Gujarat Kakrapar Atomic Power Station: गुजरात सरकार द्वारा प्रदेश और देश के विकास के लिए हर एक क्षेत्र को मजबूत बनाने का काम किया जा रहा है। एक ओर जहां गुजरात में GIFT, ढोलेरा स्मार्ट सिटी और DREAM सिटी जैसे सिटी इंफ्रास्ट्रक्चर पर काम हो रहा है। वहीं राज्य में रिन्यूएबल एनर्जी और ग्रीन एनर्जी के सेक्टर पर भी फोकस किया जा रहा है। इसी के तहत राज्य में काकरापार परमाणु ऊर्जा स्टेशन (KAPS) के विस्तार पर काम चल रहा है। सूरत और तापी नदी के स्थित इस पावर स्टेशन के विस्तार पर राज्य सरकार के साथ-साथ केंद्र सरकार भी खास ध्यान दे रही है।
क्या है सरकार प्लान?
गुजरात के काकरापार परमाणु ऊर्जा स्टेशन RAPP-7 भारत की डोमेस्टिक न्यूक्लियर टेक्नोलॉजी पर आधारित है। RAPP-8 के साथ यह प्रोजेक्ट इसी साल से शुरू किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट की कुल नियोजित बिजली क्षमता 1400 मेगावाट है। इस प्रोजेक्ट को रावतभाटा में पहले से चल रही बाकी 6 यूनिट्स के साथ रिएक्टर ग्रिड में जोड़ा जाएगा। इसके साथ ही NPCIL के 7 पावर प्लांट की कुल क्षमता भी बढ़ जाएगी, जो करीब 6800 मेगावाट होगी। इस प्रोजेक्ट को 2031-32 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इससे भारत की ऊर्जा आपूर्ति काफी वृद्धि होगी। यह प्रोजेक्ट भारत के परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
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पिछले साल पीएम मोदी ने एक्स पर कहा था कि गुजरात के काकरापार परमाणु ऊर्जा स्टेशन को बढ़ाया जाएगा। उन्होंने बताया था कि इसके साथ 2 नए दबावयुक्त भारी जल रिएक्टर राष्ट्र को समर्पित किए जाएंगे।
प्राइवेट सेक्टर से लेंगे निवेश
रॉयटर्स के अनुसार, सरकारी सूत्रों ने कहा कि भारत अपने परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में लगभग 26 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश करने के लिए प्राइवेट सेक्टर को आमंत्रित करने की योजना बना रहा है। इसके लिए रिलायंस इंडस्ट्रीज, टाटा पावर, अडानी पावर और वेदांता लिमिटेड सहित 5 प्राइवेट कंपनियों के साथ बातचीत की जा रही है।