Vimal Kaushik (DELHI)
Fake Visa Racket Busted In Delhi Crime Branch:दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच के स्पेशल सीपी रविंदर यादव ने फर्जी पासपोर्ट और वीजा रैकेट का भंडाफोड़ किया है। क्राइम ब्रांच ने इस मामले में मास्टरमाइंड समेत कुल 7 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनामुल इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर चुका है। पढाई पूरी करने के बाद फेक वीजा रैकेट चलाकर लोगो को करोड़ो का चूना लगाने लगा क्राइम ब्रांच को इस गैंग से लगभग 110 पासपोर्ट मिले हैं। साथ ही जोगा बाई जाकिर नगर स्थित कार्यालय से बड़ी संख्या में जाली और आपत्तिजनक दस्तावेज भी मिले हैं।दिल्ली पुलिस के मुताबिक दुबई भेजकर नौकरी लगाने का झांसा देकर ये गैंग अब तक करीब 1000 लोगो को चूना लगा चुका है। नौकरी डॉट कॉम पर ये अपने शिकार की तलाश करते थे।
दिल्ली पुलिस के मुताबिक ये गैंग नौकरी डॉट कॉम से उन लोगो की तलाश करता था जो गल्फ कंट्री मे नौकरी की तलाश में होते थे। फिर फर्जी कंपनी के जरिये उन्हें कॉल करके दुबई में नौकरी दिलाने का झांसा देते और हर शख्श से करीब 60 हजार रुपये झटक लेते थे। ये गिरोह पहले उस शख्स को टूरिस्ट वीजा लगवाकर विश्वास में लेता। फिर दुबई पहुचने के बाद वर्क परमिट मिलने की बात कहकर रकम ले लेते थे।
अधिकतर साउथ इंडिया के लोग होते थे
इस गिरोह के निशाने पर अधिकतर साउथ इंडिया के लोग होते थे। क्योंकि इन्हें लगता था कि कोई 60 हजार रुपए के लिए इतनी दूर से शिकायत करने नहीं आएगा। इनकी बात काफी हद तक सही भी थी। क्योंकि इस गैंग का शिकार बने कई लोगों ने पुलिस को शिकयतें भी नहीं की। जांच के दौरान पुलिस को पता चला है कि गिरोह के सरग़ना इनामुल हक के रिश्तेदार के तार आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिद्दीन से जुड़े हुए है। पुलिस अब मामले की गहनता से जाँच में जुट गई है कि क्या ये गैंग सिर्फ फेक वीजा रैकेट से ही जुड़ा था? कहीं इनके तार भी किसी आतंकी संगठन से तो नही जुड़े थे।
मास्टरमाइंड गिरफ्तार
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने इस मामले में मास्टरमाइंड मास्टरमाइंड इनामुल हक समेत कुल 7 लोगों को दरभंगा से गिरफ्तार किया है। आरोपियों के खिलाफ क्राइम ब्रांच ने एफआईआर दर्ज कराया है। गैंग के पास से नकली स्टाम्प भी मिले हैं। क्राइम ब्रांच ने लैपटॉप और टैबलेट भी बरामद किया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। POE को लोग अप्रोच करके लोग बता रहे थे कि वीजा के नाम पर धोखाधड़ी हुई है।
ऑफिस खोलकर करते थे ठगी
पुलिस ने बताया कि आरोपी अच्छी सी जगह पर फ्रंट ऑफिस खोलते थे और वहां दो तीन लोग बैठा देते थे। जो आता, उसे लगता बड़ी कंपनी है। चार आरोपी दरभंगा के और एक जामिया का, ये लोग naukri.com से डाटा लेकर कॉल करते थे और जो फंसता था तो उसे ऑफिस बुलाकर करीब 60 हजार रुपए ले लेते थे। जब सौ के करीब लोग फंस जाते तो ऑफिस को बंद करके गायब हो जाते थे। इसके बाद नई जगह, नया ऑफिस बनाते थे।
चार पांच साल से गिरोह कर रहा था ठगी
जानकारी के मुताबिक चार पांच साल से आरोपी यही काम कर रहे थे। पीड़ितो की संख्या पता नही है, क्योकि बहुत से लोग शिकायत ही नही करते थे, क्योंकि आरोपी विक्टिम का पासपोर्ट वापस भेज देते थे। Go Daddy से पेज बनाया और naukri.com पर फर्जी प्रोफाइल बना ली। फिर इसे कोई वेरिफाई नही करता था।
पुलिस को रेड में पासपोर्ट,फर्जी स्टांप मिले
पुलिस को छापेमारी के दौरान आरोपियों के पास से करीब 110 पासपोर्ट, फर्जी स्टांप मिले। आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि फर्जी पासपोर्ट बनाने में आधार कार्ज जरूरी होता है, आरोपी फर्जी आधार कार्ड बना लेते है। इसके बाद सब बन जाता था। दो लड़के इनके ऑफिस में नेपाल से थे, उनका आधार कार्ड बनाया था।