Delhi Crime: दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने 18 बदमाशों को गिरफ्तार किया है। आरोपी मजदूरों और किसानों के वेश में दिल्ली में अवैध हथियारों की सप्लाई कर रहे थे। ये लोग बदमाशों को अवैध हथियार मुहैया करवाते थे। पुलिस ने आरोपियों से पिस्टल, राइफल, चोरी की गाड़ी समेत भारी मात्रा में गोला बारूद बरामद किया है। आरोपियों में 25 साल का अर्जुन नाम का शख्स भी शामिल है। जो फाइव स्टार होटल में सफाई करने का काम करता था। एक आरोपी 23 वर्षीय अजय है, जो हेयर कटिंग सैलून में काम करता था। दिल्ली पुलिस को सूचना मिली थी कि राजधानी में हथियार तस्करी का बड़ा रैकेट शामिल है। जिसके बाद दिल्ली पुलिस ने ऑपरेशन ईगल लॉन्च किया था।
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पुलिस ने ऐसे लोगों को गिरफ्तार किया है जो दिखावे के तौर पर मजदूरी, पेंटर, सेल्समैन, सिक्योरिटी गार्ड और किसानी का काम करते थे, लेकिन असल जिंदगी में ये लोग हथियारों की तस्करी में शामिल थे। एक आरोपी बीए का छात्र है, जो जल्द अमीर बनने के चक्कर में जेल जा चुका है। कुछ आरोपियों के खिलाफ पहले से मर्डर, हत्या प्रयास, जबरन वसूली, चोरी, दंगा करने आदि के केस दर्ज हैं। दिल्ली पुलिस के विशेष आयुक्त देवेश श्रीवास्तव के अनुसार ये लोग दिन में मजदूरी करते थे। रात के समय हथियारों की तस्करी में संलिप्त थे। आरोपियों से 8 देसी पिस्टल, एक राइफल, 33 कारतूस, चार ऑटोमेटिक पिस्टल, चोरी की एक कार भी बरामद की गई है। आरोपियों को दिल्ली एनसीआर से दबोचा गया है।
जेल से चल रहा था पूरा गैंग
अतिरिक्त सीपी संजय भाटिया और डीसीपी (क्राइम) बिशम सिंह के नेतृत्व में ऑपरेशन ईगल चलाया गया। पुलिस को पहले अरशद और मोहम्मद सुलेमान के बारे में पता लगा था। दोनों आरोपी नोएडा में डकैती की योजना बना रहे थे। एसीपी अरविंद, इंस्पेक्टर मंगेश त्यागी और रॉबिन त्यागी की टीम ने पूर्वी दिल्ली के गाजीपुर में एक पेपर मार्केट में रेड के दौरान सुलेमान और अरशद को दबोचा था। कार से पुलिस ने पिस्टल, चाकू और कारतूस बरामद किए थे। यह कार चोरी की थी। इसके बाद दूसरे आरोपियों के बारे में पुलिस को पता लगा। जिसके बाद गाजियाबाद के इलाके में भी रेड की गई। इस पूरे सिंडिकेट का सरगना 33 वर्षीय मदन है, जो जेल से ही नेटवर्क चला रहा है। यह शख्स गाजियाबाद का रहने वाला है। जिसके खिलाफ 12 केस दर्ज हैं।
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