Delhi Riots Case: दिल्ली दंगा मामले में आम आदमी पार्टी के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन को जमानत मिल गई है। दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को ताहिर हुसैन को 2020 के दिल्ली दंगों के संबंध में हिंसा के पांच अलग-अलग मामलों में सशर्त जमानत दे दी। दिल्ली दंगों के सिलसिले में सभी पांच एफआईआर एक ही साल में दयाल पुर पुलिस स्टेशन में दर्ज की गईं थीं।
न्यायमूर्ति अनीश दयाल ने बुधवार को मामलों में हुसैन की जमानत याचिकाओं पर फैसला सुनाते हुए कहा, “सभी 5 एफआईआर में शर्तों के अधीन जमानत दी गई।” ये मामले हुसैन के घर की छत से दंगाई भीड़ द्वारा पथराव, पेट्रोल बम फेंकने और गोलियां चलाने के कारण दो लोगों के घायल होने और हत्या के प्रयास और शस्त्र अधिनियम के उल्लंघन के कथित अपराधों से भी संबंधित हैं। हुसैन सार्वजनिक संपत्ति को नष्ट करने के आरोप में भी मुकदमे का सामना कर रहे हैं।
फिलहाल जेल में ही रहेंगे ताहिर हुसैन
बता दें कि जमानत मिलने के बाद भी ताहिर को जेल में रहना होगा, क्योंकि उनके खिलाफ कई अन्य मामले दर्ज हैं। दंगों में उनकी भूमिका को लेकर 11 मामले दर्ज किए गए थे। इसके अलावा उनके खिलाफ दंगों में फंडिंग को लेकर मनी लॉन्ड्रिंग का भी मामला दर्ज है।
North East Delhi violence | Delhi High Court allows five bail applications of former AAP Councillor Tahir Hussain. He has been granted bail in all five cases.
---विज्ञापन---All these cases were registered at Dayal Pur Police Station in 2020.
(File photo) pic.twitter.com/0OJ50iHwRa
— ANI (@ANI) July 12, 2023
दिल्ली पुलिस ने चार्जशीट में ताहिर को बताया था मुख्य साजिशकर्ता
दिल्ली पुलिस ने 2 जून, 2020 को दिल्ली दंगों के मामले में दो आरोपपत्र दायर किए। एक आरोपपत्र में उन्होंने ताहिर हुसैन को मुख्य साजिशकर्ता बताया। पुलिस जांच के अनुसार, उत्तरपूर्वी दिल्ली में दंगे कराने की गहरी साजिश थी। जांच के दौरान पुलिस ने बताया था कि आम आदमी पार्टी के राजनेता और ईडीएमसी में मौजूदा पार्षद ताहिर हुसैन ने इस घटना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके छोटे भाई शाह आलम को भी गिरफ्तार किया गया था। हुसैन की लाइसेंसी पिस्तौल, जिसका इस्तेमाल उन्होंने दंगों के दौरान किया था, जब्त कर ली गई है।
इस साल मई में हुसैन और पांच अन्य के खिलाफ दंगा, आगजनी और अन्य आरोप तय करने का आदेश देते हुए दिल्ली की एक अदालत ने कहा कि ताहिर हुसैन न केवल एक साजिशकर्ता था बल्कि एक सक्रिय दंगाई भी था। इसी साल मार्च में दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने 2020 के दिल्ली दंगों के दौरान इंटेलिजेंस ब्यूरो के अधिकारी अंकित शर्मा की हत्या के मामले में ताहिर हुसैन और 10 अन्य के खिलाफ हत्या के आरोप तय किए थे।
53 लोगों की हुई थी मौत, 700 लोग हुए थे घायल
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि ताहिर हुसैन लगातार भीड़ की निगरानी और उसे प्रेरित करने के तरीके से काम कर रहा था। कोर्ट ने आगे कहा कि ये चीजें हिंदुओं को निशाना बनाने के लिए की गई थीं। नागरिकता कानून समर्थकों और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसा नियंत्रण से बाहर होने के बाद 24 फरवरी, 2020 को पूर्वोत्तर दिल्ली में सांप्रदायिक झड़पें भड़क उठीं, जिसमें कम से कम 53 लोग मारे गए और लगभग 700 घायल हो गए।