Delhi Crime News: दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने 4 ऐसे डकैतों को गिरफ्तार किया है, जिन्होंने दिल्ली के अशोक विहार इलाके में एक बिजनेसमैन और उसके परिवार को 2 घंटे तक बंधक बनाकर रखा था। उसके बाद नकदी और ज्वेलरी समेत 2 करोड़ की संपत्ति लूटकर फरार हो गए थे। दिल्ली पुलिस कमिशनर ने इन अपराधियों को पकड़ने के लिए 2 लाख का इनाम भी रखा था।
डकैतों ने इस तरह दिया था वारदात को अंजाम
मामला 7 मई 2023 का है, जब 5 नकाबपोश हथियारबंद डकैत अशोक विहार इलाके में एक व्यवसायी के घर में घुस गए। उस वक्त पीड़ित अपने माता-पिता, पत्नी, बहन और अपने बच्चों के साथ अपने घर में सो रहा था। हथियारबंद डकैतों के पास तीन पिस्तौल, चाकू और घर तोड़ने के समान थे। पीड़ित का पेपर ट्रेडिंग व्यवसाय है। पीड़ित का घर और ऑफिस एक ही बिल्डिंग पर था। हथियारबंद डकैतों ने ग्राउंड फ्लोर पर लगी खिड़की की लोहे की ग्रिल काट दी और ऑफिस के रास्ते घर में घुसने में कामयाब हो गये। उन्होंने पहले ऑफिस में तोड़फोड़ की, लेकिन कुछ नहीं मिला। ऑफिस के रास्ते वे घर में घुस गए और परिवार को जगाया।
उन्होंने पूरे परिवार को बंदूक की नोक पर बंधक बना लिया और घर में तोड़फोड़ की लेकिन कुछ नहीं मिला। इसके बाद उन्होंने व्यवसायी पर बल्ले से हमला किया और उससे यह बताने को कहा कि कैश और आभूषण कहां रखे हैं? डकैत एक करोड़ से ज्यादा की नकदी और करीब 2 किलो के आभूषण लूटकर फरार हो गए। भागते समय उन्होंने पीड़ित और उसके परिवार को एक कमरे में बंद कर दिया और उनके मोबाइल फोन और डीवीआर सेटअप भी अपने साथ ले गए।
क्राइम ब्रांच ने इन्हें दी खुलासे की जिम्मेदारी
मामले की गंभीरता को देखते हुए क्राइम ब्रांच के ज्वाइंट कमिश्नर एसडी मिश्रा, डीसीपी क्राइम ब्रांच सतीश कुमार, एसीपी क्राइम यशपाल सिंह की देखरेख और इंस्पेक्टर अक्षय गेहलोत के नेतृत्व में, जिसमें हेड कांस्टेबल विनोद, SI रवि भूषण, SI राहुल शामिल थे।
जितेंद्र उर्फ संजू की गिरफ्तारी थी पहली कड़ी
हेड कांस्टेबल विनोद को एक सूचना मिली, जिसमें ये पता चला पीएस अशोक विहार सनसनीखेज डकैती में शामिल एक संदिग्ध जितेंद्र उर्फ संजू रोहिणी एम2 के में मौजूद है। जिसके बाद टीम ने एक ट्रैप लगाकर, तकनीकी और मैन्युअल निगरानी की और घंटों की तलाश के बाद, उसे एम2के रोहिणी से गिरफ्तार किया। जिसके बाद आरोपी जितेंदर की निशानदेही पर उसके किराए के घर से एक देशी पिस्तौल और 2 जिंदा कारतूस बरामद किए गए।
उत्तराखंड से भी हुई गिरफ्तारी
आरोपी जितेंदर से अन्य आरोपियों के बारे पूछताछ की गयी। लेकिन अन्य आरोपियों की पहचान शुरू में नहीं हो सकी, क्योंकि जितेंदर उर्फ संजू और बाकी आरोपियों के बीच कोई सीधा संपर्क नहीं था और वह उनके नाम भी नहीं जानता था और केवल उन शहरों को बता सका जहां वे थे रहते थे। जिसके बाद क्राइम ब्रांच की WR-II की सभी टीमों ने यूपी के मुरादाबाद, चंदौसी, संभल, अलीगढ़, ठाकुरद्वारा, रामपुर के इलाके में दूरदराज के गांवों से लेकर शहरों की घनी आबादी वाले इलाकों सहित 50 से अधिक स्थानों और काशीपुर, रामनगर के क्षेत्र में 30 से अधिक स्थानों पर छापेमारी की।
उसके बाद बाकी फरार आरोपियों की गिरफ्तारी की गयी आरोपी छुट्टन लाल को उत्तराखंड के काशीपुर से गिरफ्तार किया गया। आरोपी अजय पाल को चंदौसी से गिरफ्तार किया गया आरोपी महिपाल को खड़गपुर उत्तराखंड से गिरफ्तार किया गया
पहले रेकी की, फिर जुटाए हथियार
पूछताछ में आरोपियों ने बताया डकैती को अंजाम देने से पहले अशोक विहार में बिजनेसमैन के घर की रेकी कर डकैती के लिए फाइनल कर लिया था। वारदात को अंजाम देने से करीब 4-5 दिन पहले अजयपाल ने छुट्टन और महिपाल को डकैती डालने के लिए बुलाया था। आरोपी छुट्टन और महिपाल दिल्ली के रघुबीर नगर में अजय की बहन (सरोज) के घर पहुंचे। योजना के अनुसार, सभी 5 आरोपी रघुबीर नगर के घोड़े वाला मंदिर में इकट्ठे हुए, जहां वे एक-दूसरे से मिले और उनमें से प्रत्येक द्वारा निभाई जाने वाली भूमिका को अंतिम रूप दिया। आरोपी अजयपाल ने मेहराज की पिस्तौल को छोड़कर क्राइम में इस्तेमाल होने वाले सभी हथियारों की व्यवस्था कर ली थी। अपराध को अंजाम देने के लिए आरोपी अजयपाल के पास चाकू, मिराज के पास पिस्तौल, छुट्टन के पास देसी कट्टा, महिपाल के पास कटर और जितेंद्र उर्फ संजू के पास देसी कट्टा और पेचकस था।
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