Go First insolvency case: गो फर्स्ट दिवालिया मामले पर केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ने गुरुवार को पहली बार अपनी चुप्पी तोड़ी। उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर यह नागरिक उड्डयन विभाग के लिए अच्छी बात नहीं है। हर कंपनी को अपने हालात खुद संभालने होते हैं। जहां तक मंत्रालय का सवाल है तो जो भी मूलभूत मुद्दे हैं, एयरलाइनों की मदद करने के अपने संकल्प में दृढ़ हैं।
आगे उन्होंने कहा कि हमने साफ तौर पर कहा है कि हम चाहते हैं कि उड़ान फिर से शुरू हो। उनको (गो फर्स्ट) अपनी योजना DGCA को सौंपनी होगी, जिसमें प्लेन और मार्गों की संख्या होगी और उनकी योजना के आधार पर DGCA उसको आगे अमल में लाएगा।
#WATCH | Civil Aviation Minister Jyotiraditya Scindia speaks on the Go First insolvency matter; says, "It's certainly something that is not a great thing for civil aviation. However, each company has to manage its own issues. As far as the Ministry is concerned, we are quite… pic.twitter.com/WjdokCkzDK
— ANI (@ANI) May 18, 2023
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26 मई तक सभी उड़ानें रद्द
गो फर्स्ट ने बुधवार को उड़ानों के संबंध में ताजा अपडेट दिया। अब 26 मई तक के लिए सभी उड़ानों को कैंसल कर दिया गया है। गो फर्स्ट ने कहा कि हमें यह सूचित करते हुए खेद है कि 26 मई तक निर्धारित गो फर्स्ट उड़ानें रद्द कर दी गई हैं। उड़ान रद्द होने से हुई असुविधा के लिए हम क्षमा चाहते हैं। इससे पहले, गो फर्स्ट ने 19 मई तक अपनी सभी उड़ानें रद्द कर दी थीं और 24 मई से उड़ानें फिर से शुरू करने की योजना बनाई थी।
3 मई को दिवालिया होने का किया था ऐलान
गो फर्स्ट एयरलाइंस ने सबसे पहले 3 से 5 मई तक के लिए अपनी सभी उड़ानें रद्द कर दी थी। एयरलाइंस ने डीजीसीए को इस बाबत जानकारी दी। बताया कि Go First को अमेरिका स्थित जेट इंजन निर्माता प्रैट एंड व्हिटनी (P&W) द्वारा इंजनों की आपूर्ति न करने के कारण वित्तीय संकट का सामना करना पड़ रहा है। जिसने 50 से अधिक विमानों को उड़ान न भरने के लिए मजबूर कर दिया है। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय के आंकड़ों के अनुसार, एक साल पहले एयरलाइन की बाजार में हिस्सेदारी 9.8 फीसदी थी, लेकिन मार्च में यह घटकर 6.9 रह गई है।