Delhi Excise Policy Case: दिल्ली आबकारी नीति मामले से जुड़े ईडी के मामले में पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की नियमित जमानत याचिका पर शुक्रवार को हाईकोर्ट में सुनवाई। इसके बाद हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया। कोर्ट ने इसी मामले में आप के पूर्व संचार प्रभारी विजय नायर की नियमित जमानत याचिका पर भी आदेश सुरक्षित रख लिया। कोर्ट लंच के बाद अंतरिम जमानत याचिका पर सुनवाई करेगा।
इस बीच, सिसोदिया की कानूनी टीम ने उनकी पत्नी के स्वास्थ्य के आधार पर छह सप्ताह की जमानत के लिए अंतरिम जमानत याचिका दायर की है। ईडी ने याचिका का विरोध किया और कहा कि वह पुलिस सुरक्षा में अपनी पत्नी से मिल सकते हैं।
असिस्टेंट सॉलिसिटर जनरल एवी राजू ने कहा कि सिसोदिया जब मंत्री के तौर 18 विभाग संभालते थे, तब तो उनके पास अपनी पत्नी से मिलने का समय नहीं होता था। वे केवल जमानत के लिए बातें बना रहे हैं। चार दिन पहले याचिका वापस ली, अब फिर वापस आ गए हैं।
Delhi High Court reserves the order on the regular bail petition of former Delhi Deputy CM Manish Sisodia in ED case related to Delhi Excise Policy matter. The Court also reserved the order on regular bail plea of Vijay Nair, ex-communications incharge of AAP in the same case.… pic.twitter.com/fjNEYrGS19
---विज्ञापन---— ANI (@ANI) June 2, 2023
अरबिंदो फार्मा के डायरेक्टर बने सरकारी गवाह
एक दिन पहले गुरुवार को अरबिंदो फार्मा के डायरेक्टर पी सरथ चंद्र रेड्डी गुरुवार को सरकारी गवाह बन गए। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने व्यवसायी रेड्डी को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा जांच की जा रही कथित आबकारी नीति घोटाले में सरकारी गवाह बनने की अनुमति दी। अदालत ने मामले में रेड्डी को माफी भी दे दी है। माना जा रहा है कि मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों का सामना कर रहे दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के लिए यह कदम और मुश्किलें खड़ी कर सकता है।
26 फरवरी को गिरफ्तार हुए थे सिसोदिया
मनीष सिसोदिया को सीबीआई ने 26 फरवरी को गिरफ्तार किया था। इसके बाद उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। कोर्ट के आदेश पर वे न्यायिक हिरासत में हैं। बाद में प्रवर्तन निदेशालय ने सिसोदिया को मनी लॉन्ड्रिंग के केस में अरेस्ट किया था।