Delhi Blast Umar nabi New CCTV footage: दिल्ली में लाल किले के पास धमाके से पहले उमर नबी मेवात से लौटा था. हरियाणा के नुहू के फिरोजपुर झरिका में लोकल टोल के सीसीटीवी में आतंकी उमर की विस्फोटक से लदी कार गुजरती दिखी थी. सीसीटीवी ब्लास्ट वाले दिन यानी 10 तारीख़ तड़के का है. सूत्र बताते हैं कि मेवात से ही ब्लास्ट के पहले और डॉक्टर मुज्जमिल की गिरफ्तारी के पहले विस्फोटक में इस्तेमाल होने वाले फर्टीलाइजर खरीदे गए थे.
विस्फोटक का कोड वर्ड शिपमेंट और पैकेज
सूत्रों के मुताबिक आतंकी विदेशी हैंडलर्स से एन्क्रिप्टेड रूट माध्यम से बात करते थे और इन्हें इन्ही पर इनको आदेश मिलते थे. अमोनियम नाइट्रेट, ऑक्साइड, फ्यूल ऑयल से जो ये विस्फोटक तैयार करते थे इनको कोड वर्ड में लिखा करते थे. आतंकी डॉक्टर विस्फोटक को शिपमेंट और पैकेज लिखा करते थे. इनके फोन से ये कोड वर्ड बरामद हुए है. सुरक्षा एजेंसी के हाथ लगी है डॉक्टर उमर और डॉक्टर मुजम्मिल की डायरी ,जिससे अब दिल्ली धमाका के कई सवालों के जवाब मिलने की संभावना है.
#WATCH | Delhi terror blast case | CCTV visuals show prime suspect, Dr Umar Un Nabi, at the Mewat Toll in Firozpur Jhirka of Haryana's Nuh district, in the early hours of 10 November.
— ANI (@ANI) November 13, 2025
Visuals confirmed by Joint CP Milind Dumbre of Delhi Police. pic.twitter.com/YwYTC401ur
अल फलाह यूनिवर्सिटी से मिली डायरी
यह डायरी मंगलवार और बुधवार को अल फलाह यूनिवर्सिटी के कैंपस के अंदर डॉक्टर उमर के रूम नंबर चार और मुजम्मिल के रूम नंबर 13 से मिली है . इसके अलावा पुलिस को एक डायरी मुजम्मिल के उस कमरे से भी मिली है जहां से पुलिस ने धौज में 360 किलो विस्फोटक बरामद किया था और यह अलफलाह यूनिवर्सिटी से महज 300 मीटर की दूरी पर है. मिली डायरी और नोटबुक में कोड वर्ड्स का इस्तेमाल किया गया है ,जिनका रेफरेंस 8 से 12 नवंबर के तौर पर भी आ रहा है. सूत्रों की माने तो डायरी के अंदर ऑपरेशन शब्द का कई बार इस्तेमाल किया गया है .
डॉक्टरी छोड़ आतंकी क्यों बन रहे युवा
उत्तरप्रदेश के पूर्व डीजीपी ऐके जैन कहते हैं कि बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है जनता के टैक्स के पैसों से डॉक्टरी करने वाले डॉक्टर एमबीबीएस एमडी बने हैं, डॉक्टरी छोड़ के आतंकी गतिविधियों में शामिल हो गए. डॉ शाहीन पढ़ी-लिखी महिला है, दो बच्चों की मां है, बावजूद इसके गाड़ी से एक-47 जैसे घातक हथियार बरामद होते हैं. बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है देश के लिए इतने पढ़े लिखे मुस्लिम नवयुवक आतंकवाद से प्रभावित होकर आतंकी घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं. ये देश हित में नहीं है इनके ऐसा करने से सांप्रदायिक तनाव पैदा हो सकते हैं. उनकी प्लानिंग कई जगह पर धमाके करने की थी जम्मू कश्मीर पुलिस और हरियाणा की पुलिस और खुफिया एजेंसी के कारण इन लोगों को प्लान बदलना पड़ा. किस प्रकार की शिक्षा इन लोगों को दी गई. इन सब चीजों को लेकर विचार करना होगा जांच होनी चाहिए.










