दिल्ली के सोनिया विहार के लोगों के लिए अच्छी खबर सामने आई है। दरअसल, दिल्ली-उत्तर प्रदेश की सीमा पर पुस्ता रोड के साथ सोनिया विहार में ट्रोनिका सिटी रोड तक 6 किलोमीटर लंबा एक एलिवेटेड फ्लाईओवर बनाया जाएगा। इस बात की घोषणा लोक निर्माण विभाग (PWD) के मंत्री प्रवेश वर्मा ने की है। इससे उत्तर-पूर्वी दिल्ली के कई इलाकों में भीड़भाड़ कम करने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही उन हिस्सों में भी भीड़ कम होगी, जहां संकरी गलियां और हाई पापुलेशन डेंसिटी है। उन्होंने बताया कि इस एलिवेटेड फ्लाईओवर के निर्माण में 500 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
दिल्ली और यूपी के बीच बेहतर कनेक्टिविटी
यह एलिवेटेड रोड नानकसर गुरुद्वारा टी-पॉइंट से शुरू होगी। इस एलिवेटेड रोड से दिल्ली और उत्तर प्रदेश के बीच कनेक्टिविटी बेहतर होगी। मंत्री प्रवेश वर्मा ने कहा कि सोनिया विहार के लोग कई सालों से हाई ट्रैफिक की समस्या से जूझ रहे हैं। इसकी वजह से यह प्रोजेक्ट और ज्यादा जरूरी हो गया है। हालांकि, इस एरिया में पेड़ों की संख्या काफी अधिक है। इसकी वजह से हमने यहां एक एलिवेटेड फ्लाईओवर बनाने का फैसला किया है। यह फ्लाईओवर दिल्ली के इंफ्रास्ट्रक्चर को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाएगा। साथ ही, ट्रैफिक को लेकर होने वाली भीड़ को कम करेगा। यह एलिवेटेड फ्लाईओवर इस क्षेत्र के लोगों को भीड़भाड़ से काफी राहत देगा।
नया एलिवेटेड फ्लाईओवर
फिलहाल, सोनिया विहार-पुस्ता रोड 100 मीटर चौड़ा, 3 लेन वाला मार्ग है, जिस पर दोनों दिशाओं से यातायात चलता है।
जानकारी के अनुसार, नई सड़क करीब 6 किलोमीटर तक फैली होगी। इसमें भूमि अधिग्रहण और पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने के लिए दोनों तरफ खंभे बनाए जाएंगे। यह एलिवेटेड फ्लाईओवर नानकसर गुरुद्वारा के पास से शुरू होगा और वजीराबाद रोड को पार करके यूपी सीमा के पास ट्रोनिका सिटी तक जाएगा।
मंत्री ने कहा कि इस इलाके में पेड़ों की संख्या को देखते हुए सरकार ने फैसला किया कि एलिवेटेड रोड सबसे टिकाऊ विकल्प होगा। सरकार दिल्ली के पर्यावरण की रक्षा करने के साथ-साथ इसकी बुनियादी ढांचे की जरूरतों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है।
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इंटर स्टेट ट्रैफिक एलिवेटेड रोड
अधिकारियों ने कहा कि यूपी में ट्रोनिका सिटी जाने वाला इंटर स्टेट ट्रैफिक एलिवेटेड रोड पर होगा। जबकि मौजूदा सड़क का इस्तेमाल स्थानीय यातायात द्वारा किया जाएगा, जिससे क्रॉस पॉइंट कम हो जाएगा। अधिकारियों ने बताया कि निर्माण कार्य शुरू होने के बाद प्रोजेक्ट को पूरा होने में लगभग दो वर्ष का समय लगेगा।
इस रोड प्रोजेक्ट के पर्यावरणीय प्रभाव के बारे में बात करते हुए अधिकारियों ने कहा कि यमुना के बाढ़ के मैदानों के साथ स्थित इस क्षेत्र में सड़क के दोनों ओर घने पेड़ हैं, जो पुरानी रोड के वाइंडिंग प्रोजेक्ट के लिए चुनौतियां पेश कर रहे हैं। नदी की ओर पुस्ता रोड को चौड़ा करने के लिए पेड़ों की कटाई की अनुमति के साथ-साथ संबंधित नियामक एजेंसियों से अपेक्षित अनुमति की जरूरत होगी। पीडब्ल्यूडी अधिकारियों ने बताया कि प्रोजेक्ट के लिए प्रारंभिक प्रक्रिया चल रही है। प्रोजेक्ट निर्माण को शुरू करने के लिए जल्द ही निविदाएं जारी की जाएंगी।