Agusta Westland Scam: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को ब्रिटिश नागरिक और अगस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर घोटाले (AgustaWestland VVIP chopper scam) के आरोपी क्रिश्चियन मिशेल की जमानत याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने कहा कि वह नियमित जमानत के लिए निचली अदालत के समक्ष रुख कर सकता है।
लीव पिटीशन में कोई दम नजर नहीं आता
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जेबी पारदीवाला की पीठ ने कहा कि दलील दी गई है कि क्रिश्चियन मिशेल आधी सजा काट चुका है, इसलिए रिहा किया जाए। यह दलील स्वीकार नहीं की जा सकती है। क्योंकि CRPC की धारा 436A, अभी तत्काल में लागू नहीं होगी। हमें स्पेशल लीव पिटीशन में कोई दम नजर नहीं आता है।
हालांकि खंडपीठ ने स्पष्ट किया कि उनका आदेश मिशेल के नियमित जमानत के लिए निचली अदालत में जाने के रास्ते में नहीं आएगा। बता दें कि इससे पहले 11 मार्च 2022 को मिशेल की जमानत याचिका दिल्ली हाईकोर्ट से खारिज हो चुकी है। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी।
2018 में भारत लाया गया था मिशेल
बता दें कि इस प्रकरण में केंद्रीय जांच ब्यूरो यानी CBI और प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने दो अलग-अलग केस दर्ज किए थे। अगस्ता वेस्टलैंड घोटाला 3600 करोड़ का था। साल 2013 में सामने आया था। 12 VVIP हेलीकॉप्टरों की खरीद से जुड़ा हुआ है। मिशेल को दिसंबर 2018 में दुबई से प्रत्यर्पित कर भारत लाया गया था। तब से वह हिरासत में है।
कोर्ट ने CBI और ED को जारी किया था नोटिस
सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल मई में इस मामले में CBI और ED को नोटिस जारी किया था। इसके बाद दिसंबर में शीर्ष अदालत ने केंद्र सरकार की एजेंसियों से पूछा था कि क्या ब्रिटिश नागरिक को बिना जमानत के अनिश्चित काल के लिए जेल में रखा जा सकता है, क्योंकि वह एक विदेशी नागरिक है।
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