Greater Noida News: ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण क्षेत्र के आठ गांवों में जल्द ही आंगनवाड़ी केंद्रों का निर्माण किया जाएगा. इसके लिए जमीन चिन्हित कर टेंडर की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है और कार्यदायी संस्था का चयन भी हो चुका है. बुधवार को कुलीपुरा, पंचायतन, बुलंदखेड़ा और कनरसा गांवों में शिलान्यास कर कार्य शुरू करा दिया गया.
स्वास्थ्य योजनाओं का मिलेगा लाभ
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों के मुताबिक इन आंगनवाड़ी केंद्रों के निर्माण से ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं और बच्चों तक पोषण, स्वास्थ्य, परिवार नियोजन और शिक्षा से जुड़ी सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाना आसान होगा. प्रदेश सरकार ने कुपोषण मिटाने और मातृ-शिशु स्वास्थ्य सुधारने के लिए इस दिशा में विशेष पहल की है.
पहले चरण में आठ गांवों का चयन
पहले चरण में पंचायतन, कुलीपुरा, कनरसा, बुलंदखेड़ा, कासना, नटो की मढैया, डाढ़ा और मुर्शदपुर गांवों में आंगनवाड़ी केंद्र बनाए जाएंगे. इन केंद्रों पर एक कमरा, बरामदा, रसोईघर और शौचालय का निर्माण मानकों के अनुसार किया जाएगा. जेवर विधायक धीरेंद्र सिंह ने इस विषय को प्राधिकरण के उच्चाधिकारियों के समक्ष रखा था, जिसके बाद परियोजना को मंजूरी मिली.
86 लाख रुपये होंगे खर्च
यह केंद्र स्मार्ट बाल वाटिका के रूप में विकसित किए जाएंगे. वरिष्ठ प्रबंधक नागेंद्र सिंह ने बताया कि ये केंद्र पारंपरिक आंगनवाड़ी होंगे, इन्हें मुख्यमंत्री बाल वाटिका योजना के तहत स्मार्ट प्री-प्राइमरी स्कूलों की तर्ज पर विकसित किया जाएगा. यहां 3 से 6 वर्ष तक के बच्चों को खेल-खेल में अनौपचारिक शिक्षा, टीकाकरण, स्वास्थ्य जांच और परिवार नियोजन से जुड़ी जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी.
भविष्य में और गांवों को भी जोड़ा जाएगा
भविष्य में अन्य गांवों से भी आंगनवाड़ी केंद्र निर्माण के प्रस्ताव मंगाए जाएंगे. वर्तमान में जिले में 300 से अधिक आंगनवाड़ी केंद्र संचालित हैं. अब प्राधिकरण क्षेत्र के गांवों में पंचायत व्यवस्था समाप्त होने के बाद विकास कार्यों की जिम्मेदारी ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण निभा रहा है.
क्या बोले एसीईओ ?
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के एसीईओ सुमित यादव ने बताया कि शहर के सेक्टरों की तरह अब क्षेत्र के गांवों में भी विकास कार्य तेजी से कराए जा रहे हैं. प्रदेश सरकार की योजना के तहत आठ गांवों में आंगनवाड़ी केंद्रों का निर्माण किया जा रहा है. इससे महिलाओं और बच्चों से जुड़ी योजनाओं का लाभ सीधा गांवों तक पहुंच सकेगा.
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