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गुजरात

‘कैच द रैन” प्रोजेक्ट से इकट्ठा होगा बूंद-बूंद बारिश का पानी’, बोले केंद्रीय जलमंत्री सीआर पाटिल

Gujarat Jal Sanchay Abhiyan: प्रधानमंत्री के जल संचय अभियान की शुरूआत सूरत से हो चुकी है। इसका पहल का लक्ष्य गुजरात में करीब 24,800 वर्षा जल संचयन संरचनाओं का निर्माण करना है। इससे उन इलाकों में भी पानी को पहुंचाने का प्रयास है।

Author Edited By : Deepti Sharma Updated: Oct 15, 2024 11:54
Gujarat Jal Sanchay Abhiyan
Gujarat Jal Sanchay Abhiyan

Gujarat Jal Sanchay Abhiyan: प्रधानमंत्री के जल संचय अभियान की शुरूआत सूरत से हो चुकी है। इसका पहल का लक्ष्य गुजरात में करीब 24,800 वर्षा जल संचयन संरचनाओं का निर्माण करना है। इससे उन इलाकों में भी पानी को पहुंचाने का लक्ष्य है, जहां एक-एक बूंद के लिए लोग परेशान होते हैं। सरकार अब पानी को लेकर काफी गंभीर दिखाई दे रही है। यही वजह भी है कि इस अभियान को तीन राज्यों के साथ मिलकर शुरू किया गया है।

जल की समस्या को दूर करने का अभियान 

गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने मध्य प्रदेश, राजस्थान के मुख्यमंत्रियों और बिहार के उपमुख्यमंत्री का गुजरात की धरती पर स्वागत करते हुए कहा कि, जल संकट की समस्या को दूर करने और भावी पीढ़ी को हमारे प्राकृतिक संसाधन की अनमोल विरासत को देने के लिए जल संचयन अभियान महत्वपूर्ण होगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुनौतियां आने से पहले ही एक कदम आगे की सोचते हैं और उन्नत दृष्टिकोण के साथ उनके समाधान की योजना बनाते हैं।

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नल से जल, जल जीवन मिशन, “कैच द रैन” अभियान इसका बेहतरीन उदाहरण है। प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में ग्लोबल वार्मिंग के सामने पर्यावरण एवं प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण तथा जल संचयन, जल संरक्षण जैसे अभियान सफल रहे हैं।

भूजल के सुरक्षित भविष्य को सुनिश्चित करने के लिए, नागरिकों, स्थानीय संगठनों, उद्योग की सामूहिक शक्ति ने जल संरक्षण के माध्यम से भावी पीढ़ियों को समृद्ध जल विरासत प्रदान करने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास किया है।

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अभियान ने पूरे देश को दी नई दिशा- केंद्रीय जल मंत्री पाटिल

केंद्रीय जल संसाधन मंत्री सीआर पाटिल ने कहा कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2021 में “कैच द रैन” प्रोजेक्ट शुरू करके बूंद-बूंद बारिश के पानी को एकत्रित करने के लिए गांव का पानी गांव में रहे ऐसी संकल्पना की थी।

उन्होंने कहा कि, “कैच द रैन” अभियान ने पूरे देश को एक नई दिशा दी है। गुजरात में जल संचय जनभागीदारी अभियान हाल ही में सूरत से शुरू किया गया था। केंद्र सरकार संपूर्ण “समाज और संपूर्ण सरकार” के दृष्टिकोण के साथ काम कर रही है।

उन्होंने इस बात की सराहना करते हुए कि, सूरत के व्यवसायियों और पेशेवरों ने कर्मभूमि में रहने और जन्मभूमि के प्रति प्रेम बनाए रखने का नेक दृष्टिकोण अपनाया है। सरकारी स्तर पर चलाए जाने वाले जल संचयन अभियान में लोगों की भागीदारी बढ़ेगी तो भूमिगत जल जरूर बढ़ेगा। इसीलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जल संचयन जनभागीदारी अभियान में जन-जन की भागीदारी को प्राथमिकता दी गई है।

बिहार के उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने की सराहना 

बिहार के उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने सूरत के विकास में देश के अन्य राज्यों से आए लोगों के योगदान सराहना की। उन्होंने कहा कि, कर्मभूमि से जन्मभूमि, जल संचय अभियान संस्थानों को जोड़ने में अहम भूमिका निभाएगा देश में पानी की कमी को दूर करना।

गुजरात सरकार और केंद्र सरकार की संयुक्त पहल से किए गए जल संचयन कार्यों से प्रभावित होकर उन्होंने बिहार में भी जल संग्रहण के कार्य शुरू किए हैं तथा इसमें उद्यमियों को तथा लोगों को शामिल कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि, कर्मभूमि से जन्मभूमि, जल संचय अभियान देश में पानी की कमी को दूर करने में प्रमुख भूमिका निभाएगा।

इस कार्यक्रम में केंद्रीय जल संसाधन मंत्री, मध्य प्रदेश, राजस्थान के मुख्यमंत्रियों, बिहार के उपमुख्यमंत्री, समाज के अग्रणीयों, व्यापारियों सहित गणमान्य लोगों ने इस अभियान को साकार करने के लिए कलश के साथ तांबे के बर्तन में जल अर्पित किया।

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First published on: Oct 15, 2024 11:49 AM

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