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दिल्ली

मेधा पाटकर को सुप्रीम कोर्ट से मिली अच्छी बुरी खबर, जुर्माना हटाया, दोषी दिए जाने के फैसले में दखल से इनकार

सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर के खिलाफ मानहानि मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। SC ने दोषी करार दिए जाने के फैसले मे दखल देने से इनकार कर दिया है।

Author Written By: News24 हिंदी Author Published By : Deepti Sharma Updated: Aug 11, 2025 13:01

सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर के खिलाफ मानहानि मामला में सुप्रीम कोर्ट ने दोषी करार दिए जाने के फैसले मे दखल देने से इनकार कर दिया है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने मेधा पाटकर पर लगे जुर्माने को हटा दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने मेधा पाटकर पर लगा प्रोबेशन की सजा को भी निरस्त किया।

जस्टिस एम एम सुंदरेश और जस्टिए एन के सिंह की बेंच ने की सुनवाई। मेधा पाटकर ने हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में दी है चुनौती थी। दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना की तरफ से दाखिल मानहानि के मामले में सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर को निचली अदालत और हाईकोर्ट ने दोषी ठहराया है।

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दिल्ली हाईकोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को दिल्ली हाई कोर्ट ने बरकरार रखा, लेकिन हाईकोर्ट ने पाटकर को राहत देते हुए प्रोबेशन की उस शर्त में संशोधन कर दिया है, जिसके तहत मेधा पाटकर को हर 3 महीने में ट्रायल कोर्ट में हाजिरी लगानी होती थी। अब वह ऑनलाइन या फिर किसी वकील के जरिए वह अदालत में पेश हो सकती हैं।

क्या है पूरा मामला?

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यह मामला सन 2000 का है, तब वीके सक्सेना गुजरात के एक सामाजिक संगठन के अध्यक्ष थे। उसी समय मेधा पाटकर ने वीके सक्सेना पर मानहानिकारक आरोप लगाए थे। मजिस्ट्रेट कोर्ट ने 1 जुलाई 2024 को पाटकर को भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 500 (मानहानि) के तहत दोषी करार देते हुए पांच महीने के साधारण कारावास की सजा सुनाई थी और उन पर 10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था। सेशन कोर्ट ने मेधा पाटकर को 25,000 रुपये का प्रोबेशन बाण्ड भरने पर अच्छे व्यवहार के आधार पर रिहा कर दिया था। मेधा पाटकर पर 1 लाख रुपये का जुर्माना भरने की पूर्व शर्त भी लागू की थी।

ये भी पढ़ें- 23 साल पुराने मामले में एक्टिविस्ट मेधा पाटकर को जेल, दिल्ली के LG वीके सक्सेना से जुड़ा है केस

First published on: Aug 11, 2025 12:53 PM

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