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गुजरात के मिडिल क्लास परिवारों के लिए Good News, इन 8 शहरों में खरीद सकेंगे सस्ते में घर

Gujarat Middle Class Family Good News: राज्य के डी-1 और डी-2 कैटेगिरी के UDA और भरूच-अंकलेश्वर शहरी विकास प्राधिकरण क्षेत्रों के गैर-टीपी क्षेत्रों में भूमि धारकों को प्रीमियम से छूट दी जाएगी।

Author Edited By : Pooja Mishra Updated: Oct 27, 2024 15:49
Gujarat Middle Class Family Good News

Gujarat Middle Class Family Good News: गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल के गैर-टीपी को राज्य के शहरी विकास प्राधिकरणों (SDA) के क्षेत्र में शामिल किया गया है। इसके साथ ही उन्होंने इन क्षेत्र में भूमि धारकों को राहत देने के लिए एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है। राज्य के डी-1 और डी-2 कैटेगिरी के शहरी विकास प्राधिकरणों (UDA) और भरूच-अंकलेश्वर शहरी विकास प्राधिकरण क्षेत्रों के गैर-टीपी क्षेत्रों में भूमि धारकों को प्रीमियम से छूट दी जाएगी। फिलहाल कटौती में जाने वाली भूमि पर देय… निर्माण क्षेत्र में संपत्ति की कम कीमतों का सीधा फायदा मिडिल क्लास परिवारों को होगा।

डी-1 कैटेगिरी के शहर

डी-1 के तहत आने वाले अहमदाबाद शहरी विकास प्राधिकरण (AUDA), गांधीनगर शहरी विकास प्राधिकरण (GUDA), सूरत शहरी विकास प्राधिकरण (SUDA), वडोदरा शहरी विकास प्राधिकरण (WUDA) और राजकोट शहरी विकास प्राधिकरण (RUDA) से लाभ होगा। 1 कैटेगिरी और डी-2 कैटेगिरी में, भरूच-अंकलेश्वर शहरी विकास प्राधिकरण क्षेत्रों के अलावा जूनागढ़ शहरी विकास प्राधिकरण (जूडा), जामनगर शहरी विकास प्राधिकरण (हाडा) के क्षेत्र गैर-टीपी हैं। इस क्षेत्र में 40 प्रतिशत कटौती के बाद 60 प्रतिशत भूमि प्रीमियम इकट्ठा किया जाएगा।

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सीएम के फैसले का परिणाम

सीएम भूपेन्द्र पटेल के इस फैसले का परिणाम, राज्य के डी-1 और डी-2 कैटेगिरी वाले 8 शहर और गैर-टीपी भरूच-अंकलेश्वर शहरी विकास प्राधिकरण के क्षेत्रों में शामिल हो गए। इलाके के भूमि धारकों को कटौती में जाने वाली भूमि पर भुगतान की जाने वाली प्रीमियम से छूट दी जाएगी। साथ ही उन्हें 40 प्रतिशत के बाद प्रस्तावित भूखंड के अंतिम खंड के क्षेत्र के बराबर क्षेत्र प्रीमियम का भुगतान करना होगा। सीएम भूपेन्द्र पटेल का यह फैसला नॉन TP एरिया में 40 प्रतिशत कटौती भूमि भरने से राजस्व प्रीमियम की राशि से छूट मिलने से निर्माण क्षेत्र में संपत्ति की कीमतें घटेंगी और इसका सीधा लाभ मिडिल क्लास परिवारों परिवारों को मिलेगा।

नगर निर्माण योजना की घोषणा

सीएम पटेल के सामने कई अलग- अलग दलीलें आईं कि राज्य के इन शहरी विकास प्राधिकरणों में शामिल जिन क्षेत्रों में नगर निर्माण योजना की घोषणा नहीं की गई है, उनमें से 40 प्रतिशत भूमि की कटौती की जाती है और भूखंड सत्यापन प्रमाण पत्र जारी किया जाता है और अंतिम भूखंड आवंटित किया जाता है। इससे भूमि का 60 प्रतिशत अंतिम हिस्से के रूप में कब्जाधारी को और 40 प्रतिशत संबंधित प्राधिकारी को दिया जाता है।

विकास योजना-डीपी

ऐसे मामलों में, खेती से खेती तक और खेती से गैर-खेती तक केवल कब्जेदार के पास बची 60 प्रतिशत भूमि के लिए या वास्तव में कटौती के बाद बची हुई भूमि के लिए प्रीमियम एकत्र किया जाना चाहिए। इतना ही नहीं जहां TP लागू हो, वहां कटौती और धारणीय भूमि का मानक 40 प्रतिशत और 60 प्रतिशत है। इसी प्रकार, जहां विकास योजना-डीपी लागू की गई है, वहां एक ही मानक रखा जाना चाहिए।

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‘एफ’ फॉर्म के क्षेत्र

सरकार के सामने ये दलीलें भी आईं कि 2018 के संकल्प के प्रावधानों के तहत TP जहां क्षेत्र या टीपी का इरादा घोषित किया गया है, वहां ‘एफ’ फॉर्म के क्षेत्र के अनुसार या खाते में लेते हुए अंतिम ब्लॉक पर कृषि से कृषि और कृषि से गैर-कृषि तक प्रीमियम एकत्र करने का निर्णय लिया गया है। इसी तरह आदिवासी समाज में गैर TP क्षेत्रफल में भी 40 प्रतिशत कटौती के मानक को ध्यान में रखते हुए जितनी भूमि का क्षेत्रफल बचे उतना ही प्रीमियम वसूला जाना चाहिए।

सीएम भूपेन्द्र पटेल का फैसला

मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने अलग-अलग निवेदनों का व्यापक अध्ययन करने और उन पर सकारात्मक प्रतिक्रिया देने के बाद यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। अब मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने घोषणा की है कि राज्य के डी-1 और डी-2 श्रेणी तथा भरूच-अंकलेश्वर शहरी विकास प्राधिकरणों में जहां TP गैर-टीपी जिसे लागू नहीं किया गया है। क्षेत्र के संबंधित अधिकारियों से सत्यापन प्रमाणपत्र प्राप्त करने के बाद शेष 60 प्रतिशत भूमि पर कृषि से कृषि और कृषि से गैर-कृषि तक प्रीमियम जमा करने का निर्देश दिया गया है।

First published on: Oct 27, 2024 01:49 PM

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