Ashok Gehlot Defamation Case: केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत द्वारा राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर मानहानि का मुकदमा दर्ज कराने के मामले में सोमवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश हुए। इस दौरान अशोक गहलोत के वकील की तरफ से सुनवाई टालने की मांग की। संजीवनी घोटाला मामले में गहलोत की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है।
गौरतलब है कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत पर संजीवनी घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाया था। इस मामले में न सिर्फ गजेंद्र सिंह शेखवात पर, बल्कि उनकी स्वर्गवासी मां और परिवार के ऊपर भी इस घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाया था।
इसके बाद गजेंद्र सिंह शेखावत ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाते हुए मानहानि का मामला दर्ज करवाया था। हालांकि अशोक गहलोत ने अपनी दलील में साफ कहा था कि जो भी उन्होंने आरोप लगाए थे वो राजस्थान पुलिस की एसओजी की रिपोर्ट के आधार पर बाते कहीं थीं।
आपको बताते चलें कि अब इस मामले कि सुनवाई राउज एवेन्यू कोर्ट में 28 अगस्त को होगी। वहीं कोर्ट ने गजेंद्र सिंह शेखावत के वकील को मामले से जुड़े सभी दस्तावेजों को अशोक गहलोत के वकीलों को देने का आदेश दिया है। उधर, अशोक गहलोत के वकील ने अपना पक्ष रखते हुए बताया कि सेशन कोर्ट ने अंतरिम आदेश को 16 सितंबर तक बढ़ाया है।
28 अगस्त होगी मामले में सुनवाई
अशोक गहलोत के वकील ने आगे कहा कि शिकायतकर्ता (गजेंद्र सिंह शेखावत को) भी कोर्ट में सुनवाई के लिए पेश होना चहिए। इस पर गजेंद्र सिंह शेखावत के वकील ने कहा कि मामले की सुनवाई पर सेशन कोर्ट ने कोई स्टे नहीं लगाया गया है, जबकि जिरह के दौरान अशोक गहलोत के वकील ने कहा कि इस मामले में कोई अर्जेंसी नहीं है, हमने सेशन कोर्ट में कोर्ट की कार्यवाही पर रोक लगाने की मांग की है। बता दें कि सेशन कोर्ट में मामले की सुनवाई चल रही है। 16 सितंबर को सेशन कोर्ट में सुनवाई होनी है। हालांकि कोर्ट ने कहा कि मामले की अगली सुनवाई 28 अगस्त को होगी।
गौरतलब है कि संजीवनी घोटाले में लाखों निवेशकों के साथ करोड़ों की ठगी हुई थी, जिसको लेकर अशोक गहलोत ने आरोप गजेंद्र सिंह शेखावत पर लगाए थे। वहीं, गजेंद्र सिंह ने साफ कहा कि संजीवनी घोटाले से उनके और उनके परिवार का कोई लेना देना नहीं है।