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Haryana: किसानों का प्रदर्शन खत्म, 21 घंटे बाद खुला राष्ट्रीय राजमार्ग 44

चंडीगढ़: हरियाणा में 21 घंटे से अधिक चले किसानों का प्रदर्शन थमने के बाद राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 44 पर यातायात बहाल हो गया है। ये किसान धान की जल्द खरीद की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। बाद में राज्य सरकार के नरम पड़ने के बाद किसानों ने प्रदर्शन खत्म करने का ऐलान किया, जिसके […]

Edited By : Pulkit Bhardwaj | Updated: Sep 25, 2022 23:19
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किसान आंदोलन की प्रतीकात्मक तस्वीर
किसान आंदोलन की प्रतीकात्मक तस्वीर

चंडीगढ़: हरियाणा में 21 घंटे से अधिक चले किसानों का प्रदर्शन थमने के बाद राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 44 पर यातायात बहाल हो गया है। ये किसान धान की जल्द खरीद की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। बाद में राज्य सरकार के नरम पड़ने के बाद किसानों ने प्रदर्शन खत्म करने का ऐलान किया, जिसके बाद पुलिस ने नाकाबंदी हटा ली है।

राज्य सरकार ने बयान जारी कर कहा है कि वह अनाज मंडियों में संग्रहीत सभी धान को स्थानांतरित करना शुरू कर देगी हालांकि आधिकारिक खरीद दस्तावेजों को 1 अक्टूबर को संसाधित किया जाएगा, जैसा कि पहले घोषित किया गया था।

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धान की जल्द खरीद की मांग को लेकर 21 घंटे से अधिक समय तक एक प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्ग को अवरुद्ध करने वाले हरियाणा के किसानों ने राज्य सरकार के नरम पड़ने के बाद नाकाबंदी हटा ली है। विरोध प्रदर्शन के कारण कुरुक्षेत्र के आसपास राष्ट्रीय राजमार्ग 44 पर भारी यातायात बाधित हुआ था।

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राज्य ने अब कहा है कि वह अनाज मंडियों में संग्रहीत सभी धान को स्थानांतरित करना शुरू कर देगा, हालांकि आधिकारिक खरीद दस्तावेजों को 1 अक्टूबर को संसाधित किया जाएगा, जैसा कि पहले घोषित किया गया था। गुरनाम सिंह चारुनी के नेतृत्व भारतीय किसान संघ-चारुनी विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहा था। चारूनी ने कहा कि अब यह उनका सिरदर्द है कि वे इसे कहां स्टोर करेंगे।

उन्होंने कहा कि राज्य ने पांच जिलों में खरीद की सीमा भी बढ़ा दी है, जहां फसल की उच्च उपज 22 से 30 क्विंटल प्रति एकड़ है, उन्होंने कहा कि कई अन्य जिलों में इसे बढ़ाकर 28 क्विंटल प्रति एकड़ कर दिया गया है।

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कानून-व्यवस्था बिगड़ने का अनुमान लगाने में विफल रहने के लिए एक अदालत द्वारा खींचे जाने के बाद हरियाणा सरकार जल्द ही नरम पड़ गई। अदालत ने उनसे कहा कि राजमार्ग को बिना किसी बाधा के मुक्त प्रवाह और यातायात की आवाजाही के लिए खुला रखा जाना चाहिए “ताकि बड़े पैमाने पर जनता को असुविधा न हो”।

आधी रात को हुई सुनवाई में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने कहा कि जिला प्रशासन को स्थिति को रोकने के लिए तुरंत कदम उठाने चाहिए थे। अदालत ने राज्य को कानून व्यवस्था को और बिगड़ने से रोकने का निर्देश देते हुए सावधानी बरतने की भी सलाह दी। कोर्ट ने कहा कि “बल प्रयोग का सहारा अंतिम विकल्प होना चाहिए, और वह भी तब तक जब तक प्रशासन के पास कोई दूसरा रास्ता न हो।”

HISTORY

Edited By

Pulkit Bhardwaj

Edited By

Manish Shukla

First published on: Sep 24, 2022 12:03 PM
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