गुजरात में जहां भीषण गर्मी पड़ रही है, वहीं कुछ जिलों में बेमौसम बारिश हो रही है। इस बीच मुख्यमंत्री ने उत्तर गुजरात और सौराष्ट्र के लिए बड़ा फैसला लिया है। मुख्यमंत्री ने लोगों को पीने का पानी और किसानों को सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराने के लिए नर्मदा के पानी का उपयोग करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने उत्तर गुजरात और सौराष्ट्र क्षेत्र के किसान नेताओं द्वारा किए गए प्रतिनिधित्व पर संवेदनशीलता से प्रतिक्रिया देते हुए किसानों के हित में यह निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि 30 जून, 2025 तक उत्तर गुजरात और सौराष्ट्र क्षेत्र के लिए 30,689 एमसीएफटी नर्मदा जल आवंटित करने का निर्णय लिया गया है।
कैसे नर्मदा का पानी पहुंचाया जाएगा?
उत्तर गुजरात को 14,539 एमसीएफटी तथा सौराष्ट्र को 16,150 एमसीएफटी नर्मदा जल उपलब्ध कराया जाएगा। यह पानी उत्तर गुजरात की 950 से अधिक झीलों और सुजलाम सुफलाम फैली नहर से नर्मदा मुख्य नहर आधारित लिफ्टिंग पाइपलाइन के माध्यम से पूरक सिंचाई और पेयजल प्रयोजनों के लिए आपूर्ति किया जाएगा। इतना ही नहीं, सौराष्ट्र क्षेत्र में 243 झीलों और 1,820 चेक डैम को नर्मदा का पानी पहुंचाया जाएगा। मुख्यमंत्री के इस निर्णय के परिणामस्वरूप उत्तर गुजरात और सौराष्ट्र में कुल 60 हजार एकड़ से अधिक कृषि योग्य भूमि को नर्मदा जल से सिंचाई का लाभ मिलेगा।
यह पानी उत्तर गुजरात की 950 से अधिक झीलों और सुजलाम सुफलाम फैली नहर से नर्मदा मुख्य नहर आधारित लिफ्टिंग पाइपलाइन के जरिए पूरक सिंचाई और पेयजल प्रयोजनों के लिए आपूर्ति किया जाएगा। इतना ही नहीं, सौराष्ट्र क्षेत्र में 243 झीलों और 1,820 चेक डैम को नर्मदा का पानी पहुंचाया जाएगा।
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