Vijay Kumar Malhotra Passes Away: भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता विजय कुमार यानी वीके मल्होत्रा का 93 साल की उम्र में निधन हो गया है. उन्होंने मंगलवार की सुबह दिल्ली के एम्स में अंतिम सांस ली. वीके दिल्ली के कद्दावर नेता रह चुके हैं. उन्होंने पूर्व पीएम डॉक्टर मनमोहन सिंह को भी हार का स्वाद चखाया हुआ है. बताया जा रहा है कि वे पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे और इलाज करवा रहे थे. AIIMS ने अपना एक बयान जारी किया है जिसमें उन्होंने विजय के निधन की जानकारी साझा की थी. जानिए कौन थे लाहौर में जन्मे विजय कुमार मल्होत्रा जिन्होंने दिल्ली में BJP की जड़ों को मजबूत किया था.
लाहौर में जन्में बीजेपी नेता
विजय कुमार मल्होत्रा का जन्म 3 दिसंबर 1931 में हुआ था. वीके ब्रिटिश इंडिया में लाहौर में पैदा हुए थे, जो आज का पाकिस्तान है. वे दिल्ली की राजनीति के एक मजबूत नेता माने जाते हैं जिन्होंने जनसंघ को बढ़ाने में विशेष भूमिक निभाई है. वे 1972-75 में जनसंघ के अध्यक्ष और 1977-80 और 1980-84 के बीज 2 बार दिल्ली बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं.
वीके मल्होत्रा एक शिक्षाविद् भी रहे चुके हैं. उन्होंने हिंदी साहित्य में डॉक्टरेट की उपाधि हासिल की हुई है. राजनीति और सामाजिक कार्यों के अलावा, मल्होत्रा दिल्ली में शतरंज और तीरंदाजी क्लबों के भी प्रशासनिक भूमिका पर रह चुके हैं.
पूर्व PM डॉक्टर मनमोहन सिंह को हराया
विजय कुमार मल्होत्रा ने दिल्ली में बीजेपी और जनसंघ को मजबूत करने में सक्रिय भूमिका निभाई है. उनका राजनीति में सफर लंबा रहा है. केदार नाथ साहनी और मदन लाल खुराना जैसे नेताओं के साथ उन्होंने दशकों पहले दिल्ली में बीजेपी की नींव रखी थी. मगर उनके जीवन का सबसे यादगार आम चुनाव तब था जब उन्होंने पूर्व डॉक्टर मनमोहन सिंह को हराया था. साल 1999 में हुए आम चुनावों में दोनों के बीच वोट का अंतर जमीन-आसमान के अंतर जैसा था.
2004 में इकलौते उम्मीदवार, 2008 में मुख्यमंत्री दावेदार
दिल्ली की राजनीति में जैसे शिला दिक्षीत का नाम अमिठ है बिल्कुल वैसे ही बीजेपी के वीके मल्होत्रा भी थे. 2004 में हुए आम चुनावों में वे दिल्ली में बीजेपी से सीट हासिल करने वाले इकलौते उम्मीदवार रहे थे. उनकी बेदाग और साफ-सुथरी छवि थी. वीके 2008 से 2013 तक दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता के तौर पर रहे थे.
भाजपा ने 2008 में उन्हें अपना मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार भी घोषित किया था. इसके अलावा, वीके का 45 साल का लंबा राजनीतिक सफर रहा जिसमें वे 5 बार दिल्ली में सांसद और 2 बार विधायक रह चुके थे.
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