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CAG रिपोर्ट में दिल्ली की फ्री बस सेवा पर बड़ा खुलासा, DTC को कैसे 35 हजार करोड़ का घाटा?

mpact of Free Bus Service on DTC: दिल्ली विधानसभा में आज कैग की 14 रिपोर्ट पेश की जाएंगी। इसमें डीटीसी परिवहन निगम से जुड़ी रिपोर्ट भी शामिल है। जानकारी के अनुसार यही वह पहली रिपोर्ट है, जिसे तत्कालीन केजरीवाल सरकार ने विधानसभा में पेश नहीं किया था।

Author Edited By : Rakesh Choudhary Updated: Feb 25, 2025 09:01
CAG Audit on Free Bus Service
CAG Audit on Free Bus Service

CAG Audit on Free Bus Service: दिल्ली विधानसभा में आज कैग की 14 रिपोर्ट पेश की जाएंगी। इसमें एक रिपोर्ट डीटीसी बसों से जुड़ी है। यह वह पहली रिपोर्ट है जिसे आप सरकार ने विधानसभा में रखने से इनकार कर दिया था। दिल्ली परिवहन निगम की बसों को लेकर कैग ने कहा कि दिल्ली परिवहन निगम का घाटा 2015-16 में 25 हजार 300 करोड़ रुपये था। जो 2021-22 में बढ़कर 60 हजार 750 करोड़ रुपये हो गया है।

कैग की रिपोर्ट के अनुसार 45 प्रतिशत बसें ऐसी हैं जो पूरी तरह कबाड़ हो चुकी है। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार 2009 से डीटीसी बसों के किराए में कोई बदलाव नहीं हुआ है। महिलाओं को फ्री बस सेवा योजना शुरू करने से बोझ और बढ़ गया है। कैग ने बताया कि डीटीसी को घाटे से निकालने के लिए किसी ठोस योजना की जरूरत है। बता दें कि डीटीसी की टूटी बसें बदलने के लिए 2015 में अरविंद केजरीवाल ने 10 हजार नई बसें खरीदने का ऐलान किया था।

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45 प्रतिशत बसें कबाड़ हो चुकी

बता दें कि 2007 में दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि डीटीसी के पास 11 हजार बसों का बेड़ा होना चाहिए। पांच साल बाद दिल्ली कैबिनेट ने तय किया कि दिल्ली में 5500 बसें होंगी। कैग रिपोर्ट के अनुसार मार्च 2022 के अंत में डीटीसी के पास 3937 बसों का बेड़ा था। जिसमें से 1770 यानी करीब 45 प्रतिशत बसें कबाड़ हो चुकी है। जबकि लो फ्लोर बसें 10 साल से अधिक पुरानी थीं उन्हें अगले महीने के लास्ट तक हटाया जाना था।

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300 नई बसों की खरीद की

आप सरकार ने 2022 में 300 नई बसों की खरीद की, लेकिन इसके बावजूद 1740 बसों की कमी थी। कैग की रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि फेम-1 योजना के तहत मिले 49 करोड़ रुपये का लाभ भी आप सरकार ने नहीं उठाया। फेम-2 के तहत इलेक्ट्रिक बसों की अनुबंध की अवधि 12 वर्ष से घटाकर 10 वर्ष कर दी गई।

रूटों को लेकर भी कई कमियां

इसके अलावा कैग ने रूटों को लेकर भी कई कमियां उजागर की। रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली के 468 मार्गों पर बसों का संचालन किया जा रहा है। किसी भी मार्ग पर चलने वाली बस अपना उस रूट का खर्च वसुलने में भी नाकाम रही है। इस कारण 2015 से लेकर 2022 तक डीटीसी को 14 हजार 199 करोड़ रुपये का घाटा हुआ।

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Edited By

Rakesh Choudhary

First published on: Feb 25, 2025 09:01 AM

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