Model Prisons Act 2023 : राजधानी दिल्ली की जेलों में हमने हिंसक झड़प और हत्या की कई वारदातें देखी हैं, लेकिन 130 साल पुराने औपनिवेशिक कानूनों(colonial laws) की जगह, मई में लागू किए गए ‘मॉडल प्रीजन्स एक्ट 2023’ से दिल्ली की जेलों में सुधार देखने को मिल रहा है। अब तक देश की सबसे बड़ी जेल तिहाड़ में कैदी, अपनी नापाक गतिविधियों को जारी रखने के लिए मोबाइल फोन और इंटरनेट का सहारा लेते रहे हैं। बार-बार छापेमारी और फोन जब्त करने और यहां तक कि फोन जैमर लगाए जाने के बावजूद, कैदियों की पहुंच फोन तक होती रही। यह एक्ट, ऐसी गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए प्रावधान करता है।
तिहाड़ प्रशासन ने दिखाई सख्ती
तिहाड़ प्रशासन ने जेलों में कैदियों द्वारा छिपाकर रखे गए मोबाइल फोन, सिम कार्ड और अन्य डिवाइस का पता लगाने के लिए एक अमेरिकी कंपनी से 10 डिटेक्टर डिवाइस खरीदे हैं। इन डिटेक्टरों के जरिए अब दिल्ली की जेलों में कैदी अवैध तरीके से फोन नहीं रख पाएंगे। दिल्ली के पूर्व जेल महानिदेशक, नीरज कुमार ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि जेलों में मोबाइल और अन्य डिवाइस की तस्करी बड़े पैमाने पर होती है क्योंकि अब तक इसे अपराध मानने वाला कोई कानून नहीं था, लेकिन मॉडल एक्ट बढ़ी हुई सज़ा का प्रावधान करता है। कुमार ने कहा कि इस कानून से जेल अधिकारियों को पैरोल पर कैदियों की निगरानी और संरक्षण करने में मदद मिलेगी।
विचाराधीन कैदियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं
मौजूदा कानूनों के तहत, दोषी कैदियों के पास से मोबाइल फोन बरामद होने पर, जेल अधिकारी उन्हें दंडित कर सकते हैं। हालांकि, न्यायिक हिरासत में विचाराधीन कैदियों(under trial prisoners) के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती। वहीं नए कानूनों के मुताबिक किसी भी विचाराधीन कैदी को ट्रायल कोर्ट की सहमति से एक राज्य से दूसरे राज्य में स्थानांतरित किया जा सकता है। इसके अलावा, धारा 41(1) में मोबाइल फोन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को रखने या इस्तेमाल करने पर दंड का प्रावधान है, जिसमें मजिस्ट्रेट के समक्ष मुकदमा, तीन साल तक की सजा या 25,000 रुपये का जुर्माना या दोनों शामिल हैं।
टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल के लिए भी प्रावधान
चैप्टर VI, एक्ट की धारा -18 कई उद्देश्यों के लिए जेलों में टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल का प्रावधान करती है, जिसमें कैदियों की आवाजाही पर नजर रखने के लिए बायोमेट्रिक्स एक्सेस कंट्रोल सिस्टम, इंटरफेस, सेल फोन जैमिंग और मोबाइल फोन की पहचान करना आदि शामिल है।