गुजरात सरकार में महिला कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण फैसला लिया गया है। अगर कोई महिला सरकारी कर्मचारी है और नौकरी में आने से पहले ही मां बन गई हो तो भी उसे मैटरनिटी लीव दिया जाएगा। आमतौर पर राज्य सरकार में महिला कर्मचारियों को 180 दिन का मैटरनिटी लीव दिया जाता है।
यह लाभ गुजरात सिविल सेवा अवकाश नियमों के अनुसार महिला सरकारी कर्मचारियों को दिया जाता है। हालांकि, कई मामलों में इस बात का कोई जिक्र नहीं था कि अगर महिला कर्मचारी नौकरी में आने से पहले ही मां बन गई हों तो उन्हें क्या करना चाहिए। यह फैसला परमानेंट और टेंपरेरी महिला कर्मचारियों पर लागू होगा। इस प्रस्ताव को 22-09-2022 से लागू करने का निर्णय लिया गया है।
लाखों पेंशनर्स के हित में बड़ा फैसला
वहीं, गुजरात सरकार ने पेंशनभोगियों के लिए बड़ा फैसला लेते हुए पेंशनभोगियों, विशेषकर बुजुर्ग पेंशनभोगियों को आने-जाने में होने वाली समस्याओं को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने लाइफ सर्टिफिकेट के वेरिफिकेशन के प्रोसेस को आसान बना दिया है। वर्तमान प्रक्रिया के अनुसार, राज्य के पेंशनरों के वेरिफिकेशन के लिए संबंधित कार्यालय या बैंक में जाना पड़ता है, जिसमें बुजुर्ग पेंशनभोगियों को शारीरिक विकलांगता के कारण अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
इस प्रोसेस को सरल बनाने के लिए राज्य सरकार अब पेंशनभोगियों को उनके घर पर मुफ्त लाइफ सर्टिफिकेट सर्विस दी जाएगी। गुजरात सरकार ने इसके लिए भारतीय डाक विभाग के साथ एक समझौते पर साइन किए हैं। यह सेवा राज्य डाकघर/भारतीय डाक भुगतान बैंक के जरिए पेंशनभोगियों को मिलेगी। इस सेवा के अंतर्गत पेंशनभोगियों की आजीविका का वेरिफिकेशन उनके घर जाकर पूरी तरह मुफ्त किया जाएगा।
2018 में इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक का शुभारंभ
यह सेवा पेंशनभोगियों की सहायता के लिए एक अतिरिक्त विकल्प के रूप में अमल की गई है। वर्तमान अस्तित्व को वेरिफाई करने के अन्य ऑप्शन हमेशा की तरह जारी रहेंगे। राज्य सरकार द्वारा राज्य के पेंशनरों से मिले रिप्रेजेंटेशन पर सकारात्मक प्रतिक्रिया देते हुए यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। इस निर्णय से राज्य के 5 लाख से अधिक पेंशनर्स को इस सेवा का लाभ मिलेगा।
उल्लेखनीय है कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2018 में देशभर में इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक का शुभारंभ किया था, तो मुख्य विजन आपके दरवाजे के जरिए बैंकिंग सेवाएं देना था। इसी दृष्टिकोण के तहत गुजरात सरकार ने यह पहल की है।
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