Gujarat and Central Govt Gobardhan Yojana: गुजरात देश का वो राज्य है, जहां केंद्र सरकार द्वारा चलाई जाने वाली योजनाओं पर सबसे ज्यादा काम किया जाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की केंद्र सरकार ने स्वच्छ ईंधन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से देश में गोबरधन योजना यानी गैल्वनाइजिंग ऑर्गेनिक बायो-एग्रो रिसोर्सेज धन योजना को लागू किया। यह योजना देश के ग्रामीण क्षेत्र में स्वच्छता और विकास पर केंद्रित है। गुजरात में इस योजना के तहत 33 जिलों में 7200 से अधिक बायोगैस प्लांट लगाए गए हैं, जो काम कर रहे हैं। इस योजना के तहत केंद्र और राज्य सरकार की तरफ से बायोगैस प्लांट स्थापित करने के लिए 37 हजार रुपये की सब्सिडी मिलती है। इन बायोगैस प्लांट से ग्रामीण क्षेत्रों को अल्टरनेटिव एनर्जी, स्वच्छ पर्यावरण, स्वास्थ्य, रोजगार के साधन मिल रहे हैं।
To promote #cleanfuel, the central government under the leadership of Prime Minister Narendra Modi has implemented the Gobar-Dhan Yojana (Galvanizing Organic Bio-Agro Resources Dhan Yojana) focusing on cleanliness and #sustainabledevelopment in rural areas
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— ChiniMandi (@ChiniMandi) October 1, 2024
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7200 से अधिक बायोगैस प्लांट स्थापित
गुजरात में इस योजना के तहत 7200 से अधिक बायोगैस प्लांट क्रियाशील हैं। इससे पशुपालकों की समृद्धि बढ़ रही है। बायोगैस प्लांट पारंपरिक ईंधन लागत में बचत के साथ-साथ लोगों के स्वास्थ्य में भी सुधार कर रहा हैं। गोबर-धन योजना भारत सरकार की तरफ से शुरू किए गए व्यापक बायोगैस कार्यक्रम का एक हिस्सा है। यह योजना 1 नवंबर, 2018 को प्रदेश के जल शक्ति मंत्रालय – जल और स्वच्छता विभाग के तहत शुरू किया गया था। गोबरधन योजना का उद्देश्य कचरे को गाय के गोबर, कृषि-अवशेष और अन्य जैविक कचरे को बायोगैस/सीबीजी/बायो सीएनजी में परिवर्तित करना है।
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37,000 रुपये की सब्सिडी
केंद्र और राज्य सरकारें बायोगैस प्लांट लगाने के लिए प्रति यूनिट 37,000 रुपये की सब्सिडी देती हैं। प्रत्येक 2-क्यूबिक मीटर क्षमता वाले बायोगैस संयंत्र के लिए लाभार्थी का योगदान 5000 रुपये, केंद्र और राज्य सरकार का योगदान 25,000 रुपये और मनरेगा योगदान (बायोगैस प्लांट पिट और स्लरी संग्रह के लिए) 12,000 रुपये निर्धारित है। एक बायोगैस प्लांट 42,000 रुपये की लागत से लगाया जाता है और लाभार्थी को मात्र 5000 रुपये का निवेश करना होता है। बनास डेयरी, सेबर डेयरी, दूध सागर डेयरी, अमूल डेयरी और एनडीडीबी को बायोगैस संयंत्र के लिए कार्यान्वयन एजेंसियों के रूप में नियुक्त किया गया है। गुजरात में कुल 76000 बायोगैस संयंत्र स्थापित करने टारगेट है, जिसमें से 7276 बायोगैस संयंत्र स्थापित किये जा चुके हैं।