Greater Noida News: जिला न्यायालय गौतमबुद्ध नगर ने 2 साल की बच्ची की हत्या के मामले में पिता को निर्दोष मानते हुए बरी कर दिया है। साक्ष्य एवं गवाह के अभाव में आरोपी को बरी किया गया है। कोर्ट का निर्णय सुनने के बाद आरोपी ने राहत की सांस ली है।
यह था मामला
कासना थाने में 31 दिसंबर 2013 को सोनू ने मुकदमा दर्ज करवाया था कि उसके पति नीरज ने शराब के नशे में धुत होकर उसकी 2 साल की बेटी तनु को दीवार के पास पत्थर से दबाकर मार डाला है। सूचना के आधार पर पुलिस ने आरोपी पिता नीरज को गिरफ्तार किया और आरोपी के खिलाफ चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की थी।
क्या बोले अधिवक्ता
अधिवक्ता मनोज तेवतिया ने बताया कि इस मामले में पति के खिलाफ पत्नी ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस की चार्जशीट कोर्ट में दाखिल होने के बाद सुनवाई शुरू हुई। कोर्ट में बताया गया कि नीरज के खिलाफ झूठा मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस ने गवाहों के बयान गलत तरीके से दर्ज किया। इस मामले में कोई ठोस सबूत नहीं है।
दम घुटने से हुई थी मौत
कोर्ट में बताया गया की बच्ची की मौत दम घुटने से हुई, लेकिन यह साबित नहीं हो पाया कि नीरज ने जानबूझकर उसकी हत्या की और शव को छुपाया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से भी मौत दम घुटने से हुई थी इसकी पुष्टि हुई थी। मामले में कई गवाह और सबूत पेश किए गए, लेकिन वह भी नीरज को दोषी नहीं बना सके। संदेह का लाभ देते हुए कोर्ट ने पिता नीरज को बरी कर दिया है।
12 साल तक चली सुनवाई
2 साल की बच्ची की हत्या के मामले में करीब 12 साल तक जिला न्यायालय गौतमबुद्ध नगर में सुनवाई चली। इस दौरान कई बार गवाह पेश नहीं हुए और कई लोग अपनी गवाही से भी पलट गए। सबूत का भी अभाव रहा। इसी का लाभ नीरज को मिला और वह बरीहो गया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दम घुटने से मौत की पुष्टि हुई। यह नीरज के पक्ष में गया और संदेह का लाभ उसे मिला।