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गुजरात

गुजरात सरकार की इस योजना में बढ़ी सहायता राशि, किसानों को मिलेगा लाभ

गुजरात की भूपेंद्र पटेल सरकार ने मुख्यमंत्री फसल भंडारण संरचना योजना की सहायता राशि बढ़ाने का फैसला किया है। इससे किसानों को उनकी उपज का बेहतर मूल्य मिलेगा। कैसे मिलेगा योजना का लाभ, जानें।

Author Edited By : Deepti Sharma Updated: Apr 6, 2025 13:14
mukhyamantri Fasal Bhandaran sanrachnaYojana_
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गुजरात की भूपेंद्र पटेल सरकार न केवल राज्य के विकास बल्कि राज्य के आम लोगों और किसानों की जरूरतों का भी ध्यान रखती है। गुजरात सरकार किसानों के विकास के लिए लगातार उचित कदम उठा रही है। इसके तहत गुजरात सरकार ने अब किसानों को बाजार में उनकी उपज का बेहतर मूल्य दिलाने के लिए मुख्यमंत्री फसल भंडारण संरचना योजना की राशि बढ़ा दी है। राज्य सरकार ने साल 2021-22 में ‘मुख्यमंत्री पाक समग्र अवसंरचना योजना’ लागू की। इस योजना का लाभ उठाने के लिए किसानों को अपने खेतों में कम से कम 330 वर्ग फीट का फसल भंडारण ढांचा बनाना होगा, जिसके लिए उन्हें राज्य सरकार द्वारा जरूरी वित्तीय सहायता दी जाती है। इस योजना के तहत राज्य सरकार किसानों को कुल लागत का 50 प्रतिशत या 75,000 रुपये देती थी। इस साल गुजरात सरकार ने योजना के तहत सहायता राशि बढ़ा दी है।

क्या है मुख्यमंत्री फसल भंडारण संरचना योजना?

मुख्यमंत्री फसल भंडारण संरचना योजना एक सरकारी पहल है, जिसका मकसद किसानों को उनकी फसलों के सुरक्षित भंडारण की सुविधा देना है। इसके लिए गुजरात सरकार ने साल 2021-22 में “मुख्यमंत्री फसल भंडारण संरचना योजना” लागू की है। इससे नुकसान की संभावना कम होती है और किसान अपनी फसलों को अच्छे दाम पर बेच सकते हैं जब बाजार में मांग ज्यादा होती है।

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कितने किसानों को मिला लाभ

अब इस योजना के तहत गुजरात सरकार कुल लागत का 50 प्रतिशत या 1.5 लाख रुपये देगी। संरचना निर्माण के लिए किसान को 100,000 रुपये दिए गए। इस योजना के तहत सरकार 10 लाख रुपये प्रदान करेगी। साल 2021-22 से 2023-24 तक राज्य के 36,600 से अधिक किसानों को 100 करोड़ रुपये का ऋण दिया। सहायता के रूप में 184.27 करोड़ रुपये से ज्यादा का भुगतान हुआ।

फसलों का लॉन्ग टर्म स्टोरेज

किसानों को उनकी उपज का अच्छा मूल्य मिले, इसके लिए उपज की गुणवत्ता को लंबे समय तक बनाए रखना तथा उसे बाजार में अच्छे मूल्य पर बेचना बहुत जरूरी है। कई किसानों के पास कटाई के बाद फसलों के दीर्घकालिक भंडारण के लिए सुविधाएं नहीं हैं, जिसके कारण किसानों को प्राकृतिक आपदाओं का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा, उन्हें अपनी फसल भी बाजार में कम दामों पर बेचनी पड़ती है, जिसके कारण उन्हें आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है।

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Edited By

Deepti Sharma

First published on: Apr 06, 2025 01:14 PM

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