Delhi CM Rekha Gupta 5 Limitations: रेखा गुप्ता अब दिल्ली की मुख्यमंत्री बन चुकी हैं। रामलीला मैदान में उनका भव्य शपथ ग्रहण समारोह देखने को मिला। सीएम पद की शपथ लेने के फौरन बाद रेखा गुप्ता आज शाम को कैबिनेट की बैठक करेंगी। खबरों की मानें तो बीजेपी के संकल्प पत्र में मौजूद कई वादों को इस बैठक में मंजूरी मिल सकती है। दिल्ली की कमान अब बेशक रेखा गुप्ता के हाथों में है। मगर आपको जानकर हैरानी होगी कि दिल्ली सीएम के रूप में वो कई बड़े फैसले नहीं ले सकती हैं।
दिल्ली के सीएम की सीमित पावर
1. पुलिस
दिल्ली के मुख्यमंत्री का दिल्ली पुलिस पर कोई अधिकार नहीं होता है। जहां अन्य राज्यों में पुलिस महकमा मुख्यमंत्री के अधीन होता है। वहीं दिल्ली पुलिस विभाग सीधा केंद्रीय गृह मंत्रालय के अंतर्गत आता है। इसे लेकर पहले भी दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार में टक्कर देखने को मिलती रही है।
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2. कानून व्यवस्था
कानून व्यवस्था यानी लॉ एंड ऑर्डर भी दिल्ली के मुख्यमंत्री के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है। दिल्ली में यह जिम्मेदारी उपराज्यपाल के पास है। ऐसे में दंगों से लेकर अपराध नियंत्रण पर दिल्ली सरकार कोई नीति नहीं बना सकती है।
3. भूमि
दिल्ली में भूमि से जुड़े फैसले भी केंद्र सरकार लेती है। दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) भी उपराज्यपाल के अधीन है और दिल्ली सरकार या सीएम इस पर कोई फैसला नहीं ले सकते हैं।
4. उपराज्यपाल के पास विशेष शक्तियां
राज्यों में राज्यपाल सलाहकार की भूमिका निभाता है, लेकिन दिल्ली में उपराज्यपाल के पास कई तरह की विशेष शक्तियां होती हैं। इन्हीं शक्तियों के आधार पर उपराज्यपाल मुख्यमंत्री और दिल्ली सरकार के फैसलों में हस्तक्षेप कर सकते हैं और उन्हें बदलने की भी ताकत रखते हैं।
5. केंद्र की मंजूरी जरूरी
आमतौर पर अन्य राज्यों में सरकारें विधानसभा कानून बनाकर लागू कर सकती हैं। मगर दिल्ली सरकार को ऐसा कोई भी कानून लागू करने के लिए केंद्र सरकार या उपराज्यपाल से मंजूरी लेनी होगी।
दिल्ली में क्यों कम है CM की पावर?
संविधानस के अनुच्छेद 239AA के तहत दिल्ली को विशेष राज्य का दर्जा प्राप्त है। वहीं राष्ट्रीय राजधानी होने के नाते दिल्ली में केंद्र सरकार और संसद का भीकाम होता है। ऐसे में सुरक्षा और प्रशासन पर केंद्र का अधिक नियंत्रण है। 2023 में GNCTD Act पास किया गया। इसके तहत उपराज्यपाल को अतिरिक्त शक्तियां दी गईं।
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