Female Street Dog Jaya From Varanasi Gets Passport and Visa: उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले से एक दिलचस्प खबर सामने आई है। यहां जया नाम की एक फीमेल स्ट्रीट डॉग वैध पासपोर्ट और वीजा के साथ नीदरलैंड की यात्रा करेगी। नीदरलैंड की एक महिला ने इस स्ट्रीट डॉग को अडॉप्ट किया है।
नीदरलैंड के एम्स्टर्डम की रहने वाली मेराल बोंटेनबेल ने हाल ही में जया के साथ अपने प्यारे बंधन को लेकर न्यूज एजेंसी एएनआई से बात की। बोंटेनबेल ने बताया कि वह हमेशा एक पालतू जानवर पालने का सपना देखती थी। उन्होंने कहा कि वाराणसी की यात्रा के दौरान उन्हें जया से प्यार हो गया।
#WATCH | Varanasi, Uttar Pradesh: A female street dog named Jaya from Varanasi is set to leave India with a proper visa and passport with her new owner from the Netherlands. pic.twitter.com/i57rMJqyjb
— ANI (@ANI) October 26, 2023
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ऐसे हुई जया से दोस्ती
उन्होंने बताया कि मैंने वाराणसी की यात्रा की क्योंकि मुझे घूमने का शौक है। जब मैं एक दिन (अपने सह-यात्रियों के साथ) वाराणसी में घूम रही थी तो जया हमारे पास आई। वह बहुत प्यारी है। उसने मेरा दिल जीत लिया। मैंने उसे गले लगाया। उसके बाद वह हमारे साथ जुड़ गई। इसके बाद उसने हमारा पीछा करना शुरू कर दिया। फिर एक दिन सड़क पर एक अन्य कुत्ते ने उस पर हमला कर दिया।
कहानी में रोमांचक मोड़ तब आता है जब एक जया पर एक अन्य स्ट्रीट डॉग ने हमला कर दिया। इसके बाद एक सुरक्षा गार्ड ने जया को उसके चंगुल से बचाता है। बोंटेनबेल ने एएनआई को बताया कि इसके बाद मैंने उसे गोद में उठाया।
#WATCH | Varanasi, Uttar Pradesh: The dog's owner from the Netherlands, says, "My name is Meral Bontenbel. I am from Amsterdam, the Netherlands. I came here to travel and to explore the city. And when I was walking around…Jaya approached us and she was very sweet. She wanted to… https://t.co/R0ro7aicZn pic.twitter.com/SxWd49Qvj5
— ANI (@ANI) October 26, 2023
पासपोर्ट-वीजा के लिए छह महीने रुकी बोंटेनबेल
जया को बेहतर जीवन देने के लिए बोंटेनबेल ने प्रतिज्ञा ली। अपनी जया के लिए पासपोर्ट और वीजा लेने के लिए उन्होंने आवेदन किया। बताया गया है कि इसके लिए उन्होंने छह महीने तक के लिए अपना भारत प्रवास आगे बढ़वाया। उन्होंने कहा कि मैं उसे अपने साथ ले जाने में सक्षम होने से बहुत खुश हूं। यह एक लंबी प्रक्रिया थी। मुझे उसे इस मुकाम तक पहुंचाने के लिए छह महीने इंतजार करना पड़ा।