New Lion Corridor In Gujarat: अब तक अगर आपको शेर देखना होता था तो आपको गिर के जंगल में जाना पड़ता था। जूनागढ़ का सासणगीर खजाने से भरा है। लेकिन अब तस्वीर बदल गई है। शेरों ने अब अपना क्षेत्र बढ़ा लिया है और गिर वन से बाहर निकल आए हैं। शेरों की सीमा का विस्तार हो रहा है। बढ़ते गलियारे को देखते हुए राज्य सरकार ने अब एक बड़े गिर गलियारे की घोषणा करने का निर्णय लिया है। अब यह देखना होगा कि यह विशाल गिर क्या है।
ग्रेटर गिर की जल्द घोषणा
शेरों का दायरा बढ़ गया है। बर्दा, वेलावदर और कोडिनार सीमाओं से शेर उभरे हैं। वनराज खुद अपने क्षेत्र का विस्तार कर रहे हैं। अब तक शेर 1,500 वर्ग किलोमीटर से भी कम क्षेत्र में घूमते थे। लेकिन अब वे 30,000 वर्ग किलोमीटर में फैले हुए हैं। इसके बाद सरकार की योजना पोरबंदर और जामनगर के बीच बर्दा पहाड़ियों से बोटाद तक एक बड़ा गिर बनाने की है।
ग्रेटर गिर से क्या लाभ होगा?
ग्रेटर गिर से गिर के क्षेत्र का विस्तार होगा और इस विस्तार से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। इसके साथ ही इस क्षेत्र में नए रोजगार भी आएंगे। ग्रामीण क्षेत्रों में खेत पर दीवार बनाने के लिए सरकारी लाभ दिया जा सकता है। रोजगार सृजन होगा।
गिर के जंगल अब न केवल गिर के जंगलों में बल्कि पूरे सौराष्ट्र में वनवासियों के लिए कम होते जा रहे हैं। गिर शेरों को लंबे समय से बरदा और पंचाल के पहाड़ी इलाकों में घूमते देखा गया है। गिर वनवासी अब गिर वन क्षेत्र को छोड़कर बड़े गिर या उससे भी आगे की ओर जाते देखे जा रहे हैं।
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