Jaish-e-Mohammed: दिल्ली कार धमाके में एक के बाद एक कड़ियां जुड़ती जा रही हैं. सुरक्षा एजेंसियों ने इस हमले में एक बड़े नेटवर्क के होने का खुलासा किया है. अभी दिल्ली में दहशत फैलाने वालों में जैश-ए-मोहम्मद AGH से जुड़े डॉक्टरों और मौलवियों के ‘सफेदपोश’ आतंकियों के नाम का खुलासा हुआ है. कई आतंकी गतिविधियों में जैश-ए-मोहम्मद का नाम अक्सर सामने आता है. आखिर ये संगठन क्या है और इसके जम्मू-कश्मीर में लगे पोस्टरों से लेकर दिल्ली ब्लास्ट तक कैसे तार जुड़े हैं? जानिए इस संगठन ने और कहां पर बड़े हमले किए हैं और इसका लीडर कौन है?
मौलाना मसूद अजहर और जैश-ए-मोहम्मद की कहानी
दिल्ली ब्लास्ट में जिस आतंकी संगठन का नाम आया, वो जैश-ए-मोहम्मद है. इस संगठन की नींव मौलाना मसूद अजहर ने सन 2000 में रखी थी. एक साल बाद ही इस संगठन ने अपना दहशत फैलाने का काम शुरू कर दिया. 2001 में संसद पर हमला किया, इसके बाद 2016 में पठानकोट के एयरबेस को निशाना बनाया. 2016 में हुए उरी हमले में भी जैश-ए-मोहम्मद का ही हाथ था.
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इसके अलावा, कश्मीर में इस संगठन ने कई बार हमले कराए. हाल ही में पहलगाम में हमला हुआ, उसके जवाब में भारत ने ऑपरेशन सिंदूर चलाया. इसमें भारत ने जिन आतंकी ठिकानों को तबाह किया, उनमें जैश-ए-मोहम्मद के बहावलपुर मुख्यालय और लश्कर-ए-तैयबा के मुरीदके के ठिकाने भी थे.
श्रीनगर से दिल्ली तक कैसे पहुंचा आतंक?
दिल्ली धमाके से पहले श्रीनगर में 19 अक्टूबर को जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े कुछ पोस्टर्स को लेकर FIR दर्ज की गई. इसमें तीन संदिग्ध आरिफ निसार, यासिर-उल-अशरफ और मकसूद को गिरफ्तार किया गया. पोस्टर मामले में पुलिस ने उत्तर प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली तक छानबीन की.
इसके बाद हरियाणा और फरीदाबाद में एक्शन हुआ, जहां पर भारी मात्रा में विस्फोटक मिला. वहीं, 10 नवंबर को दिल्ली में कार धमाका हुआ. इस मामले में आदिल अहमद रठेर, मुजम्मिल शकील और उमर मोहम्मद की भूमिका की जांच की गई.
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