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गुजरात

Paytm के नाम पर 500 लोगों के साथ करोड़ों की ठगी, साइबर क्राइम ब्रांच ने किए बड़े खुलासे

गुजरात के अहमदाबाद में साइबर क्राइम ब्रांच ने पेटीएम साउंड बॉक्स के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है। आरोप है कि धोखाधड़ी से हासिल होने वाले पैसे गेमिंग अकाउंट में ट्रांसफर किए जाते थे।

Author Edited By : Deepti Sharma Updated: Apr 2, 2025 14:25
Ahmedabad news
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भूपेंद्र सिंह ठाकुर (अहमदाबाद)

गुजरात के अहमदाबाद में ठगी के एक मामले में 6 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। बता दें, साइबर क्राइम ब्रांच ने पेटीएम साउंड बॉक्स के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है। ये आरोपी दुकानदारों के पास जाकर खुद को पेटीएम का अधिकारी बताकर धोखाधड़ी करते थे। जांच में सामने आया कि इन आरोपियों ने 10 अलग-अलग शहरों के 500 लोगों को अपना शिकार बनाया और करीब 1 से 2 करोड़ रुपये की ठगी की।

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साइबर क्राइम की जांच

अहमदाबाद के वासणा इलाके के निवासी जयेशभाई देसाई की शिकायत पर साइबर क्राइम टीम ने जांच की, जिससे यह बड़ा घोटाला उजागर हुआ। पेटीएम साउंड बॉक्स के नाम पर ठगी करने वाले इस गिरोह ने वासणा में रहने वाले एक बुजुर्ग को निशाना बनाया था। दो आरोपियों ने उनके डेबिट कार्ड के लिए ऑनलाइन आवेदन किया और उनके मोबाइल फोन का ऐप पासवर्ड हासिल कर दो अलग-अलग लेन-देन में 5.99 लाख रुपये की ठगी की। इस आधार पर साइबर क्राइम ने गोविंद खटीक, ब्रिजेश पटेल, पराग मिस्त्री, राज पटेल, डिलक्स सूथार और प्रीतम सूथार समेत 6 लोगों को गिरफ्तार किया।

कैसे करते थे ठगी?

साइबर क्राइम के एसीपी हार्दिक मांकडिया ने बताया कि इस गिरोह का ठगी करने का तरीका बेहद शातिराना था। आरोपी दुकानदारों के पास जाकर खुद को पेटीएम का अधिकारी बताकर पेटीएम साउंड बॉक्स को मुफ्त में चार्ज करने के बहाने उनका मोबाइल फोन ले लेते थे। इसके बाद वो 6 बैंकिंग पिन नंबर हासिल कर दुकानदारों के बैंक अकाउंट से पैसे अपने खातों में ट्रांसफर कर लेते थे। ये पैसे अवैध ऑनलाइन गेमिंग साइट्स में निवेश कर देते थे।

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गिरोह में कौन-कौन शामिल?

इस गिरोह का मास्टरमाइंड ब्रिजेश पटेल है, जो अहमदाबाद के राणीप का निवासी है। उसने 10वीं तक पढ़ाई की और आईटीआई किया। वह पहले पेटीएम कंपनी में सेल्स और मार्केटिंग का काम कर चुका है। गोविंद खटीक बीकॉम के तीसरे वर्ष का छात्र है और पहले एक मशीनरी फैक्ट्री में काम करता था। पराग मिस्त्री मास्टर ऑफ कंप्यूटर साइंस कर चुका है और एक बैंक में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में काम करता था। वह गिरोह के लिए अलग-अलग लोगों के बैंक अकाउंट की जानकारी जुटाने का काम करता था।

राकेश पटेल ने 12वीं साइंस तक पढ़ाई की और आईटीआई करने के बाद घर से ही मशीन प्रोग्रामिंग का काम करता था। वह मुख्य आरोपी के साथ मिलकर दुकानों में जाकर नजर रखता था। आरोपी डिलक्स सूथार ने सिर्फ 10वीं तक पढ़ाई की है और अवैध ऑनलाइन गेमिंग साइट्स में रजिस्ट्रेशन कर ठगी से मिले पैसे को मैनेज करने का काम करता था।

प्रीतम नामक आरोपी पहले पेटीएम कंपनी में काम कर चुका है और उसके खिलाफ हत्या-मारपीट सहित 10 से ज्यादा मामले दर्ज हैं। साइबर क्राइम इससे पहले भी इसी तरह के मामलों में तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है, जिनमें मोहसिन, सद्दाम और सलमान शामिल हैं। ये आरोपी वडोदरा के रहने वाले हैं। फिलहाल, इन 6 आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर पुलिस आगे की जांच कर रही है।

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Edited By

Deepti Sharma

First published on: Apr 02, 2025 02:25 PM

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