अमित कसाना, नई दिल्ली: दिल्ली नगर निगम चुनाव 2022 के नतीजे घोषित हो चुके हैं। दिल्ली की कुल 250 निगम सीटों में से 134 सीटों पर आम आदमी पार्टी को विजयी मिली है। वहीं, भाजपा 104 सीटों पर जीती है। इसके अलावा 9 सीटों पर कांग्रेस और 3 पर अन्य की जीत हुई है। अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि दिल्ली का अगला मेयर कौन होगा?
AAP sweeps BJP's citadel in MCD, logs massive victory with 134 wards
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— ANI Digital (@ani_digital) December 7, 2022
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यह संभावित उम्मीदवार
राजनीतिक गलियारों में जहां आप में संभावित उम्मीदवारों को लेकर दिल्ली महिला आयोग की सदस्य रहीं प्रोमिला गुप्ता, महिला इकाई की प्रदेश संयोजक निर्मला देवी की चर्चा है। वहीं, भाजपा में दक्षिणी दिल्ली नगर निगम की पूर्व महापौर कमलजीत सहरावत, भाजपा नेता रेखा गुप्ता व पूर्वी दिल्ली की पूर्व महापौर नीमा भगत के नाम की चर्चा है। हालांकि दोनों में से किसी पार्टी ने अभी इस बारे में अपने पत्ते नहीं खोले हैं। न ही news24online.com इसकी कोई पुष्टि कर रहा है। किसी पार्टी की तरफ से अभी तक मेयर के नामों की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
मनोनित पार्षदों का चुनाव
जानकारी के मुताबिक आप पार्टी अंदर खाते मेयर के नाम पर ऐसे नाम को तय करने में जुटी है जिस पर सभी की सहमति बनाई जा सके। उधर, बताया जा रहा है कि किसी भी नाम के बारे में कल यानी हिमाचल व गुजरात विधानसभा में रिजल्ट घोषित होने के बाद ही कुछ किया जाएगा। कुछ लोग आप की कालकाजी से विधायक आतिशी मार्लिना का नाम भी इस रेस में होने का दावा कर रहे है। लेकिन राजनीतिक जानकारों की मानें तो आतिशी वर्तमान में कालकाजी से विधायक हैं और मेयर केवल निगम सदस्य ही बन सकता है। जीते हुए निगम पार्षद ही इसके लिए वोट करते हैं। अभी तक नगर निगम में केवल मनोनित पार्षद चुना जाता है लेकिन वह भी डिप्टी जोन चेयरमैन पद तक ही बन सकता है।
बीजेपी नेताओं के बयानों से बढ़ी धुकधुकी
बीजेपी दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता और भाजपा नेता तजिंदर पाल सिंह बग्गा ने निगम चुनाव के नतीजों के बाद अपने बयानों से सियासी गलियारे में भूचाल ला दिया। दोनों ने दावा किया है कि भले ही चुनाव में आम आदमी पार्टी को बढ़त मिली है, लेकिन मेयर तो भाजपा का ही बनेगा।
आदेश गुप्ता ने कहा- ‘राजनीति में कुछ भी हो सकता है। भाजपा का मेयर भी बन सकता है। जनता ने आम आदमी पार्टी को पूरा समर्थन नहीं दिया है। इसलिए इंतजार करिए। कुछ भी हो सकता है।’ उन्होंने आगे कहा, ‘जनता ने सत्येंद्र जैन, मनीष सिसोदिया के भ्रष्टाचार का जवाब दे दिया है। दोनों का सूपड़ा साफ हो गया। लोग देख रहे हैं कि दिल्ली के संकट में हमेशा से भाजपा उनके साथ रही। इसलिए मेयर चुनाव तक हमें इंतजार करना चाहिए। जब मेयर का चुनाव होगा, तब बहुत सारी बातें हो सकती हैं। भाजपा का मेयर भी बन सकता है।’ भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा के राष्ट्रीय सचिव तजिंदर पाल सिंह बग्गा ने ट्वीट किया ‘दिल्ली में फिर एक बार भारतीय जनता पार्टी का मेयर बनेगा।
दिल्ली में फिर एक बार भारतीय जनता पार्टी का मेयर बनेगा ।
— Tajinder Bagga (Modi Ka Parivar) (@TajinderBagga) December 7, 2022
यह है गणित
दिल्ली नगर निगम अधिनियम के मुताबिक केवल चुने हुए पार्षद ही वोटिंग से मेयर को चुनेंगे। इसके लिए सीधे वोटिंग नहीं होती। अब नतीजों और उसके आगे के राजनीतिक गणित को समझें तो आप के पास बहुमत से 8 सीट ज्यादा है। वहीं, भाजपा को अपना मेयर बनाने के लिए 22 पार्षदों का साथ चाहिए होगा। अभी 9 कांग्रेस के पास हैं और 3 निर्दलीय हैं। ये मेयर के चुनाव में किसे वोट देंगे अभी स्पष्ट नहीं है। खास बात यह है कि निगम में दल-बदल कानून लागू नहीं होता है। ऐसे में बीजेपी की कोशिश होगी कि जो नेता नाराज होकर आप में चले गए थे, उन्हें वापस लाया जाए।
यह भी जानें
बता दें कि पूर्ण राज्य का दर्जा नहीं होने से दिल्ली नगर निगम को केंद्र सरकार, उपराज्यपाल के माध्यम से चलाती है। दिल्ली सरकार केंद्र पर दबाव बनाती हैं। दिल्ली नगर निगम भारत का सबसे बड़ा निगम है। केंद्र और दिल्ली सरकार दोनों इस पर अपना नियंत्रण बनाए रखना चाहती हैं। दिल्ली नगर निगम अधिनियम संसद के जरिए पारित होता है। इसलिए केंद्र सरकार नियंत्रण के लिए जो शक्ति चाहती है, वह अधिनियम में शामिल कर लेती है।
इसलिए महिला बनेगी मेयर
दिल्ली नगर निगम अधिनियम के मुताबिक यहां मेयर का कार्यकाल केवल एक वर्ष का होता है। निगम में सरकार के पांच वर्ष के कार्यकाल में से पहले वर्ष महिला पार्षद के लिए, तो तीसरा वर्ष अनुसूचित जाति के पार्षद के लिए आरक्षित है। अन्य तीन वर्षों में किसी भी श्रेणी और जाति का पार्षद मेयर बन सकता है।