 1,17,038 करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव किया गया है। जिसके लिए वर्ष 2025-26 के बजट में 1,34,183 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। सामाजिक क्षेत्रों के अतिरिक्त, आर्थिक सेवाओं में कृषि, सिंचाई, एकीकृत विकास, उद्योग, ऊर्जा विकास, ग्रामीण विकास और रोजगार, सड़क, भवन निर्माण, परिवहन और बंदरगाह शामिल हैं।