116.65 किलोमीटर लंबी तरंगा हिल-अंबाजी-आबू रोड नई रेलवे लाइन पर काम चल रहा है और परियोजना के हिस्से के रूप में पोशिना तालुका के पहाड़ी इलाके में 1.3 किलोमीटर लंबी सुरंग का निर्माण शुरू हो गया है। यह सुरंग गुजरात की सबसे बड़ी सुरंग होगी, जिसकी ऊंचाई 8 मीटर और चौड़ाई 10 मीटर होगी। केंद्रीय रेल मंत्रालय और गुजरात सरकार संयुक्त रूप से पांच चरणों में इस परियोजना को पूरा कर रहे हैं। इस परियोजना की अनुमानित लागत 2,798.16 करोड़ रुपये है। यह काम अगले 5 साल में पूरा होने की उम्मीद है। यह रेलवे लाइन 6 नदियों और 60 गांवों से होकर गुजरेगी, जिससे गुजरात के 3 जिलों के 104 गांवों को फायदा होगा। इस मार्ग पर 11 सुरंगें, 54 बड़े पुल और 151 छोटे पुल बनाए जाएंगे। इस लाइन में गुजरात में 11 स्टेशन और राजस्थान में 4 स्टेशन शामिल होंगे। 2022 के उत्तरार्ध में शुरू होने वाली इस परियोजना को 5 साल में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
गुजरात के शक्तिपीठ अंबाजी से होकर गुजरने वाले इस रेलमार्ग पर 13 सुरंगें बनेंगी, जिनकी लंबाई 13 किमी होगी। इस रेलमार्ग पर आबूरोड ब्लॉक के सुरपगला गांव के निकट सबसे ऊंचे पुल का निर्माण होगा, जिसकी ऊंचाई 80 मीटर होगी। आबूरोड ब्लॉक के कुई, चंद्रावती, सियावा आदि क्षेत्र में रेल लाइन बिछाने के लिए ग्राउंड लेवलिंग की जमीन को एक समान बनाया जाएगा, पेड़ों की कटाई और मिट्टी का परीक्षण आदि काम चल रहे हैं। सियावा के मालियावास क्षेत्र में एक बेस कैंप बनाया गया है।
कुल 15 स्टेशनों का होगा निर्माण
इस रेलमार्ग पर आबूरोड समेत कुल 15 रेलवे स्टेशन होंगे। सबसे बड़ा स्टेशन गुजरात के अंबाजी में होगा, जहां 6 मंजिला यात्रियों के लिए आराम करने के लिए रेस्ट रूम बनेगा। इससे धार्मिक कार्यक्रमों में आने वाले लाखों भक्तों को भी सुविधा मिलेगी। इस प्रोजेक्ट के तहत राजस्थान में सिरोही और गुजरात के मेहसाणा, साबरकाठा और बनासकाठा जिले कवर होंगे। इससे गुजरात और राजस्थान के कई धार्मिक स्थल एक-दूसरे से जुड़ जाएंगे।
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