Hindenburg-Adani Row: सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को अडाणी ग्रुप और हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट से जुड़ी दो जनहित याचिकाओं पर सुनवाई की। याचिकाओं में हिंडनबर्ग रिसर्च को साजिश करार देते हुए इसकी जांच अदालत की निगरानी में कराए जाने की मांग की गई थी।
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए भारतीय निवेशकों को हुए नुकसान पर चिंता जताई। साथ ही ऐसी स्थिति से निपटने के लिए SEBI से सुझाव भी मांगे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘भविष्य में निवेशकों की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित की जाए और SC को बताएं कि मौजूदा ढांचा क्या है और नियामक ढांचे को कैसे मजबूत किया जाए।’
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सिर्फ अमीर ही निवेश नहीं करते हैं। करोड़ों की संख्या में मध्यम वर्ग के लोग भी निवेश करते हैं।शीर्ष अदालत ने सोमवार 13 फरवरी तक SEBI से जवाब मांगा है। साथ ही एक्सपर्ट की कमेटी भी बनाने का संकेत किया है।
SC seeks SEBI's response by Monday, 13th Feb on petitions related to the Hindenburg report. SC asks SEBI to come to apprise the court of how to ensure that investors are protected in future and show SC what is the existing structure and how to strengthen the regulatory framework pic.twitter.com/ZuT185aHzb
---विज्ञापन---— ANI (@ANI) February 10, 2023
मजबूत तंत्र स्थापित करने की आवश्यकता
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि SEBI की प्रतिक्रिया में मौजूदा नियामक ढांचा शामिल है और निवेशकों की सुरक्षा के लिए एक मजबूत तंत्र स्थापित करने की आवश्यकता है।
PIL वकील एमएल शर्मा और विशाल तिवारी की ओर से दायर की गई है। याचिका में दावा किया गया है कि संयुक्त राज्य अमेरिका स्थित हिंडनबर्ग रिसर्च फर्म की रिपोर्ट से अडाणी के शेयरों में भारी गिरावट हुई है और निवेशकों को भारी नुकसान हुआ है।
रिपोर्ट में हिंडनबर्ग ने किया था ये दावा
बता दें कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में भारतीय उद्योगपति गौतम अडाणी समूह से जुड़े कंपनियों पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया है। रिपोर्ट को लेकर कांग्रेस समेत विपक्षी दलों ने केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना भी साधा है। तृणमूल, द्रविड़ मुनेत्र कड़गम और शिवसेना (महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के गुट) समेत कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने अडाणी के खिलाफ आरोपों की जांच की मांग करते हुए लगातार संसद में हंगामा किया है।
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