Gujarat Global Capability Centre Policy: मुख्यमंत्री ने गिफ्ट सिटी के मैनेजिंग डायरेक्टर तपन रे, नीति आयोग की निदेशक देबजानी घोष, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की प्रधान सचिव मोना खंडार और आमंत्रित उद्यमियों की मौजूदगी में इस नीति का शुभारंभ किया। विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा यह जीसीसी नीति, राज्य में हाई वैल्यू वाली नौकरियों और कौशल विकास के साथ-साथ इनोवेशन और डिजिटल परिवर्तन को बढ़ावा देकर, बुनियादी सुविधाओं और कनेक्टिविटी को बढ़ाकर आर्थिक विकास और वैश्विक प्रतिस्पर्धा को बनाए रखते हुए गुजरात को एक पसंदीदा जीसीसी केंद्र के रूप में स्थापित करने के लिए तैयार की गई है।
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक नीति-संचालित राज्य के रूप में गुजरात में क्षेत्र-विशिष्ट नीति ढांचे के माध्यम से नए और उभरते क्षेत्र के उद्योगों के लिए अनुकूल वातावरण बनाया है।
उन्होंने कहा कि पीएम के नक्शे कदम पर चलते हुए वर्तमान सरकार ने भी पिछले 3 सालों में उभरते क्षेत्रों के लिए कई नीतियों की घोषणा की है, जैसे सेमीकंडक्टर नीति, ग्रीन हाइड्रोजन नीति, आईटी और आईटीईएस नीति, कपड़ा नीति, रिन्यूएबल एनर्जी पॉलिसी और जैव प्रौद्योगिकी नीति। राज्य के नीति-संचालित विकास को आगे बढ़ाते हुए, उन्होंने 2025 से 2030 तक पांच सालों के लिए नई गुजरात वैश्विक क्षमता केंद्र नीति की घोषणा की।
यह नीति नए क्षमता केंद्रों के लिए रोजगार सहायता, ब्याज सब्सिडी और बिजली प्रतिपूर्ति सहित विभिन्न प्रोत्साहन भी प्रदान करती है। उन्होंने यह भी कहा कि इस नीति के परिणामस्वरूप अब राज्य में ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर शुरू करने का मार्ग प्रशस्त हो गया है।
ગુજરાતમાં યુવાનો માટે વૈશ્વિક કક્ષાની હાઈ-વેલ્યુ જોબના નવા અવસરો અને સ્કીલ ડેવલપમેન્ટ માટે આજનો દિવસ ઘણો મહત્ત્વનો બની રહેશે.
ગાંધીનગરના GIFT સિટી ખાતે ‘ગુજરાત ગ્લોબલ કેપેબિલીટી સેન્ટર પોલિસી (2025-30)’ નું લોન્ચીંગ કર્યુ.
આ પોલિસીમાં નવા કેપેબિલિટી સેન્ટર્સ માટે રોજગાર સહાય,… pic.twitter.com/KtQh2NDXrt
— Bhupendra Patel (@Bhupendrapbjp) February 11, 2025
डिजिटल परिवर्तन, इनोवेशन और व्यापार को मजबूत करने में वैश्विक क्षमता केंद्रों की महत्वपूर्ण भूमिका का बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जीसीसी, जिन्हें शुरू में लागत-बचत इकाइयों के रूप में बनाया गया था, अब रणनीतिक इनोवेशन सेंटर बन गए हैं और प्रौद्योगिकी, वित्त, एनालिटिक्स इंजीनियरिंग और अनुसंधान एवं विकास जैसे विभिन्न क्षेत्रों में सेवाएं देते हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने कुशल मानव संसाधन और प्रगतिशील नीति ढांचे के साथ जीसीसी इकोसिस्टम में खुद को एक वैश्विक नेता के रूप में स्थापित किया है।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचे, उद्योग अनुकूल नीतियों और कुशल जनशक्ति की उपलब्धता के साथ एक मजबूत कारोबारी माहौल प्रदान करने में गुजरात की भूमिका पर प्रकाश डाला।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इतना ही नहीं, अहमदाबाद, गांधीनगर, वडोदरा और सूरत जैसे शहरों में गिफ्ट सिटी और इनोवेशन क्लस्टर जैसी प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाएं गुजरात को एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी के रूप में स्थापित करने में मदद कर रही हैं।
भूपेंद्र पटेल ने कहा कि गुजरात वैश्विक क्षमता केंद्र नीति का उद्देश्य नवाचार को बढ़ावा देना और गुजरात को जीसीसी के लिए अग्रणी स्थान बनाने के लिए विश्व स्तरीय वातावरण बनाना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार के इस साल के बजट में देश में ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स को बढ़ावा देने तथा छोटे शहरों के टैलेंट पूल को अवसर देने के लिए विशेष योजना की घोषणा की गई है। उन्होंने विश्वास जताया कि गुजरात की जीसीसी नीति युवाओं के लिए प्रधानमंत्री के विजन और मिशन दोनों को पूरा करेगी तथा विकसित गुजरात के निर्माण की दिशा में एक प्रोत्साहन होगी।
गुजरात वैश्विक क्षमता केंद्र नीति की मुख्य विशेषताएं
- नीति के तहत गुजरात में कम से कम 250 नई जीसीसी इकाइयां स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है। इससे राज्य में 50,000 से अधिक नए रोजगार सृजित होंगे।
- जीसीसी नीति के परिणामस्वरूप राज्य में 10,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश होगा।
- यह नीति 250 करोड़ रुपये से कम जीएफसीआई वाली इकाइयों के लिए 50 करोड़ रुपये तक की कैपिटल एक्सपेंडिचर मदद देगी तथा 250 करोड़ रुपये से अधिक जीएफसीआई वाली इकाइयों के लिए 200 करोड़ रुपये तक की कैपिटल एक्सपेंडिचर सहायता देगी।
- यह नीति 250 करोड़ रुपये से कम जीएफसीआई वाली इकाइयों के लिए 20 करोड़ रुपये तक की ओपेक्स सहायता और 250 करोड़ रुपये से अधिक जीएफसीआई वाली इकाइयों के लिए 40 करोड़ रुपये तक की ओपेक्स सहायता प्रदान करेगी।
- जीसीसी नीति के तहत रोजगार सृजन के लिए विशेष प्रोत्साहन भी प्रदान किए जाएंगे, जिसमें नए स्थानीय कर्मचारियों को नियुक्त करने और उन्हें कम से कम एक साल तक बनाए रखने के लिए एक महीने के सीटीसी के 50% की एकमुश्त सहायता भी शामिल है। पुरुष कर्मचारियों के लिए यह 50,000 रुपये और महिला कर्मचारियों के लिए 60,000 रुपये तक की सहायता शामिल की गई है।
- विशेष प्रोत्साहन नीति के तहत सावधि ऋण पर 7% ब्याज सब्सिडी के रूप में सहायता दी जाएगी, जो अधिकतम 5 लाख रुपये तक होगी। 1 करोड़ की सीमा के अंदर होगा।
- आत्मनिर्भर गुजरात रोजगार सहायता योजना कर्मचारी भविष्य निधि के तहत नियोक्ता के वैधानिक अंशदान के लिए मुआवजा प्रदान करेगी, जिसमें महिला कर्मचारियों के लिए 100% और पुरुष कर्मचारियों के लिए 75% तक की सहायता शामिल है।
- गुजरात सरकार को भुगतान किया गया बिजली शुल्क की पूरी राशि भी वापस की जाएगी।
- जीसीसी नीति का मकसद कार्यरत पेशेवरों की स्थानीय प्रतिभा और कौशल को बढ़ाना भी है, जिसमें कार्यरत पेशेवरों के लिए पाठ्यक्रम शुल्क का 50% तक और ग्रेजुएट/पोस्ट ग्रेजुएट छात्रों के लिए पाठ्यक्रम शुल्क का 75% तक नीतिगत प्रोत्साहन शामिल है।
- पात्र इकाइयों को गुणवत्ता प्रमाणन के लिए सहायता मिलेगी, जो गुणवत्ता प्रमाणन शुल्क की लागत का 80% तक कवर करेगी, जिसकी सीमा 10 लाख रुपये तक होगी। इस नीति के शुभारंभ के अवसर पर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की प्रधान सचिव मोना खंडार ने नीति पर विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया।
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