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Delhi: “मुझे घर-घर जाकर भीख भी मांगनी पड़ी तो मागूंगा, जानिए सीएम केजरीवाल ने ऐसा क्यों कहा?

नई दिल्ली: मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने “दिल्ली की योगशाला” को रोकने के भाजपा और एलजी के मंसूबों पर पानी फेरा दिया है। दिल्ली में फ्री योग की क्लासेज जारी रहेंगी। इस संबंध में सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मुझे घर-घर जाकर भीख भी मांगनी पड़ी तो मांगकर टीचरों को पैसे देकर दिल्ली के लोगों […]

Edited By : Yashodhan Sharma | Updated: Nov 1, 2022 19:50
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free yoga classes

नई दिल्ली: मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने “दिल्ली की योगशाला” को रोकने के भाजपा और एलजी के मंसूबों पर पानी फेरा दिया है। दिल्ली में फ्री योग की क्लासेज जारी रहेंगी। इस संबंध में सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मुझे घर-घर जाकर भीख भी मांगनी पड़ी तो मांगकर टीचरों को पैसे देकर दिल्ली के लोगों को योग कराऊंगा।

सत्ता के अहंकार में भाजपा और एलजी साहब दिल्ली के दो करोड़ लोगों के ऊपर काम रोकने के जितने तीर चलाएंगे, मैं उन सारे तीरों को झेलूंगा और जनता को किसी तरह की तकलीफ नहीं होने दूंगा। इनको लगता है कि सत्ता का दुरुपयोग कर देश को रोक सकते हैं, लेकिन लोगों ने ठान लिया है कि अब देश नहीं रुकेगा।

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सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली के हर अच्छे काम को रोकने की कोशिश की जा रही है। इन्होंने दिल्ली की दिवाली और रेड लाइट ऑन-गाड़ी ऑफ प्रोग्राम को रोक दिया। अब इनका अगला टारगेट मोहल्ला क्लीनिक और स्कूल हैं। ये दवाइयों और टेस्ट के टेंडर रोकने वाले हैं और गेस्ट टीचर व कच्चे कर्मचारियों को तंग करने वाले हैं ताकि काम प्रभावित हो। मैं दिल्ली के लोगों को यकीन दिलाना चाहता हूं कि आप बिल्कुल चिंता मत करना। मैं आपके साथ खड़ा हू। बीजेपी और एलजी साहब दिल्ली के कामों में कितना भी अड़चन अड़ा लें, लेकिन मैं एक भी काम को रुकने नहीं दूंगा।

 सत्ता का दुरुपयोग कर फ्री योग की क्लास को कराया बंद

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि पिछले साल दिसंबर के महीने में हम लोगों ने ‘‘दिल्ली की योगशाला नामक कार्यक्रम शुरू किया था। दिल्ली में अगर कोई बीमार हो जाए, उसके इलाज के लिए हम लोगों ने शानदार स्वास्थ्य सेवाओं का इंतजाम किया है। चारों तरफ मोहल्ला क्लीनिक खोले हैं। दिल्ली के सरकारी अस्पताल पहले बहुत बुरी हालत में होते थे। उन सारे सरकारी अस्पतालों को बहुत शानदार बनाया गया है।

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सरकारी अस्पतालों में सारी दवाई, टेस्ट और सारा इलाज मुफ्त है। हमें लगता है कि किसी को इलाज की जरूरत ही क्यों पड़े? हमें जनता को स्वस्थ्य रखना है। अगर रोज लोग योग और प्राणायाम करेंगे, तो लोगों को बीमारियां ही नहीं रहेंगी। उस२ मकसद से दिसंबर 2021 में दिल्ली की योगशाला नाम से कार्यक्रम शुरू किया गया था, जिसमें दिल्ली के अलग-अलग इलाकों के पार्कों या सार्वजनिक स्थानों पर 25 से ज्यादा लोग इकट्ठे होकर अगर दिल्ली सरकार को मिस्ड कॉल करें, तो दिल्ली सरकार एक प्रशिक्षक भेजती है और उनको प्रतिदिन फ्री में योग सिखाती और करवाती है।

पिछले 11 महीनों से दिल्ली की योगशाला बहुत शानदार चल रही थी। करीब 590 स्थानों पर रोजाना योग की क्लासेज चलती थी। इनमें करीब 17 हजार लाभार्थी रोजाना आ रहे थे। हमारा मकसद इसे 17 हजार से भी बहुत आगे ले जाना था। नया-नया कार्यक्रम होने के बावजूद बहुत तेजी से बढ़ रहा था। लोग भी बहुत खुश थे। इन 17 हजार में कई ऐसे लोग थे जो पोस्ट कोविड कॉम्पलिकेशन से जूझ रहे थे। लगभग 10-11 हजार लोग ऐसे थे, जोकि पोस्ट कोविड कॉम्पलिकेशन से जूझ रहे थे और उन्हं बहुत फायदा हो रहा था।

‘‘दिल्ली की योगशाला’’ प्रोग्राम को बंद करने से दिल्ली के लोगों में है बहुत ज्यादा गुस्सा 

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मुझे बेहद दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि इन लोगों ने मिलकर आज से दिल्ली में योग की क्लासेज बंद करा दी है। आज सुबह दिल्ली में मुफ्त योगा क्लासेज नहीं हुई। 17 हजार लाभार्थी योग करने से रह गए। जो लोग अस्थमा, पोस्ट कोविड कॉम्पलिकेशन से बीमारे थे वो आज योग करने से वंचित रह गए। इन्होंने कहा है कि आज के बाद से योग की क्लासेज नहीं होंगी। यह बेहद दुख की बात है। योग को कौन बंद करता है?

पहली बार सुना होगा कि लोगों की सेहत के लिए इतना अच्छा कार्यक्रम था और सत्ता के अंहकार व नशे में इन लोगों ने योग की क्लासेज बंद कर दिया। पिछले कुछ दिनों से यह खबर चल रही है कि योग की क्लासेज बंद होने वाली है। इसको लेकर दिल्ली के लोगों में बहुत ज्यादा गुस्सा है।

आज जब अखबारों में छपा कि योग की क्लासेज बंद होने वाली है, तो मेरे पास योग की क्लासेज लेने वाले कई टीचरों के फोन आए। उन टीचरों ने कहा कि हम योग की क्लासेज बंद नहीं होनी चाहिए। हम बिना पेमेंट के क्लासेज करेंगे। मेरे पास देशभर से कई लोगों के फोन आए कि हम डोनेशन देंगे। हम योग की क्लासेज लेने वाले टीचरों की सैलरी देंगे, लेकिन आप योग की क्लासेज मत रोकिएगा।

ये लोग अपनी सत्ता का दुरूपयोग कर योग को रोकेंगे तो दिल्ली की जनता इसका जवाब देगी

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जिस तरह से इस पूरे योग के प्रोग्राम को लोगों का समर्थन मिल रहा है, उनके लिए मैं सभी का शुक्रिया करना करता हूं। मैं आज यह ऐलान करना चाहता हूं कि योग की क्लासेज बंद नहीं होगी। योग बंद नहीं होगा। ये लोग अपने सत्ता के अंहकार में कानून का दुरूपयोग करके, अफसरों को डरा धमका कर, एडमिनिस्ट्रेशन का गलत दुरूपयोग करके चाहे सरकार का समर्थन वापस ले लें, लेकिन दिल्ली के 2 करोड़ लोग मिलकर इन योग की क्लासेज को करवाएंगे। यह योग की क्लासेज जारी रहेंगी।

मेरी सभी टीचर्स से अपील है कि आप कल से योग की क्लासेज में जाइए और क्लासेज लीजिए। मुझे अगर कटोरा लेकर घर-घर जाकर भीख भी मांगनी पड़ेगी, तो मैं खुद जाकर लोगों से भीख मागूंगा और आपकी पेमेंट करूंगा। जो भी आपके चार्जेज हैं, उसे मैं दूंगा और योग की क्लासेज होंगी। योगा क्लासेज को रोका नहीं जाएगा।

हमारा मकदस है सिर्फ 17 हजार लोगों को योग कराना नहीं है, बल्कि 17 लाख लोगों को योग कराएंगे और एक दिन हम दिल्ली के 2 करोड़ लोगों को योग करना सिखाएंगे। हम देखते हैं कि ये लोग कैसे रोकते है? ये लोग अपनी सत्ता का दुरूपयोग करके रोकेंगे तो दिल्ली की जनता इसका जवाब देगी।

अभी तो योगशाला दिल्ली में शुरू हुई है। मेरी पंजाब के सीएम भगवंत मान से भी बात हुई है। हम पंजाब के 3 करोड़ लोगों को भी योग सिखाएंगे। गुजरात में हमारी सरकार बनेगी, वहां भी हम लोगों को मुफ्त में योगा सिखाएंगे। मुझे पूरा यकीन है कि एक दिन ऐसा आएगा, जब हम देश के 130 करोड़ लोगों को फ्री में योग सिखाएंगे।

 लोगों ने ठान लिया है कि अब देश रूकेगा नहीं

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इनके पास सत्ता है और सत्ता का अंहकार है। ये लोग उस सत्ता का दुरूपयोग कर रहे हैं। हमारे पास दिल्ली के 2 करोड़ लोग है और उन 2 करोड़ लोगों का साथ है। कहते है कि मारने वाले से बचाने वाला ज्यादा ताकतवर और अच्छा होता है। वैसे ही काम रोकने वाले से काम करने वाले ज्यादा अच्छा होता है। ये लोग सोचते हैं कि ये इतने ताकतवार हो गए हैं कि इस देश को रोक सकते हैं, लेकिन लोगों ने ठान लिया है कि अब देश रूकेगा नहीं। पिछले कई महीनों से हम लोग देख रहे हैं कि दिल्ली के हर अच्छे काम को रोकने की कोशिश की जा रही है।

इन्होंने दिल्ली की दिवाली नहीं होने दी। हर साल हम दिल्ली की दिवाली मनाया करते थे, लेकिन इस बार इन्होंने अफसरों पर दवाब डालकर दिल्ली की दिवाली नहीं होने दी। रेडलाइट आन-गाड़ी आफ कैंपेन बेहद अच्छा प्रोग्राम था और पिछले 3-4 साल से चल रहा था। हर साल पॉल्यूशन के टाइम पर हमलोग करते थे। इस प्रोग्राम को इन्होंने रोक दिया। अब सुनने में आ रहा है कि मोहल्ला क्लीनिक और स्कूल इनके अगले टारगेट हैं।

मोहल्ला क्लीनिक की चर्चा पूरी दुनिया में होती है। अब मुझे पता चला है कि मोहल्ला क्लिनिकों में जो मुफ्त दवाइयां देते हैं और टेस्ट करते हैं, उसके टेंडर रोकने वाले हैं। मुझे पता चला कि अस्पतालों में जो कच्चे कर्मचारी हैं, उनको तंग करने वाले है। स्कूलों में गेस्ट टीचर्स को तंग करेगे। उनको निकालने की कोशिश करेंगे। कच्चे कर्माचारियों को तंग करेंगे। ताकि स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई में अड़चन आए। मोहल्ला क्लीनिक और अस्पतालों में अड़चन आए। ये हर चीज रोकना चाहते हैं।

आपका बेटा-आपका भाई आपके साथ खड़ा है

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मैं दिल्ली के लोगों को यकीन दिलाना चाहता हूं कि आप बिल्कुल चिंता मत करना। मैं आपके साथ खड़ा हूं। मैं आपकी ढाल बनकर खड़ा हूं। बीजेपी और एलजी साहब मिलकर दिल्ली के कामों में जितना अड़चन अड़ाएंगे, मैं एक भी काम को रूकने नहीं दूंगा। आपका बेटा- आपका भाई आपके साथ खड़ा है। मैं एक भी काम को रूकने नहीं दूंगा। उसके लिए मुझे जो भी करना पड़े।

जैसे इन्होंने योग की क्लासेज रोकी, लेकिन हम योग की क्लासेज को रूकने नहीं देंगे। ये मोहल्ला क्लीनिक को रोकने की कोशिश करेंगे, लेकिन हम मोहल्ला क्लीनिकरूकने नहीं देंगे। ये स्कूलों में अड़चन अड़ाने की कोशिश करेंगे, हम स्कूलों को रूकने नहीं देंगे। ये लोग अस्पतालों को रोकने की कोशिश करेंगे, हम अस्पतालों को हम रूकने नहीं देंगे। दिल्ली का कोई काम नहीं रूकने देंगे। एलजी साहब और बीजेपी दिल्ली के लोगों के ऊपर जितने तीर चलाएंगे, मैं दिल्ली के लोगों के सामने खड़ा होकर उन सारे तीरों को झेलूंगा और जनता को किसी तरह की तकलीफ नहीं होने दूंगा।

एलजी दिल्ली के दो करोड़ लोगों के वोट और उनके भरोसे का कर रहे हैं अपमान 

मीडिया के सवालों को जवाब देते हुए सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कल से एलजी साहब कह रहे हैं कि फाइल नहीं पहुंची है। 26 अक्टूबर को उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने फाइल पर हस्ताक्षर कर भेजे थे। मैं देख रहा हूं कि एलजी साहब की तरफ से जो पत्र आ रहे हैं, उसमें वो बहुत गाली-गलौंज लिखते हैं। उससे मुझे किसी तरह की तकलीफ नहीं है। केजरीवाल महत्वपूर्ण नहीं है। केजरीवाल बहुत छोटी चीज है। वो केजरीवाल को जो मर्जी बोलें, जो मर्जी गालियां दें, मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता। मेरा जिंदगी में एक ही मकसद है कि मैं दिल्ली की जनता की सेवा करना चाहता हूं।

मैंने कुछ पुण्य किए होंगे, जो उपरवाले ने मुझे इतनी बड़ी जिम्मेदारी दी है और दिल्ली की जनता की सेवा करने का सौभाग्य दिया है। मुझे तकलीफ यह होती है कि जब एलजी साहब मुझे लिखते हैं, गालियां देते हैं, तो वो केजरीवाल को गालियां नहीं देते हैं, बल्कि वो दिल्ली के मुख्यमंत्री को गाली देते हैं। दिल्ली का मुख्यमंत्री दिल्ली के दो करोड़ लोगों का प्रतिनिधित्व करता है। दिल्ली के मुख्यमंत्री को गाली देकर वो दिल्ली के दो करोड़ लोगों का अपमान कर रहे हैं। दिल्ली के लोगों के वोट का और उनके भरोसे का अपमान कर रहे हैं। यह ठीक नहीं है। दिल्ली के लोगों का अपमान नहीं होना चाहिए और गाली-गलौंज की राजनीति से क्या निकलता है?

 कूड़ा डालने के लिए तलाश रहे हैं नई जगह 

दिल्ली में 16 और कूड़े के पहाड़ बनाने के सवाल का जवाब देते हुए सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अभी चुनाव से पहले वो और क्या कर सकते हैं? इनकी सारी प्लानिंग है। चुनाव से पहले अपना चेहरा बचाने के लिए ये इस तरह की अफवाहें फैला रहे हैं। दिल्ली में जो बड़े-बड़े तीन कूड़ा घर हैं, उनके उपर और कूड़ा डालना खतरनाक हो चुका है। इसलिए ये अब जगह-जगह जमीन तलाश रहे हैं। मैं कुछ कागज भी दे सकता हूं, जिसमें तीन-चार जगहों के नाम भी लिखे हुए हैं कि इन जमीन के टुकड़ों को भविष्य में लैडफिल साइज के लिए चिंहित किए गए हैं। हो सकता है कि ये 16 से भी ज्यादा हो।

मोरबी हादसा बड़े भ्रष्टाचार का मामला, भाजपा सरकार से देश के लोग पूछ रहे कि घड़ी बनाने वाली कंपनी को पुल का ठेका क्यों, बिना टेंडर के ठेका क्यों दिया? कंपनी और मालिक का नाम एफआईआर में क्यों नहीं है? उन्हें क्यों बचाया जा रहा है? क्या भाजपा को कभी इस कंपनी से चंदा मिला? कितना?

गुजरात के मोरबी में पुल टूटने से हुई करीब 150 मौतों के सवाल पर सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मोरबी के अंदर इतने सारे लोगों की मौत हो गई हैं। मैं भगवान से उनकी आत्मा की शांति के प्रार्थना करता हूं। भगवान उन सबको अपने श्रीचरणों में जगह दें। भगवान घायल लोगों को जल्द से ठीक करें, ताकि वो जल्द अपने घर जा सकें। इसमें सारे तथ्य निकल कर आ रहे हैं कि यह एक बहुत बड़े भ्रष्टाचार का मामला है। जिसको अब दबाने की कोशिश की जा रही है। ऐसा कहा जा रहा है कि एक घड़ी बनाने वाली कंपनी को पुल बनाने का ठेका दे दिया गया, जबकि उसने कभी पुल नहीं बनाया है।

पहला प्रश्न यह उठता है कि एक घड़ी बनाने वाली कंपनी को पुल बनाने का ठेका क्यों दिया गया? दूसरा सवाल यह कि उस कंपनी को बिना टेंडर किए पुल के मेंटिनेंस व रख-रखाव का ठेका क्यों दिया गया? उस कंपनी के पास इस तरह के पुल बनाने या रख-रखाव का कोई अनुभव नहीं था, तो बिना टेंडर के कंपनी ठेका क्यों दिया गया? इसका मतलब है कि उनका किसी न किसी के साथ रिश्ते हैं। कंपनी के रिश्ते या तो इनकी पार्टी के साथ हैं या फिर इनके नेताओं साथ है। तीसरी बात यह आ रही है कि इस पुल को 8 से 12 महीने में पूरा करना था, लेकिन उन्होंने केवल 6-7 महीने में ही घटिया तरीके से पूरा करके चालू कर दिया।

इसके अलावा, एफआइआर में कंपनी और कंपनी के मालिक का नाम नहीं है। अभी से इस पूरे मामले में लीपापोती चालू हो गई है। कंपनी और कंपनी के मालिक को बचाने का पूरा काम शुरू हो गया है। एक आरोप लग रहा है और मैं उनसे पूछना भी चाहता हूं कि क्या यह सच है कि उन्होंने इनकी पार्टी को भारी चंदा दिया है। इन सारे सवालों के जवाब तो देने पड़ेंगे। मैं समझता हूं कि इतने बड़े भ्रष्टाचार की वजह से अगर 150 लोगों की मौत हो जाए, तो उस राज्य के मुख्यमंत्री को अपने पद पर बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। गुजरात की सरकार को इस्तीफा देकर तुंरत चुनाव करा देनी चाहिए।

मोरबी हादसे को दबाने के लिए ये लोग सुकेश चंद्रशेखर को लेकर आए हैं

सुकेश चंद्रशेखर की चिट्ठी के सवाल पर सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मैंने अभी इसे पढ़ा। पंजाब के चुनाव के पहले ये लोग कुमार विश्वास को लेकर आए थे। भाजपा ने जब देखा था कि पंजाब चुनाव को वो हार रहे हैं, तो कुमार विश्वास के कंधे पर बंदूक रखकर चलाई। अब गुजरात के अंदर भाजपा की इतनी बुरी हालत हो चुकी है कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी को सुकेश चंद्रशेखर के कंधों के सहारे की जरूरत पड़ रही है। उसने किसी मुख्यमंत्री का बेटा बनकर पैसे लूटे, एक बार सीबीआई आफिसर बनकर पैसे लूटे, एक बार लॉ सेक्रेटरी बनकर पैसे लूटे, एक बार उसने पीएमओ का ऑफिसर बनकर पैसे लूटे। अब इनको उसके सहारे गुजरात चुनाव लड़ने की जरूरत पड़ रही है।

परसों मोरबी हादसा हुआ। कल 24 घंटे सारा मीडिया मोरबी का मुद्दा उठाता है और आज अचानक टीवी चैनल से मोबरी गायब हो गया और सुकेश चंद्रशेखर के आरोप पर चैनल बात कर रहे हैं। मोरबी से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए यह एक पूरी तरह से फर्जी स्टोरी प्लांट की गई है और सारे चैनल सुकेश चंद्रशेखर और सत्येंद्र जैन की बात कर रहे हैं। इन्होंने मोरबी के मुद्दे को सफलता पूर्वक डायवर्ट कर दिया है।

इस समय सारे चैनल सुकेश चंद्रशेखर की बात कर रहे हैं, जबकि मोरबी में 150 लोगों की मौत हो चुकी है। उसको सब भूल चुके हैं। इन्होंने कहा कि मनीष सिसोदिया ने शराब घोटाला किया। दो महीने हो चुके हैं और जांच में 800 अफसर लगे हैं, लेकिन इनको कुछ नहीं मिला। इन्होंने कहा कि हम बसों में पैसे खा गए। उसमें भी कुछ नहीं मिला। इन्होंने पता नहीं कितने आरोप लगाए हैं, लेकिन अभी तक किसी भी आरोप में कुछ नहीं निकला है। इनके सारे आरोप मनगढ़ंत और फर्जी हैं।

इस बार ‘‘आप’’ के आने से भाजपा-कांग्रेस को करना पड़ रहा है संघर्ष

गुजरात में यूनिफार्म सिविल कोड को लागू करने की कवायद पर सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि ये सारी चीजें गुजरात चुनाव से पहले हो रही हैं। अब ये यूनिफार्म सिविल कोड को लागू करने की बात कर रहे हैं। अच्छी बात है। हम इसका विरोध नहीं कर रहे हैं। लेकिन 27 साल के बाद अचानक 2022 में गुजरात चुनाव से पहले क्यों याद आ रहा है? क्योंकि अभी तक इनको गुजरात में कुछ करने की जरूरत ही नहीं पड़ती थी। भाजपा-कांग्रेस में अच्छी सेटिंग थी। दोनों चुनाव लड़ते ही नहीं थे। लेकिन इस बार इन लोगों को चुनाव से पहले संघर्ष करना पड़ रहा है, क्योंकि आम आदमी पार्टी वहां आ गई है।

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Written By

Yashodhan Sharma

First published on: Nov 01, 2022 07:46 PM

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