पल्लवी झा,
What is cloud seeding?: दिल्ली NCR में प्रदूषण का गुब्बार छंटने का नाम नहीं ले रहा है ऐसे में आम लोगों के साथ-साथ सरकार के सामने भी बड़ी चुनौती खड़ी है। सरकार लगातार कई कदम उठा तो रही है लेकिन उन तमाम कदमों के बावजूद प्रदूषण छट नहीं रहा है। कहीं न कहीं जो कदम उठाए जा रहे हैं वो नाकाफी है। जानकारी के अनुसार, दिल्ली सरकार IIT कानपुर के साथ मिलकर एक नए प्रोजेक्ट पर काम कर रही है जिससे दिल्ली के प्रदूषण को कम किया जा सके।
क्या है क्लाउड सीडिंग?
जानकारी के मुताबिक़ भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) कानपुर ने दिल्ली और उसके पड़ोसी क्षेत्रों में वायु प्रदूषण की समस्या को हल करने के लिए एक संभावित समाधान विकसित किया है। उन्होंने हवा से प्रदूषकों और धूल को साफ करने में मदद करने के लिए क्लाउड सीडिंग के ज़रिए से ‘कृत्रिम बारिश’ का रास्ता निकाला है। आईआईटी प्रोफेसर मनिंदर अग्रवाल के मुताबिक क्लाउड सीडिंग के कृत्रिम बारिश के कार्यान्वयन के लिए विशिष्ट मौसम संबंधी स्थितियों की आवश्यकता होती है, जैसे कि पर्याप्त नमी और उपयुक्त हवाओं के साथ बादलों की उपस्थिति होनी जरूरी होती है। क्लाउड सीडिंग में एक तरीक़े का साल्ट इस्तेमाल किया जाता है जी एयरक्राफ्ट के जरिए बादलों तक पहुंचाया जाता है। आईआईटी कानपुर के पास अपना एयरक्राफ्ट मौजूद है जिसमे फ्लेयर्स लगे हैं इसी के जरिए क्लाउड सीडिंग की योजना बनायी जा रही है। हल्की इससे पहले ड्रोन और रॉकेट लॉन्च करके बादलों में टकराया जाता था लेकिन उसकी सफलता काफी कम रही जिसकी वजह से ये प्रक्रिया पर काम किया जा रहा है।
IIT kanpur is planning to rain down delhi through cloud seeding. This is to help calm down pollution in the region.#Punjab #DelhiAirPollution #delhiearthquake pic.twitter.com/JAOFpATOzk
---विज्ञापन---— Nishh! (@nish22032203) November 6, 2023
CII और IIT कानपुर का प्लान
आईआईटी पिछले पांच साल से अधिक समय से कृत्रिम बारिश के लिए आवश्यक परिस्थितियां बनाने पर काम कर रहा था और पिछले 2 महीने से सीआईआई के साथ मिलकर दिल्ली एनसीआर में क्लाउड सीडिंग के तैयारी में लगा हुआ था। जिसको लेकर दिल्ली सरकार से तो हरी झंडी मिल गई है साथ ही नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) सहित सरकारी अधिकारियों से आवश्यक अनुमति प्राप्त कर ली है लेकिन अभी सीआईआई केंद्र सरकार और राज़्य सरकार से समन्वय बनाने में जुटी हुई है।
IIT Kanpur proposes cloud seeding as a potential solution for Delhi's air pollution. The method's effectiveness is contingent on specific meteorological conditions and necessitates approvals from government agencies. #IITKanpur #CloudSeeding #AirPollutionSolution #Delhi pic.twitter.com/wUPkGGnnzj
— First India (@thefirstindia) November 6, 2023
प्रदूषण से मिलेगी कितनी राहत
हांलकि, क्लाउड सीडिंग के ज़रिये आर्टिफिकल रेन दिल्ली के एक लाख किमी वर्ग में करा पाना बहुत मुस्किल हैं। और ये १ हफ़्ते से जायदा टिकती भी नहीं तो ऐसे में इसमें खर्च तो बहुत आता है पर फ़ौरी राहत होती है। यानी कृत्रिम बारिश राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के निवासियों को एक सप्ताह तक के लिए अस्थायी राहत प्रदान कर सकती है, लेकिन वहां ही जहां बादलों का जमावड़ा हो।
Indian Institute of Technology (IIT) Kanpur has reportedly developed a potential solution to address the problem of air pollution in Delhi and its neighbouring regions.
They propose the use of "artificial rains" through cloud seeding to help clear pollutants and dust from the… pic.twitter.com/SVq4SKfVH4
— Trolls Officials (@trollsofficials) November 6, 2023
दिल्ली की वायु गुणवत्ता तपिछले कई दिनों से ‘गंभीर प्लस’ श्रेणी में है जिसकी वजह से ग्रैप फोर लागू होने साथ ही ओड इवन के भी आदेश हो गये । ऐसे में अगर स्थिति में परिवतन नहीं आया तो मुमकिन है कि पहले बार दिल्ली के क्लाउड सीडिंग का इस्तेमाल किया जाएगा।