Foreign Study Loan Scheme: छात्रों का विदेश में पढ़ाई करने का सपना अब पैसों की कमी के कारण अधूरा नहीं रहेगा। मारी योजना के अंतर्गत गुजरात सरकार की विदेश अध्ययन ऋण योजना के बारे में बात करेंगे। इस विदेशी अध्ययन ऋण योजना के तहत, अनरिजर्व कैटेगरी के विद्यार्थियों को विदेश में एक साल या उससे अधिक या कम से कम दो सेमेस्टर के हायर एजुकेशन कोर्स के लिए 4% हर साल की साधारण ब्याज दर पर 15 लाख रुपये तक का ऋण प्रदान किया जाता है। नियमानुसार किसी भी जाति का छात्र इस योजना का लाभ ले सकता है।
अगर आप 12वीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद विदेश में पढ़ाई करना चाहते हैं तो यह योजना आपके लिए है। इस योजना का लाभ उठाने के लिए व्यक्तिगत और पारिवारिक आय सीमा 6 लाख रुपये है। इसका मतलब यह है कि कम आय वाले परिवारों के छात्र भी इस योजना का लाभ उठा सकेंगे।
विदेश में अध्ययन ऋण योजना के लिए जरूरी डॉक्यूमेंट
- आधार कार्ड
- आय प्रमाण पत्र
- जन्म प्रमाण पत्र
- जाति प्रमाण पत्र
- कक्षा 12वीं की मार्कशीट
- पासपोर्ट आकार का फोटो
- पासपोर्ट की स्व-प्रमाणित प्रति
- शुल्क भुगतान रसीद
- बैंक पासबुक/रद्द चेक
- मार्कशीट
- राशन कार्ड
- विद्यालय छोड़ने का प्रमाणपत्र
इस योजना का लाभ लेने के इच्छुक विद्यार्थियों को ऑनलाइन आवेदन करना होगा। आप https://esamajkalyan.gujarat.gov.in/index.aspx पर आवेदन कर सकते हैं।
विदेश अध्ययन ऋण योजना
डॉ. बाबा साहेब अंबेडकर विदेश में उच्च अध्ययन के लिए ऋण” योजना का संचालन गुजरात सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के अनुसूचित जाति कल्याण निदेशक द्वारा किया जाता है। इस योजना की शुरुआत साल 1999 में अनुसूचित जाति के छात्रों को विदेश में अध्ययन करने का अवसर प्रदान करने के मकसद से की गई थी।
इस योजना के तहत, अनुसूचित जाति के उज्ज्वल करियर वाले छात्रों को वित्तीय सहायता देने के लिए 4% की ब्याज दर पर 15 लाख रुपये का ऋण दिया जाता है, जो अपनी खराब आर्थिक स्थिति के कारण हायर एजुकेशन के लिए विदेश नहीं जा सकते हैं। इस योजना में, छात्रों को स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम करने के लिए ट्यूशन फीस, किताबें, छात्रावास शुल्क, रहने का खर्च, यात्रा खर्च और जेब खर्च जैसे खर्चों को कवर करने के लिए ऋण दिया जाता है।
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