गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने राज्य की नगरपालिकाओं को राज्य सरकार द्वारा दी जाने वाली सहायता में वृद्धि करने का निर्णय लिया है ताकि वे अपने खुद के नए नगर सेवा केंद्रों का निर्माण कर सकें। मुख्यमंत्री ने अपने काम के लिए नगर सेवा सदन में आने वाले नागरिकों को अधिक आसानी और सुविधा देने के लिए इस निर्णय में जन कल्याणकारी दृष्टिकोण अपनाया है। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने स्वर्णिम जयंती मुख्यमंत्री शहरी विकास योजना के तहत दी जाने वाली सहायता राशि बढ़ाने के फैसले के साथ ही यह भी निर्णय लिया है कि नगर सेवा सदन के निर्माण में दिव्यांगों और वरिष्ठ नागरिकों सहित अन्य लोगों के लिए लिफ्ट की सुविधा शामिल की जाएगी तथा ऊर्जा स्वावलंबन और बिजली बिलों में बचत के लिए सोलर सिस्टम लगाया जाएगा।
इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से प्रेरित ‘कैच द रेन’ अभियान को बढ़ावा देने के लिए नए नगर सेवा सदन के निर्माण में वर्षा जल संचयन प्रणाली स्थापित करने के भी निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल द्वारा लिए गए निर्णय के अनुसार, राज्य की ‘ए’ और ‘बी’ श्रेणी की नगर पालिकाओं को नए नगर सेवा केन्द्रों के निर्माण के लिए वर्तमान में दी जा रही 100 करोड़ रुपये की राशि वापस ली जाएगी। 2 करोड़ रुपये की सहायता को तीन गुना बढ़ा दिया गया है।
क्या है योजना?
स्वर्णिम जयंती मुख्यमंत्री शहरी विकास योजना को शहरी विकास और शहरी आवास विभाग द्वारा गुजरात के 50 साल पूरे होने के जश्न के हिस्से के रूप में 2009-10 में शुरू किया गया था। इस योजना का मकसद शहरी बुनियादी ढांचे को एडवांस करना है, जिसमें जल आपूर्ति और भूमिगत जल निकासी पर ध्यान केंद्रित किया गया है। प्रमुख परियोजनाओं में दैनिक नल जल आपूर्ति के लिए “नल से जल” पहल, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) की स्थापना और परिचालन दक्षता के लिए सौर ऊर्जा शामिल है। यह कार्यक्रम गुजरात शहरी विकास मिशन, गुजरात नगर वित्त बोर्ड और अन्य नगर निगम अधिकारियों द्वारा अमल किया जाता है, जिससे एक टिकाऊ और कुशल शहरी इकोसिस्टम सुनिश्चित होता है।
कितनी देगी राज्य सरकार सहायता
इसके अनुसार, ‘ए’ श्रेणी की नगर पालिकाओं को अब नए नगर सेवा केन्द्र बनाने के लिए 6 करोड़ रुपये तथा ‘बी’ श्रेणी की नगर पालिकाओं को 10 करोड़ रुपये दिए जाएंगे। राज्य सरकार 5 लाख रुपये की सहायता देगी। राज्य की ‘सी’ और ‘डी’ श्रेणी की नगर पालिकाओं को वर्तमान में नया नगर सेवा केंद्र बनाने के लिए 1 करोड़ रुपये की सहायता प्रदान की जाती है। इसे बढ़ाकर ‘सी’ श्रेणी की नगर पालिकाओं के लिए 4 करोड़ रुपये तथा ‘डी’ श्रेणी की नगर पालिकाओं के लिए 3 करोड़ रुपये कर दिया गया है।
इतना ही नहीं, मुख्यमंत्री ने यह भी निर्णय लिया है कि नए नगर सेवा केन्द्रों के निर्माण के लिए नगर पालिकाओं को उपलब्ध राशि का 25 प्रतिशत हिस्सा मौजूदा नगर सेवा केन्द्रों की मरम्मत या विस्तार के लिए दिया जाएगा। राज्य में श्रेणी ‘ए’ की 34 नगरपालिकाएं, श्रेणी ‘बी’ की 37, श्रेणी ‘सी’ की 61 और श्रेणी ‘डी’ की 17 नगरपालिकाएं हैं।
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