Gujarat Election: गुजरात विधानसभा चुनाव के नतीजों में बीजेपी ने अब तक की अपनी सबसे बड़ी जीत दर्ज की है, गुजरात में बीजेपी ने 156 विधानसभा सीटों पर ऐतिहासिक जीत दर्ज की है। मध्य प्रदेश से सटी गुजरात की सभी विधानसभा सीटों पर भी कमल का राज देखने को मिला है। खास तौर पर गुजरात की यह सीटें आदिवासी बहुल थी ऐसे में इन सीटों पर बीजेपी की जीत मध्य प्रदेश के लिए भी अच्छे संकेत माने जा रहे हैं। यही वजह है कि गुजरात की जीत से मध्य प्रदेश बीजेपी के नेता भी गदगद नजर आ रहे हैं।
MP से सटी 27 सीटों में से 25 पर BJP की जीत
दरअसल, मध्य प्रदेश से सटी गुजरात की 27 विधानसभा सीटों पर बीजेपी को शानदार जीत मिली है, बीजेपी ने 27 में से 25 सीटें जीती हैं, जबकि एक सीट कांग्रेस और एक सीट आम आदमी पार्टी के खाते में गई है। यह जीत जितनी गुजरात के लिए खास मानी जा रही है उतनी ही मध्य प्रदेश के नजरिए से भी अहम है। क्योंकि इन सीटों पर मिली जीत का सीधा असर 2023 में होने वाले मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव पर पड़ना तय माना जा रहा है। क्योंकि 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में इन सीटों पर बीजेपी और कांग्रेस में अच्छी टक्कर देखने को मिली थी, लेकिन इस बार के चुनाव में बीजेपी ने एक तरफ जीत हासिल की है।
आदिवासियों के मन में बसी बीजेपी
खास बात यह है कि मध्य प्रदेश से सटी गुजरात की यह सभी सीटें आदिवासी बहुल है, जिनमें से कई सीटें आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित भी थी, ऐसे में आदिवासी सीटों पर बीजेपी की जीत इस बात के संकेत भी हैं कि पार्टी की तरफ से आदिवासी वर्ग को अपने पक्ष में करने वाला दांव भी सफल होता नजर आ रहा है, राजनीतिक जानकारों का भी यही कहना है कि गुजरात के आदिवासियों के मन में बीजेपी बसती नजर आ रही है, जिसके चलते पार्टी को इतनी बड़ी जीत मिली है।
बनासकांठा और दाहोद जिले में ज्यादातर सीटों पर बीजेपी ने कब्जा जमाया है, खास बात यह भी हैं कि इन सीटों पर प्रचार की जिम्मेदारी भी बीजेपी ने मध्य प्रदेश के नेताओं को सौंपी थी, गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा को बनासकांठा जिले का प्रभारी बनाया गया था, जबकि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से लेकर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने भी गुजरात में प्रचार किया था। इन नतीजों को आदिवासियों के रुख के तौर पर देखा जा रहा है। क्योंकि गुजरात में आदिवासी वर्ग के लिए 26 सीटें आरक्षित थी, जिनमें से 24 सीटें बीजेपी ने जीती हैं।
मध्य प्रदेश में आदिवासी वर्ग के लिए 47 सीटें आरक्षित
मध्य प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों में से 47 सीटें आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित हैं, खास बात यह है कि इनमें से अधिकतर सीटें ऐसी हैं जो गुजरात से सटी हैं, जहां के आदिवासियों का एक दूसरे से अच्छा संपर्क माना जाता है। 2018 के मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में आदिवासियों ने कांग्रेस का रुख किया था, जिससे बीजेपी को सत्ता गंवानी पड़ी थी, क्योंकि 2018 में कांग्रेस ने 30 आदिवासी सीटों पर जीत दर्ज की थी, जबकि बीजेपी को 16 सीटें मिली थी। ऐसे में 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी एक बार फिर इस वोटबैंक को अपने पाले में लाने में जुटी है, जिसमें गुजरात के विधानसभा चुनाव के नतीजें बीजेपी के लिए अच्छे संकेत माने जा रहे हैं।