(मोहम्मद युसूफ, दिल्ली)
Monsoon 2024 : दिल्ली-एनसीआर में वेदर का पूर्वानुमान मौसम वैज्ञानिकों के लिए चुनौती बना हुआ है। 28 जून को जिस तरीके से झमाझम बारिश हुई है, उस हिसाब से अनुमान लगाया जा रहा था कि राजधानी में मानसून ने दस्तक दे दी, लेकिन उसी के बाद कुछ जगहों पर सिर्फ बूंदाबांदी हुई। मौसम विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार, दिल्ली में पूर्वानुमान के दो रडार खराब हो गए हैं, जिसके चलते मौसम वैज्ञानिकों के वेदर से जुड़ी भविष्यवाणी सही साबित नहीं हो पा रही है। मानसून के पूर्वानुमान गलत हो जा रहे हैं।
दिल्ली के पालम, लोधी रोड और आया नगर में वेदर डॉपलर रडार स्थित है, जिनकी क्षमता क्रमश: 400, 300 और 100 किलोमीटर है। इस समय सिर्फ आया नगर का वेदर रडार ही काम कर रहा है, जिसकी क्षमता कम है, जबकि बाकी दो रडार के मेंटेनेंस का कार्य चल रहा है। इसकी वजह से मौसम विभाग का पूर्वानुमान आकलन नहीं कर पा रहा है। आईएमडी इस वक्ता जो भी मानसून का पूर्वानुमान कर रहा है, वो भी गलत साबित हो जा रहा है।
यह भी पढ़ें : कई ट्रेनें रद्द, उड़ानें भी हुईं प्रभावित; बारिश में डूबी मुंबई, जानें IMD का लेटेस्ट अपडेट
पटियाला से वेदर से जुड़ी जानकारी ले रहा दिल्ली IMD
दिल्ली का मौसम विभाग पंजाब के पटियाला शहर में लगे डॉपलर वेदर रडार की मदद से मानसून की जानकारी जुटा रहा है। बादल की क्षमता क्या है? वह कितने समय में एक निश्चित स्थान पर पहुंच जाएगा? कितनी बारिश होनी है? यह सब जानकारी रडार के जरिए ही मौसम विभाग प्राप्त करता है, लेकिन अभी मौसम विभाग को मानसून से जुड़ा कोई पुख्ता जानकारी नहीं मिल पा रहा है।
यह भी पढ़ें : यूपी के इस जिले में नेपाल से आया सैलाब, बाढ़ में फंसे लोगों ने छतों पर बनाया बसेरा
350 KM है पटियाला के रडार की क्षमता
पटियाला के रडार की क्षमता 350 किलोमीटर है, जबकि दिल्ली के आया नगर के रडार की क्षमता 100 किलोमीटर है। ऐसे में अब पटियाला और आया नगर के रडार के जरिए मौसम का पूर्वानुमान लगाया जा रहा है। आपको बता दें कि राजधानी में बदरा उमड़-घुमड़ रहे हैं, लेकिन मूसलाधार बारिश नहीं हो रही है।