नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी अब राष्ट्रीय पार्टी बन गई है। सोमवार को चुनाव आयोग ने उन्हें ये दर्जा दिया है। इसके अलावा शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस का राष्ट्रीय दर्जा छीन लिया गया है। सीपीआई को भी क्षेत्रीय पार्टी घोषित कर दिया गया है। चुनाव आयोग ने यह जानकारी दी है।
फिलहाल TMC को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा वापस दिलाने के लिए पार्टी में चुनाव आयोग के फैसले को चुनौती देने पर मंत्रणा चल रही है।
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वहीं, आप संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इतने कम समय में राष्ट्रीय पार्टी? ये किसी चमत्कार से कम नहीं। उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि सबको बहुत बहुत बधाई देश के करोड़ों लोगों ने हमें यहां तक पहुंचाया। लोगों को हमसे बहुत उम्मीद है। आज लोगों ने हमें ये बहुत बड़ी जिम्मेदारी दी है हे प्रभु, हमें आशीर्वाद दो कि हम ये जिम्मेदारी अच्छे से पूरी करें।
इतने कम समय में राष्ट्रीय पार्टी? ये किसी चमत्कार से कम नहीं। सबको बहुत बहुत बधाई
देश के करोड़ों लोगों ने हमें यहाँ तक पहुँचाया। लोगों को हमसे बहुत उम्मीद है। आज लोगों ने हमें ये बहुत बड़ी ज़िम्मेदारी दी है
हे प्रभु, हमें आशीर्वाद दो कि हम ये ज़िम्मेदारी अच्छे से पूरी करें
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) April 10, 2023
टिपरा मोथा को मिला स्टेट पार्टी का दर्जा
चुनाव आयोग के अनुसार, नागालैंड में लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास), मेघालय में वॉइस ऑफ द पीपल पार्टी और त्रिपुरा में टिपरा मोथा को राज्य राजनीतिक दल का दर्जा दिया गया है। इसके अलावा पीडीए (मणिपुर), पीएमके (पुडुचेरी), आरएलडी (उत्तर प्रदेश), बीआरएस (आंध्र प्रदेश), आरएसपी (पश्चिम बंगाल) और एमपीसी (मिजोरम) से राज्य दर्जा भी वापस ले लिया गया है।
NCP, CPI और AITC का राष्ट्रीय राजनीतिक दल का दर्जा वापस ले लिया गया है। NCP को नागालैंड और AITC को मेघालय में राज्य दलों के रूप में मान्यता दी जाएगी।
Lok Janshakti Party (Ram Vilas) in Nagaland; Voice of the People Party in Meghalaya & Tipra Motha in Tripura have been given the status as Recognized State Political Parties. Status of state parties PDA (Manipur), PMK (Puducherry), RLD (Uttar Pradesh), BRS (Andhra Pradesh),…
— ANI (@ANI) April 10, 2023
बता दें कि किसी पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा तभी मिलता है जब उसके उम्मीदवार देश में कम से कम चार राज्यों में छह प्रतिशत से अधिक वोट हासिल करें। साथ ही लोकसभा में उसका प्रतिनिधित्व कम से कम चार सांसदों का हो। राष्ट्रीय दल का दर्जा खोने के बाद पार्टी देश के सभी राज्यों में एक चुनाव चिन्ह पर चुनाव नहीं लड़ सकती है।
Election Commission of India recognises Aam Aadmi Party (AAP) as a national party.
Election Commission of India derecognises CPI and TMC as national parties. pic.twitter.com/9ACJvofqj6
— ANI (@ANI) April 10, 2023
चुनाव आयोग ने तृणमूल को भेजा था नोटिस
ममता बनर्जी की पार्टी को 2014 में लोकसभा चुनाव के बाद राष्ट्रीय दल का दर्जा मिला था। मार्च के शुरुआत में भाजपा विधायक और बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने केंद्रीय चुनाव आयोग से तृणमूल कांग्रेस राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा वापस लेने की मांग की थी। चुनाव आयोग ने तृणमूल को नोटिस भेजा था। जिसमें पूछा था कि राष्ट्रीय दल का दर्जा क्यों नहीं वापस लेना चहिए।
आप ने कर्नाटक हाईकोर्ट में दाखिल की थी याचिका
कर्नाटक आप के संयोजक पृथ्वी रेड्डी ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। उन्होंने कहा कि आप राष्ट्रीय दर्जा पाने की हकदार है। बावजूद इसके देरी की जा रही है। इस याचिका पर 16 अप्रैल को हाईकोर्ट ने मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार को 13 अप्रैल से पहले पूरी स्थिति के बारें में आदेश जारी करने का निर्देश दिया था। जवाब में सीईसी प्रतिनिधि ने पुष्टि की है कि 11 अप्रैल को ऑर्डर जारी कर दिया जाएगा।
राष्ट्रीय दल का दर्जा पाने के लिए क्या जरूरी?
इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया के मुताबिक, कोई राजनीतिक दल एक राष्ट्रीय दल के रूप में मान्यता प्राप्त करने के लिए आवेदन कर सकता है, अगर- यह कम से कम चार राज्यों में ‘मान्यता प्राप्त’ है। इसके अलावा पिछले लोकसभा या विधानसभा चुनाव में किन्हीं चार या अधिक राज्यों में कुल मतों का कम से कम छह प्रतिशत वोट प्राप्त किया हो और पिछले लोकसभा चुनाव में कम से कम चार सांसदों को लोकसभा भेजा हो।
2012 में अस्तित्व में आई थी आप पार्टी
गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी पहले से ही दिल्ली और पंजाब में एक मान्यता प्राप्त राज्य स्तरीय पार्टी है। AAP पार्टी को पिछले साल गोवा विधानसभा चुनाव में 6.8 प्रतिशत, गुजरात में 12.92 प्रतिशत मतदाताओं का समर्थन मिला था। दिल्ली में आप का जनाधार सबसे ज्यादा मजबूत है। केजरीवाल की आम आदमी पार्टी साल 2012 में अस्तित्व में आई थी। पिछले आठ सालों में आम आमदी पार्टी को चार राज्यों में आपने जनाधार को बढ़ाने में सफलता मिली है। दिल्ली और पंजाब में केजरीवाल की पार्टी की अकेले दम पर सरकार है।
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