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​शहरी विकास विभाग के प्रधान सचिव ने वन टाइम सेटलमेंट स्कीम को कैबिनेट में लाने से किया इनकार: दिल्ली सरकार

Delhi One Time Settlement Scheme : दिल्ली सरकार ने दिल्लीवासियों को पानी बिल में राहत देने के लिए वन टाइम सेटलमेंट स्कीम लाने का प्लान तैयार किया है, लेकिन अब यह प्रस्ताव अटकता नजर आ रहा है।

Edited By : Deepak Pandey | Updated: Feb 15, 2024 22:56
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Saurabh Bhardwaj
Saurabh Bhardwaj

Delhi One Time Settlement Scheme : दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने दिल्ली जल बोर्ड के उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए वन टाइम सेटलमेंट स्कीम को लाने का प्रस्ताव तैयार किया। शहरी विकास मंत्री सौरभ भारद्वाज ने बताया कि डीजेबी के 10 लाख लोगों को पानी बिल में राहत देने के लिए यह स्कीम लाने की तैयारी है, लेकिन शहरी विकास विभाग के प्रधान सचिव ने इस प्रस्ताव को कैबिनेट में रखने से मना कर दिया।

वहीं, वित्त मंत्री आतिशी का कहना है कि कैबिनेट के पास किसी पॉलिसी पर फैसला लेने का अधिकार है। अगर कैबिनेट में प्रस्ताव रखा जाएगा तो स्कीम कैसे बनेगी। उपराज्यपाल को इस मामले से अवगत कराया गया तो उन्होंने कहा कि प्रस्ताव कैबिनेट में आना चाहिए। हमने उनके सुझाव पर चीफ सेक्रेटरी को कैबिनेट नोट की फाइल भेज दी।

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10.5 लाख से अधिक लोगों का बकाया है पानी बिल

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दिल्ली के शहरी विकास मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली जल बोर्ड के 27 लाख में से करीब 10.5 लाख से अधिक लोगों का बिल बकाया है। इसे लेकर अधिकांश उपभोक्ताओं का कहना है कि पानी के खपत से ज्यादा उनका बिल आ रहा है। उनके पानी की रीडिंग में गड़बड़ी है। मीटर रीडर ने मीटर रीडिंग नहीं ली। यह समस्या कोरोना काल में ज्यादा थी। उस समय मीटर रीडर्स घर-घर नहीं जाते थे। वे दफ्तर से ही एक औसत दर से पानी के बिल बनाकर लोगों को भेज देते थे।

उपभोक्ताओं ने पानी बिल को लेकर दर्ज कराईं शिकायतें

कोरोना काल में कई लोग घर में नहीं थे। इसके बाद भी उनको पानी का बिल भेज दिया गया था। लाखों लोगों ने दिल्ली जल बोर्ड में इस तरह की कई शिकायतें दर्ज कराई हैं, लेकिन दिल्ली जल बोर्ड के वित्त विभाग ने उपभोक्ताओं की शिकायतों का समाधान नहीं किया। लोगों की समस्याओं को हल करने के लिए दिल्ली जल बोर्ड एक ‘‘वन टाइम सेटलमेंट स्कीम’’ लेकर आया है। इस स्कीम को दिल्ली जल बोर्ड की मीटिंग में अनुमति मिल गई है। इस स्कीम के प्रस्ताव को अब कैबिनेट में रखने की तैयारी चल रही है।

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वित्त मंत्री की अनुमति के बाद भी ईसीएस ने कैबिनेट में प्रस्ताव रखने से किया मना

मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि शहरी विकास मंत्री होने के नाते मैंने विभाग के ईसीएस को इस प्रस्ताव को कैबिनेट में रखने का लिखित निर्देश दिया, लेकिन शहरी विकास विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी (ECS) ने कैबिनेट में इस प्रस्ताव को रखने से इनकार कर दिया है। उन्होंने आगे कहा कि वित्त मंत्री आतिशी ने इस स्कीम के प्रस्ताव पर कमेंट्स दिया है तो आपको वित्त विभाग की अनुमति भी मिल गई है। अब तो आप इस प्रस्ताव को कैबिनेट में रख सकते हैं। इस पर ईसीएस ने कहा कि वो वित्त मंत्री की अनुमति को वित्त विभाग की मंजूरी नहीं मानते हैं। यहां वित्त मंत्रालय का मतलब वित्त मंत्री नहीं, बल्कि वित्त विभाग के प्रधान सचिव हैं।

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Deepak Pandey

First published on: Feb 15, 2024 10:42 PM

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