SheshMahal Row Over Renovation: ‘शीशमहल’ दिल्ली का वह बंगला है जो कभी पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का निवास हुआ करता था। पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दिल्ली के सिविल लाइंस के फ्लैग स्टाफ रोड स्थित जिस सरकारी आवास में रहते थे, उसमें हुए रेनोवेशन का काम जांच के घेरे में है। वहीं, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भाजपा के सत्ता में लौटने के कुछ दिनों बाद पार्टी ने कहा है कि वह पत्रकारों को ‘शीशमहल’ के अंदर ‘गाइडेड टूर’ पर ले जाएगी।
चुनाव के दौरान भाजपा ने उठाया था मुद्दा
गौरतलब है कि भाजपा ने इस सरकारी आवास को ‘शीशमहल’ का नाम देते हुए इसके सौंदरीकरण में करोड़ों रुपये के खर्च के मुद्दे को विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान जोर-शोर से उठाया था। भाजपा ने केजरीवाल को ‘आम आदमी’ होने के उनके दावे पर निशाना साधा था। जब भाजपा सत्ता में आई है तो प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने स्पष्ट किया है कि भाजपा का कोई भी मुख्यमंत्री इस शीशमहल में नहीं रहेगा। उन्होंने कहा था कि शीशमहल में हुए अवैध निर्माण को लेकर भाजपा सरकार उचित कार्रवाई करेगी।
BJP पत्रकारों को बंगले के अंदर ले जाएगी: प्रवेश वर्मा
हाल के चुनावों में केजरीवाल को नई दिल्ली विधानसभा से हराने वाले भाजपा विधायक और कैबिनेट मंत्री प्रवेश वर्मा ने सोमवार को मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि वह पत्रकारों को बंगले के अंदर ले जाएंगे ताकि उन्हें यह पता चल सके कि पिछली AAP सरकार ने किस तरह करदाताओं के पैसे का इस्तेमाल तत्कालीन मुख्यमंत्री के विलासितापूर्ण जीवन के लिए किया था। बता दें कि ‘शीशमहल’ शब्द एक आलीशान घर के लिए बोलचाल की हिंदी भाषा का शब्द है, जिसे पिछले साल भाजपा ने चुनाव प्रचार के दौरान गढ़ा था। जल्द ही यह आप प्रमुख केजरीवाल के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाने के लिए उनका सबसे घातक हथियार बन गया, जिन्होंने एक दशक पहले भ्रष्टाचार विरोधी नेता की छवि के साथ राजनीति में प्रवेश किया था।
33 करोड़ रुपये की लागत से हुआ था रेनोवेशन
इस बंगले के नवीनीकरण में 33 करोड़ रुपये की भारी भरकम लागत आई है। भाजपा ने आरोप लगाया है कि आप ने इसमें जकूजी (jacuzzi) समेत कई अतिरिक्त सुविधाएं जोड़ी हैं। भाजपा ने नवीनीकरण की कुछ तस्वीरें भी साझा की हैं। वहीं, दिल्ली भाजपा प्रमुख वीरेंद्र सचदेवा ने आरोप लगाया था कि इस बंगले को 4 सरकारी संपत्तियों को मिलाकर 50,000 वर्ग मीटर में फैले एक भव्य परिसर में बदल दिया गया। उन्होंने इन संपत्तियों को वापस अलग करने के लिए उपराज्यपाल वीके सक्सेना को पत्र लिखा है।
सीएम रेखा गुप्ता ने इस बंगले में नहीं रहने का लिया फैसला
हालांकि, फरवरी में हुए चुनावों में AAP को करारी हार मिलने के बाद पार्टी ने पत्रकारों को अंदर ले जाने की योजना बनाई है। भाजपा के बाद दूसरे स्थान पर रहने के बाद केजरीवाल की पार्टी अब विपक्ष की बेंच पर बैठी है। केजरीवाल 2015 से 2024 के बीच मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान इस बंगले में रहे थे। भाजपा की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने यहां नहीं रहने का फैसला किया है और इसके भविष्य के उपयोग के बारे में अभी निर्णय लिया जाना बाकी है।