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बैन होने के बावजूद कैसे हुई आतिशबाजी? सुप्रीम कोर्ट ने लगाई कड़ी फटकार, दिल्ली पुलिस और सरकार से मांगा जवाब

Supreme Court notice on firecracker: सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सरकार अपने जवाब में प्रदूषण से निपटने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में हलफनामा दाखिल करे।

Edited By : Amit Kasana | Updated: Nov 4, 2024 16:20
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Supreme Court Hearing on Delhi NCR Pollution
Supreme Court

Supreme Court notice on firecracker: प्रतिबंध होने के बावजूद दिल्ली-NCR में इतना अधिक मात्रा में पटाखे कैसे फोड़े गए। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में बैन होने के बावजूद हुई आतिशबाजी पर सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने पटाखे फोड़ने से हुए वायु प्रदूषण और ध्वनि प्रदूषण होने पर नाराजगी जताते हुए दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस कमिश्नर को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम चाहते हैं कि दिल्ली सरकार तुरंत इस पर जवाब दे कि ऐसा क्यों हुआ? आगे कोर्ट ने कहा कि सरकार के अलावा दिल्ली पुलिस कमिश्नर ये बताएं कि प्रतिबंध का पालन क्यों नहीं किया गया?

सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया कि दिवाली के दिन पटाखे और पराली जलाने की घटनाओं से दिल्ली और आसपास के इलाकों में वायु प्रदूषण में बढ़ोतरी हुई है। अब इस मामले की सुनवाई 14 नवंबर को होगी, जिससे पहले दिल्ली सरकार और पुलिस को अपना जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए गए हैं।

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पटाखों पर बैन प्रदूषण पर काबू करने के लिए एक महत्वपूर्ण उपाय है

बैन के बावजूद आतिशबाजी होने पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त नाराजगी जताते हुए सवाल खड़े किए कि ऐसा लगता है बैन के आदेश को सख्ती से लागू नहीं किया गया? कोर्ट ने कहा कि पटाखों पर बैन प्रदूषण पर काबू करने के लिए एक महत्वपूर्ण उपाय है, सभी सिविक एजेंसियों को ये समझना चाहिए और नियमों को सख्ती से लागू करना सुनिश्चित करना चाहिए सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस बात पर कोई विवाद नहीं है कि पटाखों पर प्रतिबंध का पालन नहीं किया गया।

जवाब में ये बताए सरकार 

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सरकार अपने जवाब में प्रदूषण से निपटने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में हलफनामा दाखिल करे। साथ ही दिल्ली के पुलिस कमिश्नर भी प्रतिबंध को लागू करने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में हलफनामा दाखिल करें। कोर्ट ने कहा कि दोनों को यह बताना चाहिए कि वे क्या कदम उठाने का प्रस्ताव रखते हैं? ताकि अगले साल पटाखों से होने वाले प्रदूषण पर नियंत्रण किया जा सके। इसमें सार्वजनिक अभियान के लिए उठाए गए कदम भी शामिल होने चाहिए।

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Amit Kasana

First published on: Nov 04, 2024 04:03 PM

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